भोपाल, 27 फरवरी। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना वारियर्स की सेवा कल समाप्त करने के आदेश आ गए हैं।
आपदा की मुश्किल समय में जिन मरीजों को हाथ लगाने से हर कोई डर रहा था, ऐसे विषम परिस्थिति में हालात के मद्देनजर आयुष डॉक्टर्स, लेब टेक्नीशियन और अन्य नर्सिंग कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना जिस तन-मन से काम किया और फ्रंट लाइन वर्कर बनकर लोगों की जानें बचाई, उनकी सेवा का कल 28 फरवरी आखरी दिन हो सकता है। ये सब अनुबन्ध में रखे गए थे, जो शुरू में 3-3 महीने का समय बढ़ता रहा। इसे आखिरी में 2 महीने का बढ़ाया था, जो कल 28 फरवरी को समाप्त हो रहा है।
इन कर्मियों द्वारा कई बार ज्ञापन देने और हड़ताल के बाद भी निर्दयी और निर्लज सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
कर्मियों के अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री “कंस मामा” शिवराज सिंह को तो कोई असर नहीं पड़ता। अगर कमलनाथ मुख्यमंत्री होते तो यकीनन सबका भला कर देते, लेकिन उन्हें हम लोगों की कोई फिक्र नहीं है।
कोरोना वारियर्स के कर्मियों ने बताया कि आज आप हर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर देखें, वहाँ न डॉक्टर है, न लैब टेक्नीशियन और न नर्सिंग स्टाफ। ऐसे में अगर हम लोगों की पोस्टिंग कर दी जाती, तो कई लोगों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ता और नीम हकीम के चक्कर से भी बच जाते। लेकिन सरकारी विभाग और सरकार के मंत्रियों को आम जनता की परवाह नहीं है, जबकि सरकार को अपने मंत्रियों की सुविधाएं और उनकी ऐय्याशियों के लिए साधन जुटाना जरूरी है।
महाराष्ट्र और राजस्थान की जागरुक एवं कर्मठ सरकारों ने कोरोना वारियर्स को नौकरी पर रख कर उनको सम्मान ही नहीं बेरोजगारी से भी बचाया है। जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने 10,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी खा गई, उसे भुगतान नहीं किया।