- वॉल्ड सिटी के 2 लाख व्यापारी 1962 से पहले से बसे हुए हैं, यह जानते हुए भी नॉर्थ एमसीडी ने कन्वर्जन शुल्क का नोटिस भेजा- आप
- जो मुगलकालीन बाज़ारे हैं, वह पहले से ही कॉमर्शियल मार्केट हैं, वहां कन्वर्जन शुल्क लेने का कोई तुक नहीं है- आप
- इसबार एमसीडी की आंड़ में छुपकर नहीं बल्कि बीजेपी नेता खुलेआम व्यापारियों को धमका रहे हैं- आप
- पिछले 15 सालों में एमसीडी लगभग 5000 करोड़ का कन्वर्जन शुल्क ले चुकी है- आप
- व्यापारियों से कन्वर्जन शुल्क मांगने की बजाय पहले 5000 करोड़ रुपयों का हिसाब दें बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता- आप
- इस बार एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो इस नोटिस को निरस्त करेंगे- आप
नई दिल्ली: 16 फरवरी 2022
‘आप’ की ट्रेड एंड इंडस्ट्री विंग के दिल्ली प्रदेश कन्वीनर बृजेश गोयल ने कहा कि पुरानी दिल्ली के व्यापारियों को धमका रही बीजेपी एमसीडी, कन्वर्जन शुल्क नहीं देने पर सील होंगी दुकानें। वॉल्ड सिटी के 2 लाख व्यापारी 1962 से पहले से बसे हुए हैं, यह जानते हुए भी नॉर्थ एमसीडी ने कन्वर्जन शुल्क का नोटिस भेजा। जो मुगलकालीन बाज़ारे हैं, वह पहले से ही कॉमर्शियल मार्केट हैं, वहां कन्वर्जन शुल्क लेने का कोई तुक नहीं है। इसबार एमसीडी की आंड़ में छुपकर नहीं बल्कि बीजेपी नेता खुलेआम व्यापारियों को धमका रहे हैं। इस बार एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार होगी तो इन सभी नोटिसेस को निरस्त किया जाएगा। वहां नॉर्थ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि पिछले 15 सालों में एमसीडी लगभग 5000 करोड़ का कन्वर्जन शुल्क ले चुकी है। बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता व्यापारियों से कन्वर्जन शुल्क मांगने की बजाय पहले 5000 करोड़ रुपयों का हिसाब दें।
आम आदमी पार्टी की ट्रेड एंड इंडस्ट्री विंग के दिल्ली प्रदेश कन्वीनर बृजेश गोयल ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। बृजेश गोयल ने कहा कि आज का मुद्दा दिल्ली के 2 लाख दुकानदारों से जुड़ा हुआ है। यह मुद्दा पुरानी दिल्ली के वॉल्ड सिटी क्षेत्र से संबंधित हैं। काफी समय से पुरानी दिल्ली, विशेषकर चांदनी चौक के आसपास की जो मार्केट है, वहां के दुकानदारों से कन्वर्जन शुल्क लिया जा रहा है। व्यापारियों को धमकाया जा रहा है कि यदि आपने कन्वर्जन शुल्क नहीं दिया तो आपकी दुकानों को सील कर दिया जाएगा। हम शुरू से कह रहे हैं कि इसके पीछे एमसीडी में शासित बीजेपी का काम है, जो व्यापारियों को परेशान कर रही है।
कल बीजेपी ने बाकायदा एक प्रेस रिलीज जारी कर तमाम व्यापारियों को कन्वर्जन शुल्क जमा करने को कहा है। बीजेपी को पता है कि 2 महीनों बाद एमसीडी के चुनाव होंगे तो इसबार उनकी हार निश्चित है इसलिए अब वह व्यापारियों को लूटने पर आतुर हो गए हैं। पुरानी दिल्ली का जो क्षेत्र है उसे वॉल्ड सिटी बोलते हैं। मास्टरप्लान 2021 के क्लॉज़ नंबर 40 एम प्राइम 2 में स्पष्ट लिखा हुआ है कि जो बाजारें 1962 के पहले से बनी हुई है वह एक खास क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं। चांदनी चौक मार्केट हो, सदर बाज़ार हो, खाली बावली इन तमाम बाज़ारों का ज़िक्र मास्टरप्लान में है। इनको कॉमर्शियल मार्केट कहा गया है। देखिए, कन्वर्जन शुल्क वहां बनता है जब किसी रेज़िडेन्शियल एरिया को कॉमर्शियल में बदल दिया गया हो। लेकिन जो मुगलकालीन बाज़ार हैं, जो पहले से ही कॉमर्शियल मार्केट है, वहां कन्वर्जन शुल्क लेने का कोई तुक नहीं है।
मैं आपको एक और बात बताना चाहूंगा। चांदनी चौक मार्केट की जो एसोशिएसन है, वह 2007 में सुप्रीम कोर्ट गई। सुप्रीम कोर्ट की जो ट्रिपल बेंच की टीम है, उसने एक ऑर्डर जारी किया कि खास क्षेत्र के अंतर्गत जो दुकाने हैं, संपत्तियां हैं वहां किसी तरह के रेजिस्ट्रेशन की कोई जरूरत नहीं है। जबकी एमसीडी दुकानों को नोटिस भेजकर यह कह रही है कि 1962 से पहले का सबूत दीजिए। अब एक-एक दुकान से 1962 से पहले का सबूत मांगा जा रहा है, इतने समय में कितनी पीड़ियां बदल गईं, कितनों की मृत्यु हो गई, कितनों के व्यापार बदल गए, कितनों के मालिक बदल गए। ऐसे में कोई दुकानदार 1962 से पहले का सबूत किस प्रकार देगा।
मुझे लगता है कि यह बिल्कुल बेतुका और अनुचित है। बीजेपी खुद इस लूट में शामिल हो गई है। हम इसकी निंदा करते हैं। वॉल्ड सिटी क्षेत्र के जो 2 लाख व्यापारी हैं, हम उनको आश्वाशन देते हैं कि अगले कुछ महीनों बाद जब एमसीडी के चुनाव होंगे और आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो सभी नोटिसेस को रद्द किया जाएगा। व्यापारियों को कन्वर्जन शुल्क के इस जिन्न से निजात दिलाई जाएगी।
प्रेसवार्ता में मौजूद नॉर्थ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि पिछले 15 सालों से एमसीडी में बीजेपी का शासन है। इन 15 सालों में एमसीडी में सिवाय भ्रष्टाचार के बीजेपी ने कुछ किया नहीं है। इसका नतीजा आप देख ही रहे होंगे कि आए दिन इनके कर्मचारी तनख्वाह के लिए हड़ताल करते हैं, स्कूलों में किताबें नहीं हैं, अस्पतालों में दवाइयां नहीं हैं, डॉक्टर हड़ताल पर चले जाते हैं। इसका सिर्फ एक ही कारण है और वह है बीजेपी का भ्रष्टाचार, जिससे दिल्ली की जनता त्रस्त हो चुकी है। 2 महीनों बाद एमसीडी के चुनाव हैं, जाते-जाते भी यह सिर्फ पैसा इकट्ठा करने में लगे हुए हैं। स्कूल बेच रहे हैं, संपत्तियां बेच रहे हैं, अस्पताल की ज़मीन बेच रहे हैं, पार्किंग बेच रहे हैं।
बीजेपी जाते-जाते सबकुछ लूट लेना चाहती है। उसी कड़ी में वह वॉल्ड सिटी एरिया में कन्वर्जन शुल्क लगा रहे हैं। वॉल्ड सिटी का जो क्षेत्र है वह स्पेशल एरिया में आता है। मास्टरप्लान के अनुसार वह पहले से ही कॉमर्शियल क्षेत्र है। बावजूद इसके बीजेपी शासित एमसीडी वहां के दुकानदारों से कन्वर्जन शुल्क की मांग कर रही है। यह लोग जबरदस्ती व्यापारियों को परेशान करने का काम कर रहे हैं। पहले ट्रेड लाइसेंस बढ़ाकर व्यापारियों को परेशान किया। आम आदमी पार्टी ने सिग्नेचर कैंपेन कराकर इसे कम कराया। अब यहां के व्यापारियों से कन्वर्जन शुल्क देने को कह रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इसबार एमसीडी के कर्मचारी नहीं बल्कि खुद बीजेपी के नेता खुलेआम कन्वर्जन शुल्क मांग रहे हैं। उन्हें धमकी भी दे रहे हैं कि नहीं दिया तो दुकानों को सील कर देंगे। आप सोच सकते हैं कि यहां एक संगठित गिरोह चल रहा है।
बीजेपी का यह फैसला अमानवीय है। इससे बीजेपी का व्यापारी विरोधी चेहरे का पता चलता है। 2007 से लेकर अभी तक यानी कि पिछले 15 सालों में नॉर्थ एमसीडी अभी तक 2000-2100 करोड़ रुपए का कन्वर्जन शुल्क ले चुकी है। साउथ एमसीडी भी लगभग 2000 करोड़ का कन्वर्जन शुल्क ले चुकी है। वहीं ईस्ट एमसीडी लगभग 1000 करोड़ का कन्वर्जन शुल्क ले चुकी है। तो लगभग 5000 करोड़ का कन्वर्जन शुल्क एमसीडी ले चुकी है। मैं बीजेपी के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि पहले आप 5000 करोड़ का हिसाब दे दो कि यह सारा पैसा कहां है। खुद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था कि इसके लिए एक एस्क्रो अकाउंट बनेगा, जिसमें यह सारा पैसा जाएगा। और यह सारा पैसा सिर्फ बाज़ारों के विकास में लगाया जाएगा। लेकिन उसमें से एक भी पैसा पार्किंग के विकास में नहीं लगाया गया। आज आप चांदनी चौक जाकर देख लीजिए, आप सदर बाज़ार जाकर देख लीजिए, वहां कि पार्किंग की क्या हालत है, इन्होंने वहां क्या विकास किया है। यह 5000 करोड़ रुपए बीजेपी के नेता खा गए। आज फिर यह लोग नया कन्वर्जन शुल्क मांग रहे हैं। मैं आदेश गुप्ता से कहना चाहता हूं कि दिल्ली की जनता को इन 5000 करोड़ रुपयों का हिसाब दें। मैं दिल्ली के व्यापारियों से बड़ी ज़िम्मेदारी से कहना चाहता हूं कि आपको घबराने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है। यदि कोई भी समस्या हुई तो आम आदमी पार्टी आपके साथ खड़ी होगी। एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही इन गैर-जरूरी नोटिस को पार्टी निरस्त करेगी।