- भाजपा पार्षदों ने शोर-शराबा मचाकर सदन की मीटिंग को बाधित किया, जिसके बाद एजेंडे को बिना चर्चा के पास कर दिया गया- विकास गोयल
- बीजेपी एमसीडी ने 6646 एवजीदार सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा की है, जबकि सफाई कर्मचारियों के स्वीकृत पदों में से केवल 1723 पद ही खाली- विकास गोयल
- एक नए प्रस्ताव के तहत एमसीडी ने 76 पार्कों में मिल्क बूथ बनाने का ठेका गुजरात की एक कंपनी को केवल 1,79,927 रुपए मासिक शुल्क पर दिया है- विकास गोयल
- बीजेपी ने प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत किराया बढ़ाने की शर्त को भी खत्म किया, जिससे निगम को प्रत्येक वर्ष राजस्व की हानि होगी- विकास गोयल
नई दिल्ली: 25 फरवरी 2022
आज नॉर्थ एमसीडी की सदन की बैठक में आम आदमी पार्टी ने निगम के सफाई कर्मचारियों को पक्का करने का मुद्दा उठाया। नॉर्थ एमसीडी के एलओपी अनुसार भाजपा पार्षदों ने सदन में शोर-शराबा मचाकर सदन की मीटिंग को बाधित कर दिया। भाजपा नेताओं की सोची समझी राजनीति के अंतर्गत एजेंडे को बिना चर्चा के पास कर दिया। एलओपी विकास गोयल ने कहा कि निगम के सफाई कर्मचारी 25 वर्षों से पक्का होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें नियमित करने के मुद्दे पर चर्चा करवाने के लिए हमने अल्पकालिक प्रश्न लगाया था। जिस पर चर्चा के लिए महापौर ने अपनी स्वीकृति भी दे दी थी। परंतु जब चर्चा का समय आया तो भाजपा ने हर बार की तरह इस बार भी चर्चा से बचती नज़र आई।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि आज हाउस की मीटिंग थी। यह सोचकर हमने सफाई कर्मचारियों को पक्का करने से संबंधित अल्पकालिक प्रश्न लगाया था। हैरानी की बात है कि बीजेपी ने कमिश्नर से हमारे प्रश्नों का जवाब नहीं दिलवाया। यहां तक कि इस बार भी वह चर्चा करने से बचती नजर आई। विपक्ष के सहयोग के बावजूद भाजपा पार्षदों ने सदन में ऐसा माहौल बना दिया कि एजेंडे को बिना चर्चा के पास कर दिया। जो कि मानवता के खिलाफ है। इस बार भी भाजपा अपनी राजनीतिक मंशा को पूरा करने में सफल रही है।
एजेंडे में ऐसे कई आइटम थे, जिनपर हमने आपत्ति जताई थी। जिसमें स्पष्ट हो रहा था कि भाजपा करोड़ों रुपए अपनी जेब में भरने की फिराक में है। भाजपा बार-बार निगम कर्मचारियों तो पक्का करने की घोषणा करती है लेकिन उसे कभी लागू नहीं करती है। भाजपा ने 6646 एवजीदार सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा की है। जबकि सफाई कर्मचारियों के स्वीकृत पदों में से केवल 1723 पद ही खाली पड़े हैं। 6646 एवजीदार सफाई कर्मचारियों को रिक्त पदों से ज्यादा कैसे नियमित किया जा सकता है। जाहिर है इस बार भी इन्होंने कर्मचारियों और दिल्ली की जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। अभी भी वर्ष 1998 के लेफ्ट आउट सफाई कर्मचारी भी पक्के नहीं हुए हैं। वर्ष 2003 से आज तक नियुक्त दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारी भी अपने पक्का होने का इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा ने एक और प्रस्ताव पास किया है। जिसमें 76 पार्कों में मिल्क बूथ बनाने का ठेका दिया है। यह एक सिंगल टेंडर के अंतर्गत किया जा रहा है। जिन्हें गुजरात की एक कंपनी को केवल 1,79,927 रुपए मासिक शुल्क पर दिया गया है। इसमें पहले से पारित प्रस्ताव में प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत किराया बढ़ाने की शर्त को भी खत्म कर दिया है। जिससे निगम को प्रत्येक वर्ष राजस्व की हानि होगी और इसकी एवज में भाजपा नेताओं की जेब भारी होगी।
निगम की सत्ता से जाते-जाते भाजपा नेताओं ने झूठे वादे करने की झड़ी लगाई हुई है। इनका मुख्य उद्देश्य निगम की संपत्तियों को बेचने में भ्रष्टाचार करके अपनी जेब भरने का है। आम आदमी पार्टी के विरोध के बावजूद भाजपा शासित एमसीडी ने झंडेवालान चेस्ट क्लिनिक और कुतबगढ़ डिस्पेंसरी को निजी हाथों में सौंप दिया। इससे पहले भी सदन ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पास किया था। अब भाजपा ने इस प्रस्ताव की शर्तों में बदलाव करके एनजीओ को यह अधिकार दे दिया है कि वह डिस्पेंसरी के कामकाज को आगे तीसरी पार्टी को लीज पर दे सकता है। इससे एनजीओ की निगम के प्रति कोई जवाबदेही नहीं रहेगी और वह इन डिस्पेंसरियों की जमीनों को मनमाने तरीके से प्रयोग में लाएगी।
विकास गोयल ने कहा कि भाजपा नेताओं की प्रत्येक सदन की बैठक में यह मंशा रहती है कि वह किसी भी तरह अपने शब्दबाणों से विपक्ष को उत्तेजित करें और सदन की बैठक को बाधित करके एजेंडे को बिना चर्चा के पास करा दें। जिससे कि उनको भ्रष्टाचार करके अपनी जेबें भरने का एक आसान मौका मिल जाए। आज निगम के सफाई कर्मचारियों और दिल्ली की जनता ने देखा है कि किस तरह भाजपा नेताओं द्वारा उनके हित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने से आम आदमी पार्टी को रोका गया। जनता निगम के आने वाले चुनावों में भाजपा को इसका जवाब देगी और भाजपा को निगम की सत्ता से बाहर करेगी।