- ई-वेस्ट निपटारे में देश का नेतृत्व करेगी केजरीवाल सरकार, 20 एकड़ के क्षेत्र में किया जाएगा तैयार
- टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ बढ़ा ई-वेस्ट, दिल्ली सरकार का इको-पार्क करेगा राजधानी में ई-कचरे के निपटारे का काम- मनीष सिसोदिया
- स्टेट ऑफ़ आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस होगा ई-वेस्ट मैनेजमेंट इको-पार्क, इनफॉर्मल सेक्टर के ऑपरेटरों को मिलेगी फॉर्मल री-साइकिलिंग के लिए ट्रेनिंग
- इको-पार्क में साइंटिफिक और इंटीग्रेटेड तरीके से एक परिसर के अंदर ही ई-वेस्ट होगा रिफर्बिश, डिसमेंटर, रिसाइकल व री-मैन्यूफैक्टर मनीष सिसोदिया
- ई-वेस्ट को चैनलाइज करने के लिए 12 जोन में स्थापित किए जाएंगे कलेक्शन सेंटर
नई दिल्ली, 24 फरवरी, 2022
दिल्ली में भारत का पहला ई-वेस्ट इको पार्क बनेगा। जिसके जरिए केजरीवाल सरकार ई-वेस्ट निपटारे में देश का नेतृत्व करेगी। दिल्ली सरकार का इको-पार्क राजधानी में ई-कचरे के निपटारे का काम करेगा। 20 एकड़ में फैला हुआ ई-वेस्ट मैनेजमेंट इको-पार्क स्टेट ऑफ़ आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस होगा। यहां इनफॉर्मल सेक्टर के ऑपरेटरों को फॉर्मल री-साइकिलिंग के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।
स्मार्ट दिल्ली बनाने की दिशा में केजरीवाल सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस दिशा में गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली में देश के पहले ई-वेस्ट मैनेजमेंट इको पार्क बनाने को मंजूरी दी। खुद में अनूठा ये ई-वेस्ट मैनेजमेंट पार्क बेहद साइंटिफिक तरीके से पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए काम करेगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को एक प्रेस-कांफ्रेंस के माध्यम से इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 20 एकड़ में फैला ये वेस्ट-मैनेजमेंट पार्क स्टेट ऑफ़ आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस होगा, जहां इनफॉर्मल सेक्टर के ऑपरेटरों को फॉर्मल री-साइकिलिंग के लिए भी ट्रेनिंग दी जाएगी। यहां साइंटिफिक और इंटीग्रेटेड तरीके से एक परिसर के अंदर ही ई-वेस्ट को रिफर्बिश, डिसमेंटर, रिसाइकल व री-मैनुफैक्चर करने का काम किया जाएगा। साथ ही ई-वेस्ट को चैनलाइज करने के लिए 12 जोन में कलेक्शन सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे।
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है, ई-वेस्ट भी तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन इसका साइंटिफिक और सुरक्षित तरीके से निस्तारण नहीं किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण भी प्रभावित होता है और इनफॉर्मल तरीके से ई-वेस्ट मैनेजमेंट होने से कई दुर्घटनाओं के होने का खतरा भी होता है। वर्तमान में दिल्ली में हर साल लगभग 2 लाख टन ई-कचरा निकलता है और इसे ज्यादातर इनफॉर्मल री-साइकलर्स द्वारा री-साईकल किया जाता है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को कहा कि इस इको-पार्क में कचरे का निस्तारण बेहद साइंटिफिक और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित तरीके से किया जाएगा। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली इस परियोजना को शुरू करने वाला पहला राज्य है।
कैसे काम करेगा देश का पहला ई-वेस्ट मैनेजमेंट पार्क
अपने इंटीग्रेटेड सिस्टम के साथ ई-वेस्ट इको-पार्क एक ही परिसर में प्लास्टिक वेस्ट को प्रोसेस करने के साथ ई-वेस्ट को रिफर्बिश, डिसमेंटल, रिसाइकल व री-मैनुफैक्चर का काम करेगा। ई-वेस्ट ईको-पार्क में सभी प्रकार की प्रोसेसिंग और री-साइकल यूनिट होंगी ताकि भविष्य में इनसे उत्पादन के लिए सामग्री निकाली जा सके। इस फैसिलिटी की इस्तेमाल उच्च तकनीक के माध्यम से डिसमेंटलिंग, सेग्रिगेशन, रिफर्बिशिंग प्लास्टिक रीसाइकलिंग और बहुमूल्य धातुओं का एक्सट्रैक्शन किया जाएगा।
ई-वेस्ट को चैनलाइज करने के लिए 12 जोन में स्थापित किए जाएंगे कलेक्शन सेंटर
दिल्ली का ई-वेस्ट इको-पार्क, नई तकनीकों के माध्यम से ई-वेस्ट का इंटीग्रेटेड और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित निपटारा करेगा। जिससे प्रदूषण को कम करने और लोगों को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी। साथ ही ई-वेस्ट को चैनलाइज करने के लिए 12 जोन में कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे
ई-वेस्ट इको पार्क से मिलेंगे ये फायदे
• इको-पार्क इनफॉर्मल क्षेत्र के ऑपरेटरों को फॉर्मल रिसाइकलर के रूप में तैयार करने के लिए बुनियादी ढांचा, प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करेगा।
• इको-पार्क पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में मदद करेगा और ई-कचरे के री-साइकिलिंग के लिए इनफॉर्मल सेक्टर में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाएगा ।
• यह संगठित क्षेत्र में पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल ई-कचरा री-साइकिलिंग को चैनलाइज करेगा