द्वारा : गोपाल राठी
इस चुनाव में एक नया शब्द प्रचलन में आया है उसका नाम है लाभार्थी l सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को अहसान के रूप में चलाना और उंसे सौगात बताकर वोट प्राप्त करना इतने सुनियोजित तरीके से पहले कभी नहीं हुआ l
कांग्रेस की सरकारों ने बड़े पैमाने पर भूमिहीनों को खेती की जमीन के पट्टे दिए आवासीय भूमि के पट्टे दिए ,इंदिरा आवास के माध्यम से बेघरों को घर दिए , घर घर शौचालय बनाने की योजना कांग्रेस शासन में ही शुरू हो गई थी l सिर पर मेला ढोने की अमानवीय प्रथा को सरकार ने सुनियोजित तरीके से खत्म किया l सफाई कर्मियों के साथ भेदभाव खत्म किया l
खेत मे कुआ खोदने और मोटर पम्प लगाने के लिए बैंक से आसान ऋण और अनुदान दिया गया l पशुपालन के लिए लोन दिया गया l
सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वय के लिए बैंकिंग सुविधा का विस्तार किया गया और ग्रामीण बैंकों की स्थापना की गई l बैंकों के राष्ट्रीय करण के बाद छोटे व्यापारियों ,उद्यमियों किसानों को लघु उद्योग को ऋण मिलने में आसानी होने लगी l मध्यम वर्ग को इसका लाभ मिला मकान और वाहन आदि के लिए लोन लेकर अपने सपने साकार करने का मौका मिला l ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार उपलब्ध कराने के लिए पूर्व में जवाहर रोजगार योजना चलाई गई थी बाद में यूपीए शासन में बने रोज़गार गारंटी कानून के अंतर्गत मनरेगा शुरू हुआ जो भाजपा के शासन में भी चल रहा है l एक बत्ती कनेक्शन के माध्यम से हर गरीब की झोपड़ी को रोशन करने का काम कांग्रेस के शासन में ही हुआ था l
समाज के कमजोर वर्गों व सामान्य नागरिकों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली की शुरुआत हुई और रियायती दर पर खाद्यान्न शक्कर आदि उपलब्ध होती थी l यूपीए कार्यकाल में खाद्य सुरक्षा कानून बना जिसके अंतर्गत कोरोना काल मे गरीबो को मुफ्त अनाज बांटा जा रहा है l जब देश मे भीषण अकाल पड़ा था तब गांव गांव में काम के बदले अनाज योजना चलाई गई थी जिसमे आठ घण्टे श्रम करने के बाद हर व्यक्ति को मजदूरी के रूप में अनाज दिया जाता था ताकि अकाल में कोई भूखा ना रहे l
अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्र छात्राओं को लिए छात्रावास छात्रवृत्ति और पाठ्य सामग्री आदि के माध्यम से उत्तम शिक्षा का बंदोबस्त कांग्रेस की सरकारों ने किया l अनुसूचित जाति जन जाति वर्ग की बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए बहुत सी योजनाएं बनी और लागू हुई l 6 – 14 वर्ष तक के बच्चों की निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के लिए यूपीए शासन में बने शिक्षा अधिकार कानून ने स्कूलों की स्थिति को बहुत बेहतर बनाया यह सामने है
ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालयों की स्थापना के जरिये शिक्षा बच्चों के करीब पहुंची l आज अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग और महिलाओं में आत्म सम्मान का जो भाव जागा है यह सब पूर्ववर्ती सरकारों की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का परिणाम है l जिसे आज भुलाने की कोशिश की जा रही है l
कांग्रेस की योजनाओं से लाभ लेने वाले लाभार्थी करोड़ो की संख्या में है l लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इन योजनाओं का इस तरह राजनैतिक फायदा नहीं उठाया जो वर्तमान सरकार उठा रही है l
कांग्रेस ने इन योजनाओं को सामाजिक गैर बराबरी कम करने ,आत्मनिर्भर बनाने के लिए लागू किया l सरकार ने इसे अपनी जिम्मेदारी मान कर अपना कर्तव्य निभाया किसी ओर अहसान नहीं किया l जबकि वर्तमान सरकार ने 5 – 5 किलो मुफ्त अनाज के झोले में अपने नेताओं की फ़ोटो लगाकर उसका राजनैतिक फायदा उठाया और चुनावी में इसे ज़बरदस्त ढंग से भुनाया l यह इस देश के गरीबो की दयनीय स्थिति प्रकट करता है कि वे पांच किलो अनाज के बदले पांच साल के लिए सरकार चुन लेते हैं l प्रधानमंत्री अपनी सभा मे इस शर्म की बात को बड़े गर्व से कहते है और पब्लिक ताली बजाती है l
किसी अन्य दल की सरकारों द्वारा चलाई जा रही निशुल्क योजना को मुफ्तखोरी की संज्ञा देकर आईटी सेल उस सरकार की आलोचना करती है और अपनी सरकार की मुफ्त योजनाओं का गुणगान करती है l
कल्याणकारी योजना कांग्रेस चलाये या भाजपा यह किसी के निजी या पार्टी फंड से नहीं चलाई जाती l यह योजनाए सरकारी फंड से चलती है जो अंततः पब्लिक का पैसा है l गरीबो की योजना पर जिन टेक्स पेयर के पेट मे दर्द होता है उनकी जानकारी के लिए यह बताना जरूरी है कि टेक्स के धन में हर गरीब आदमी का भी योगदान है l बीड़ी माचिस से लेकर बाजार से खरीदी गई हर वस्तु पर आम आदमी अप्रत्यक्ष टैक्स अदा करता है l पब्लिक के पैसे से पब्लिक पर अहसान करने की यह नई प्रवृति गरीब और जनविरोधी है l लाभार्थी सामंतवादी युग की तरह राहत और खैरात देने वाले नुमाइंदों के अहसान का गुणगान करते हुए नहीं थकते l वे नमक का कर्ज वोट के रुप मे वापिस करते है l
Gopal Rathi