- 10वीं-12वीं के स्टूडेंट्स को तैयारियों के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे प्रिंटेड सैंपल पेपर, जरुरत पड़ने पर एसएमसी फंड का उपयोग कर रिसोर्स पर्सन्स को भी बुला सकेंगे स्कूल प्रमुख
- नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं सोमवार से होंगी शुरू, पहले दो हफ्ते माइंडफुलनेस-हैप्पीनेस क्लास व अन्य गतिविधियों के जरिए बच्चों के मेंटल-इमोशनल वेल-बींक्षइंग पर किया जाएगा काम
- छोटी कक्षाओं में टीचर वन-ऑन-वन इंटरेक्शन की मदद से हर बच्चों से भावनात्मक रूप से जुड़कर उनकी सीखने संबंधी आवश्यकताओं पर करेंगे काम
- शिक्षा निदेशक जिलेवार शिक्षा अधिकारियों व स्कूल प्रमुखों के साथ करेंगे रिव्यू मीटिंग, विभिन्न कारणों से स्कूल से दूर बच्चों को स्कूल से जोड़ने का किया जाएगा प्रयास
- सरकरी स्कूलों में 14-18 आयुवर्ग के अधिकतर बच्चों को लगी वैक्सीन की पहली डोज, समय पर लगे दूसरी डोज इसको लेकर स्कूल प्रमुखों को दिया गया निर्देश
12 फरवरी, नई दिल्ली
शिक्षा निदेशालय ने आगामी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बच्चों की तैयारी के लिए कमर कस ली है। सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल अंत में करवाएगा। इसको लेकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में तैयारियां तेज़ कर दी है। इस बाबत शनिवार को शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कक्षाओं के बेहतर संचालन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर सभी स्कूल प्रमुखों के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया गया।
बैठक में शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा एवं अतिरिक्त निदेशक (स्कूल) रीता शर्मा ने सभी विद्यालय प्रमुखों को आगामी परीक्षाओं के साथ-साथ सोमवार से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जाने को लेकर तैयारी संबंधी जरुरी चर्चा की।
परीक्षा की तैयारियों के लिए इन बातों पर किया जाएगा फोकस
-क्लास के साथ-साथ प्रैक्टिकल वर्क पर भी दिया जाएगा ध्यान- लम्बे समय तक ऑनलाइन कक्षाओं के बाद ऑफलाइन मोड में शिफ्ट होने के साथ ये बेहद जरुरी हो गया है कि बच्चों की प्रैक्टिकल क्लास पर भी बेहतर ढंग से फोकस किया जाए ताकि उन्हें हैंड्स ऑन लर्निंग मिले।
- शिक्षकों द्वारा हर एक बच्चे को दी जाएगी इंडिविजुअल अटेंशन ताकि बच्चों के बेहतरी के क्षेत्र पर दिया जा सके ध्यान|।
- स्कूल प्रमुख शिक्षकों के साथ रोजाना करेंगे रिव्यू मीटिंग ताकि स्टूडेंट्स के सीखने संबंधी आवश्यकताओं को समझ कर उसे पूरा किया जा सके।
- बच्चों के सीखने की जरूरत के अनुसार स्कूल प्रमुख एसएमसी फंड से अतिरिक्त रिसोर्स पर्सन्स को भी बुला सकेंगे।
- हर बच्चे को प्रिंटेड फॉर्म में उपलब्ध करवाया जाएगा सीबीएसई और शिक्षा निदेशालय द्वारा तैयार किया गया सैंपल पेपर
- स्कूलों के बंद होने के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान और स्टूडेंट्स के प्रदर्शन में सुधार के लिए रेमेडियल क्लास
- शिक्षा विभाग की वेबसाइट edudel.nic.in पर एकेडमिक एंड एग्जामिनेशन सेक्शन पर जाकर भी बच्चे डाउनलोड कर सकते है सैंपल पेपर व लर्निंग मटेरियल
- विस्थापन या अन्य कारणों से स्कूल से दूर हुए बच्चों को वापस स्कूल लाने का किया जाएगा प्रयास
- शिक्षा निदेशक सोमवार से जिलावार शिक्षा अधिकारियों व स्कूल प्रमुखों के साथ करेंगे रिव्यू मीटिंग ताकि बेहतर ढंग से हो सके बच्चों की तैयारी।
नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं सोमवार से होंगी शुरू
बैठक में सोमवार से नर्सरी से आठवीं तक कक्षाओं के खुलने संबंधी तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई। इस बाबत सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए गए कि स्कूल खुलने के बाद अगले 2 सप्ताह तक विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के मेंटल-इमोशनल वेल-बींग पर काम किया जाए। क्योंकि पिछले 2 सालों में स्कूलों के बंद रहने से छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
छोटी क्लासों के लिए स्कूल खुलने के बाद पहले 2 हफ्ते उन बातों का रखा जाएगा ध्यान
- माइंडफुलनेस व हैप्पीनेस क्लास की मदद से बच्चों को तनाव और भय से उबार कर वापस पढ़ाई से बेहतर ढंग से जोड़ा जाएगा।
- बच्चों के पढ़ने व गणित संबंधी बुनियादी कौशल में आए लर्निंग-गैप को पहचान कर मिशन बुनियाद की एक्टिविटीज की मदद से किया जाएगा ख़त्म
- कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से बच्चे किन परिस्थितियों से गुजरे उन अनुभवों को साझा करने का दिया जाएगा मौका, उचित वातावरण तैयार कर अन्य विद्यार्थियों व स्कूल के साथ घुलने-मिलने का दिया जाएगा मौका
- टीचर वन-ऑन-वन इंटरेक्शन की मदद से हर बच्चों से भावनात्मक रूप से जुड़ने का करेंगे काम
- वन-ऑन-वन असेसमेंट के द्वारा समझेंगे बच्चों की लर्निंग संबंधी आवश्यकताएं
-किसी नए विषय को शुरू करने के बजाय पहले 2 सप्ताह पिछली वर्कशीट का ही करवाया जाएगा रिवीजन
उल्लेखनीय है कि एक लम्बे अरसे बाद जब दिल्ली में सोमवार से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। शिक्षा निदेशालय के सभी स्कूलों बच्चों की स्कूल वापसी को लेकर पूरी तरह से तैयार है। इस बाबत शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय द्वारा एक सर्कुलर भी जारी किया गया था। जिसके अनुसार स्कूलों के खुलने पर पहले बच्चों की मनोस्थिति को जानने का प्रयास किया जाएगा और पढ़ाई के लिए जल्दबाजी न कर उपयुक्त वातावरण तैयार कर उन्हें धीरे-धीरे पढ़ाई से जोड़ा जाएगा।