केजरीवाल सरकार ने ‘एक शाम आज़ादी के शहीदों के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन किया

दैनिक समाचार
  • हम सभी का कर्तव्य है कि शहीदों को न भूलें और बच्चों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करें- गोपाल राय
  • अमर शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने का आज प्रण लेना चाहिए- गोपाल राय
  • जिस तरह से आज युवाओं की नसों में नफरत को डाला जा रहा है, यदि उस समय भी हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सिख अलग-अलग लड़ते तो देश आजाद नहीं होता- गोपाल राय

नई दिल्ली, 06 मार्च, 2022

केजरीवाल सरकार की तरफ से आज एक शाम आज़ादी के शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि शहीदों को न भूलें और बच्चों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करें। अमर शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने का आज प्रण लेना चाहिए। जिस तरह से युवाओं की नसों में नफरत को डाला जा रहा है, यदि उस समय भी हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सिख अलग-अलग लड़ते तो देश आजाद नहीं होता।

दिल्ली सरकार द्वारा आज देशभक्ति कार्यक्रम “एक शाम आज़ादी के शहीदों के नाम ” का आयोजन किया गया। बाबरपुर बस टर्मिनल पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें देशभक्ति को लेकर कई प्रस्तुतियां दी गईं।

इस अवसर पर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि देश पर कुर्बान हो जाने वाले शहीदों के कारण ही हम आज आजादी की खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। हम सभी का कर्तव्य है कि शहीदों को न भूलें और बच्चों व युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करें। हमें आजादी तो मिल गई लेकिन वह आजादी आज किस रूप में है।

उन्होंने कहा कि देश को आजादी भीख में नहीं मिली है। देश को आजाद कराने के लिए क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया है। जिस तरह से युवाओं की नसों में नफरत को डाला जा रहा है, यदि उस समय भी हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सिख अलग-अलग लड़ते तो देश आजाद नहीं होता। आजादी के लिए सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र था हमारी एकता। जब हर धर्म के व्यक्ति ने अपनी मुट्ठियां बांधी, तब जिनका सूरज कभी अंत नहीं होता था, उनका भी सूरज अस्त हो गया और अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने आजाद भारत का जो सपना देखा था। उनकी नजरों में आजादी के जो मायने थे, क्या उसके अनुरूप आज हम आगे बढ़े हैं। संविधान में एक आदर्श देश की जो परिकल्पना की गई है उसे हम कितना साकार कर पाए हैं। सवाल यह है कि एक देश और व्यक्ति के रूप में आज हम कहां खड़े हैं, इसका अवलोकन करना जरूरी है। आजादी के इन सालों में हमने क्या खोया और क्या पाया है, आज इसकी भी बात करनी जरूरी है।

गोपाल राय ने कहा कि देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी सुख-सुविधाओं को त्यागकर आजादी के लिए लंबा संघर्ष किया और असंख्य कुर्बानियों के बाद देश को स्वतंत्रता हासिल हुई। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने का आज प्रण लेना चाहिए। इतिहास मानव समाज को महत्वपूर्ण सबक देता है और इस तरह के आयोजन हमें हमारे पूर्वजों द्वारा आजादी के लिए दिए गए बलिदानों की याद दिलाते हैं। इसके मूल्यों को समझकर हम लोगों के बीच स्वतंत्रता की लौ को प्रज्वलित रख सकते हैं।

इस अवसर पर दिल्ली सरकार की तरफ से अलग-अलग देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम में तमाम लोग शामिल हुए और पूरा माहौल देश भक्ति के रंग में सराबोर नजर आया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *