भाजपा नेता उस वक्त घड़ियाली आंसू बहा रहे थे, अंकित शर्मा तो हिंदू थे, फिर उनकी मदद क्यों नहीं की? – दुर्गेश पाठक
भाजपा सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए हिंदू-मुसलमान को आपस में लड़ाती है – दुर्गेश पाठक
- दिल्ली दंगे के लिए पूरी दिल्ली से माफी मांगे भाजपा- दुर्गेश पाठक
नई दिल्ली: 17 मार्च 2022
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली दंगे में शहीद हुए आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा के छोटे भाई को सरकारी नौकरी दी है। इससे पहले परिवार को एक करोड़ का मुआवजा भी दिया था। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू-मुसलमान में नफरत भरकर उन्हें आपस में लड़वाती है। ‘आप’ एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि अंकित शर्मा हिंदू थे, भाजपा ने उनके परिवार की मदद क्यों नहीं की। आईबी केंद्र के अंतर्गत आती है, केंद्र में भाजपा है, नौकरी देने का काम तो उन्हें करना चाहिए था। दुर्गेश पाठक ने भाजपा के नेताओं से दिल्ली दंगे के लिए पूरी दिल्ली से माफी मांगने की मांग की है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि 2020 में पहली बार एक ऐसा मंजर देखा गया जो दिल्ली वालों ने पहले नहीं देखा था। दंगे हुए, जिसमें बड़ी संख्या में जान-माल की हानि हुई थी। बहुत लोगों ने अपना परिवार खो दिया। सभी को पता है कि दिल्ली दंगों के पीछे बीजेपी का एक सोचा समझा षणयंत्र था। उससे राजनीति लाभ उठाने की योजना थी। दुर्भाग्य की बात यह रही कि दंगों के बाद बीजेपी के लोग गायब हो गए। जिनको भी परेशानी हुई, जानमाल की हानि हुई, भाजपा के लोग उनकी मदद के लिए नहीं आए। जिसके बाद अरविंद केजरीवाल की सरकार ने उनकी मदद की। उन्होंने घर- घर अपनी टीम भेजकर हर संभव प्रकार से उनकी सहायता की कोशिश की।
जो दुनिया छोड़ गया, उसको वापस तो नहीं लाया जा सकता है, लेकिन अरविंद केजरीवाल दिल्ली दंगों के पीड़ितों के साथ हमेशा खड़े नज़र आए। हमें लगता है कि भाजपा मुस्लिम समाज से नफरत करती है, उनकी मदद बिल्कुल नहीं करेगी। हो सकता है हिंदुओं की मदद कर दे। दुर्भाग्य की बात यह है कि भाजपा ने हिंदुओं के नाम पर भी सिर्फ राजनीति की है। दिल्ली दंगे के किसी पीड़ित को भाजपा की मदद नहीं मिली। आपको ध्यान होगा, हमारे आईबी के नौजवान सिपाही अंकित शर्मा की दिल्ली दंगे में मौत हो गई थी। वह मेरे भी अच्छे मित्र थे, उनके परिवार के साथ भी अच्छे संबंध थे। दिल्ली दंगे को 2 साल पूरे हो चुके हैं। अंकित शर्मा के परिवार की मदद बीजेपी के एक नेता ने नहीं की। उनके साथ भी अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार ही खड़ी नज़र आई। हमने अंकित शर्मा को शहीद का दर्जा दिया। अरविंद केजरीवाल ने अंकित शर्मा के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया।
अरविंद केजरीवाल ने जो कहा उसे पूरा भी किया। उन्होंने कहा था कि अंकित शर्मा के परिवार से जिस भी व्यक्ति को नौकरी दी जा सकती है, उसे दी जाएगी। आज अंकित शर्मा के छोटे भाई को सरकारी नौकरी दी है। मैं भाजपा के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आप जो घड़ियाली आंसू बहा रहे थे, अंकित शर्मा तो हिंदू थे, उनकी मदद क्यों नहीं की? अन्य जितने भी हिंदू थे, उनकी मदद क्यों नहीं की? हो सकता है भाजपा का कोई नेता गलती से किसी के घर पहुंच गया हो, एक-आधा ट्वीट कर दिया हो, लेकिन मदद के नाम पर गायब हो गए। आप लोगों को शर्म आनी चाहिए। मेरी मांग है कि भाजपा के नेता उन सभी हिंदू परिवारों से माफी मांगे, जो दिल्ली दंगे का शिकार हुए।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि मैं हिंदू समाज से भी कहना चाहता हूं कि यह सच है, आपको सिर्फ अपनी आंखें खोलने की जरूरत है। भाजपा अपने राजनीति फायदे के लिए आपके बच्चों को आपस में लड़ाती है। अंकित शर्मा आईबी में थे, वह तो केंद्र सरकार की थी। केंद्र में भाजपा की सरकार है, उन्होंने यह नौकरी क्यों नहीं दी। उल्टा उन्होंने तो अंकित शर्मा के परिजनों को पूछा तक नहीं। भाजपा मुस्लिमों के खिलाफ तो है ही, हिंदुओं के भी खिलाफ है। इनकी एक ही राजनीति है, आपस में लड़ाओ और चुनाव के दौरान लोगों में नफरत फैलाकर किसी तरह से चुनाव जीतो। अगली बार भाजपा के लोग जब वोट मांगने आएं तो पूछना कि अंकित शर्मा के परिवार के लिए क्या किया। जब वह हिंदू-मुस्लिम की बात करें तो उनसे पूछना कि अंकित शर्मा तो आईबी कर्मचारी था, केंद्र ने उसके परिवार की मदद क्यों नहीं की।