केजरीवाल सरकार के तीनों माइंडसेट करिकुलम सरकारी स्कूलों के बाद अब दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में भी होंगे शुरू

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हैप्पीनेस करिकुलम, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम व देशभक्ति करिकुलम की मदद से भविष्य के लिए तैयार होंगे स्कूली बच्चे, भारत को बनायेंगे विकसित देश: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में माइंडसेट करिकुलम के महत्व और इसके कार्यान्वयन की आवश्यकता पर 1500+ प्राइवेट स्कूलों के टीचर्स-प्रिंसिपल्स के साथ की बातचीत

प्राइवेट स्कूल माइंडसेट करिकुलम को स्कूली पाठ्यक्रम की दिनचर्या में शामिल कर नए विचार-नए समाज वाले नए भारत के निर्माण में करें योगदान- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने और हर बच्चे को मेंटल-इमोशनल-प्रोफेशनल रूप से स्वस्थ बनाने के लिए प्राइवेट स्कूल भी माइंडसेट करिकुलम को स्कूली शिक्षा के मुख्यधारा में शामिल करें: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने कहा शानदार है तीनों माइंडसेट करिकुलम, अपने स्कूलों में भी अपनाएंगे

7 मार्च, नई दिल्ली

केजरीवाल सरकार ने अपने माइंडसेट करिकुलम के बदौलत दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा क्रांति लाने का काम किया है| अब ये तीनों माइंडसेट करिकुलम दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में भी होंगे शुरू होंगे। सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में माइंडसेट करिकुलम के महत्व और इसके कार्यान्वयन की आवश्यकता पर 1500 से अधिक प्राइवेट स्कूलों के टीचर्स-प्रिंसिपल्स के साथ चर्चा कर उनके साथ हैप्पीनेस करिकुलम, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम व देशभक्ति करिकुलम को साझा किया| इस मौके पर श्री सिसोदिया ने प्राइवेट स्कूलों से अपील करते हुए कहा कि माइंडसेट करिकुलम को स्कूली पाठ्यक्रम की दिनचर्या में शामिल करके ही नए विचार-नए समाज वाले नए भारत का निर्माण किया जा सकता है और ये तभी संभव होगा जब सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूल साथ मिलकर काम करें| उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने और हर बच्चे को मेंटल-इमोशनल-प्रोफेशनल रूप से स्वस्थ बनाने के लिए ये बेहद ज़रूरी है कि सरकारी व प्राइवेट स्कूल साथ मिलकर काम करे व प्राइवेट स्कूल भी स्कूली पाठ्यक्रम के माध्यम से माइंडसेट करिकुलम को मुख्यधारा में शामिल करें| श्री सिसोदिया ने कहा कि जिस प्रकार किसी भी विषय को हफ्ते में केवल 1 दिन पढ़ाकर बच्चों को नहीं सिखाया जा सकता ठीक उसी तरह बिना रोज पढ़ायें बच्चों में माइंडसेट डेवलप नहीं किया जा सकता| इसलिए प्रतिबद्धता के साथ प्राइवेट स्कूलों में भी माइंडसेट करिकुलम को साइंटिफिक तरीके से अपनाना होगा|

श्री सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्त्व में पिछले 7 सालों में दिल्ली में शिक्षा को लेकर जो काम किया है उसमें सबसे महत्वपूर्ण गवर्मेंट स्कूलिंग सिस्टम को ठीक करना रहा है| लोगों के मन से सरकारी स्कूल सिस्टम के प्रति भरोसा उठ चुका था लेकिन हमारी सरकार ने शिक्षा को प्राथमिकता देकर इस भरोसे को वापिस कायम करने का काम किया है| जिसका नतीजा है कि न केवल सरकारी स्कूलों के रिजल्ट बेहतर हुए है बल्कि यहां के बच्चे आईआईटी-जेईई जैसे एग्जाम को भी क्लियर कर रहे है| उन्होंने कहा कि दिल्ली के 1700 प्राइवेट स्कूल भी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे है लेकिन सभी की एक सीमा होती है और ये सच्चाई है कि प्राइवेट व सरकारी स्कूल साथ मिलकर ही दिल्ली के सभी बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने का काम कर सकते है|

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज तक देश में बच्चों के माइंडसेट पर काम नहीं किया गया| एजुकेशन सिस्टम ने चाहे वह बेहतरीन हो या कामचलाऊ किसी ने भी बच्चों में माइंडसेट डेवलप करने की जिम्मेदारी नहीं ली और हमेशा ये माना गया कि बच्चों को जो सोच मिलती है वो परिवार व समाज से मिलती है इसमें शिक्षा व्यवस्था की कोई भागीदारी नहीं होती है| इसका नतीजा है कि आज लगभग सभी स्कूल इस बात की गारंटी तो लेते है कि उनके स्टूडेंट्स फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स, लैंग्वेज, सोशल साइंस आदि विषयों में तो एक निश्चित स्तर पर है लेकिन उनके एटीट्यूड-थिंकिंग-एप्रोच के बारे में कोई गारंटी नहीं लेते कि पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वो स्टूडेंट नेता,डॉक्टर,ऑफिसर या अन्य किसी प्रोफेशन में जाएगा तो बेईमानी नहीं करेगा, महिलाओं का सम्मान करेगा, पर्यावरण को हानि नहीं पहुंचाएगा| स्कूलों ने परंपरागत विषयों की तो गारंटी ली लेकिन सोच की नहीं| और इसके बिना बच्चों की पढाई में उनके जीवन में एक अधूरापन रह गया है| इस अधूरेपन को ख़त्म करने के लिए माइंडसेट करिकुलम को प्रतिबद्धता के साथ स्कूली शिक्षा के मुख्यधारा में अपनाने की जरुरत है|

हैप्पीनेस करिकुलम के महत्त्व को बताते हुए श्री सिसोदिया ने कहा कि नर्सरी से 8वीं तक 10 सालों हर बच्चे के प्रैक्टिस में माइंडफुलनेस व मेडिटेशन शामिल हो जाए व हर बच्चा मेडिटेशन को अपनी जिन्दगी का अहम हिस्सा बना ले तो करिश्मा हो जाएगा| दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ये शुरुआत हो चुकी है और यदि प्राइवेट स्कूल भी इसे अपना ले तो पूरे देश के व्यवहार-विचार में क्रांति आ जाएगी| और धर्म-जाति-क्षेत्र को लेकर पनपी नफरत ख़त्म हो जाएगी| लोग रिश्तों की अहमियत समझेंगे| बच्चों को स्वयं को समझने, एक्स्प्लोर करने में मदद मिलेगी कि वो कहा खड़े है| हैप्पीनेस करिकुलम की मदद से बच्चे खुश होकर काम करेंगे और उनके पास आने वाले समय में हर समस्या का समाधान होगा|

दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के बारे में बताते हुए श्री सिसोदिया ने कहा कि “ईएमसी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ताकि हर छात्र अपने नॉलेज को वास्तविक जीवन में उपयोग कर सके। उन्होंने बताया कि ईएमसी की इकाइयों में छात्रों के लिए एंटरप्रेन्योर्स की सफलता की कहानियों को साझा करने के साथ-साथ उन्हें बहुत सी एक्टिविटीज़ भी करने को दी जाती है। इसमें एक माइक्रो-रिसर्च प्रोजेक्ट भी शामिल है। इसके अंतर्गत बच्चे 5 एंटरप्रेन्योर व 5 नौकरी करने वाले लोगों से उनके पेशे से संबंधित प्रश्न पूछते है ताकि बच्चे ये समझ बना सके कि किस पेशे के क्या लाभ और क्या हानियां है। फिर हम उद्यमियों के साथ लाइव इंटरेक्शन करते हैं जिसमें स्थानीय और प्रसिद्ध उद्यमी छात्रों के साथ बातचीत करते है| ईएमसी का एक सबसे अहम कंपोनेंट है बिज़नेस ब्लास्टर्स|

उन्होंने कहा की हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले 99% बच्चों का केवल एक ही सपना होता है कि उन्हें पढ़ाई पूरी करने के बाद एक नौकरी करनी है और वो जॉब सीकर माइंडसेट के साथ स्कूलों-कॉलेजों के साथ निकलते है| लेकिन यदि सभी जॉब लेने की सोचेंगे तो जॉब देगा कौन| इसी सवाल के जबाव के रूप में हमने बिज़नेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम की शुरुआत की| जिसमें सरकार ने 11वीं-12वीं के 3 लाख बच्चों को अपने स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए 2-2 हज़ार रूपये की सीडमनी दी और बच्चों ने कमाल कर दिया| और पूरे देश ने देखा कि कैसे अपने बिज़नेस आइडियाज के दम पर बच्चों को बिज़नेस ब्लास्टर्स एक्सपो में करोड़ों का इनवेस्टमेंट ऑफर मिला| हम ये मौका सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी देना चाहते है ताकि सभी बच्चे एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट के साथ देश की अर्थव्यवस्था की तरक्की में अपना योगदान देकर भारत को विकासशील से विकसित देश बनाएं|

देशभक्ति करिकुलम के महत्त्व को साझा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी के भीतर देशभक्ति की भावना होती है लेकिन वो कुछ मौकों पर ही झलकती है| हर बच्चे के अंदर देशभक्ति की भावना जागृत हो और वो हर समय बनी रहे , वो अपने जीवन के हर पहलू को देशभक्ति के साथ जोडकर देखे| ये समझ सके की कैसे उसका हर एक व्यवहार देश को प्रभावित करता है, उसके द्वारा किए गए गलत काम से देश को नुकसान होता है| बच्चों के अंदर यही भावना पैदा करना देशभक्ति करिकुलम का उद्देश्य है|

प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने कहा शानदार है तीनों माइंडसेट करिकुलम, अपने स्कूलों में भी अपनाएंगे

1500 से अधिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ गहन चर्चा में भाग लिया, ताकि वे देश के भविष्य बच्चों के सर्वांगीन विकास के लिए माइंडसेट करिकुलम के क्रियान्वयन को समझ सके|

रयान इंटरनेशनल स्कूल, रोहिणी सेक्टर 25 की प्रिंसिपल ममता नंदा ने कहा कि ये सेशन बहुत शानदार रहा और शिक्षा मंत्री ने तीनों करिकुलम के हर पहलू को बहुत बेहतर ढंग से साझा किया। उन्होंने कहा कि हम अपने स्कूल में एक रोजाना एक पीरियड के रूप में हैप्पीनेस करिकुलम और ईएमसी को लागू करने की योजना बना रहे हैं। इन करिकुलम की कार्यप्रणाली को समझने के लिए मेरी योजना अपने स्कूल के पास के कुछ सरकारी स्कूलों में विजिट कर वहां से सीखने की है।

शहीद राजपाल डीएवी पब्लिक स्कूल, दयानंद विहार की प्रिंसिपल विनीता कपूर ने कहा, हम नए सेशन से अपने स्कूल में इन करिकुलम को व्यवस्थित रूप से लागू करने की योजना बना रहे हैं। माइंडसेट करिकुलम के पीछे की सोच काफी अनूठी है और ये सही मायने में बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने में हमारी मदद करेगा। मैं एक साझा दृष्टिकोण बनाने के लिए अपने शिक्षकों के साथ माइंडसेट करिकुलम के कांसेप्ट को साझा करूंगी और हमारे स्कूल के लिए करिकुलम के स्ट्रक्चर को तय करने के लिए कुछ सरकारी स्कूलों को विजिट करूंगी|

सेंट गिरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के चेयरपर्सन अभिषेक गिरी ने कहा, मेरे स्कूल के ज्यादातर टीचर्स माइंडसेट करिकुलम के इस सेशन में शामिल हुए। यह निश्चित रूप से हमें भविष्य के लिए बच्चों को तैयार करने और उन्हें बेहतर बनाने में मदद करेगा । हम स्कूल में अपने पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में इसे संरचित तरीके से लागू करने की योजना बना रहे हैं।

लैंसर्स कॉन्वेंट स्कूल रोहिणी की प्रिंसिपल लतेश चौधरी ने कहा, ‘मैं उपमुख्यमंत्री के इस विचार से सहमत हूं कि ”बच्चों को उनके माइंडसेट के डेवलपमेंट के बिना दी जाने वाली शिक्षा हमेशा अधूरी होती है|” माइंडसेट करिकुलम हमारे देश के भविष्य को मजबूत करने के लिए एक अनूठा और बेहद जरुरी कांसेप्ट है। हमारे स्कूल में पहले से ही हैप्पीनेस करिकुलम और देशभक्ति करिकुलम शामिल हैं, लेकिन इस सत्र में जिस चीज ने मेरा ध्यान खींचा, वह था ईएमसी। मैं अपने स्कूल में कक्षा 9-12 के लिए इसे लागू करने के बारे में निश्चित हूं।

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