कतने भवनवा तुरबs ए बाबा
कतने लोग के मरबs
कतने आवाजवा प मरबs हो ताला
कतने घर उजरबs !
तोहरो बुलडोजरवा ए बाबा
तहरे नाशवा करिहें
हरदम रही ना अन्हरिया ए बाबा
लोगवा दियना बरिहें !
कतने जुलुमिया अइलें ए बाबा
कतने जुलुमी गइलें
कतने लगवलें मुँहकरखी ए बाबा
मुँहवा करिया भइलें !
अबहूँ से अगिया बुतावs ए बाबा
नगरी के बचावs ना
घरवा के जारि जुरि रखिया ना करs
दुश्मन के मत बोलावs ना !
घरवा ई ह सरगवा ए बाबा
झुर झुर बहे बयरिया
किसिम किसिम के सुगंध भरेला
फुलवा खिले रंग हजरिया !
कवल भुतवा सवार तोपे बाबा
कवन देखेलs सपनवा
छोड़ि के जइबs धरतिया ए बाबा
स्थिर करs आपन मनवा !
मानs मोर परथना ए बाबा
मत जियरा तड़पावs हो
एही रे हूके मरेलें कांटक भइया
मत लोगवन के सतावs हो !
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