केजरीवाल सरकार ने गंभीर जलजमाव वाले स्थानों के लिए तैयार किया एक्शन प्लान, जलजमाव की समस्या को रोकने के लिए लाखों लीटर क्षमता वाले संप, स्टॉर्म ड्रेन, पंप हाउस का किया जा रहा है निर्माण
7.5 लाख लीटर क्षमता का भूमिगत संप, 600 हॉर्सपावर का स्थायी पम्प हाउस पुल प्रह्लादपुर अंडरपास को दिलाएगा मानसून में होने वाले जलजमाव से निजात
जलजमाव की समस्या दूर करने के लिए आटोमेटिक पंप से लैस होगा मिन्टो ब्रिज, आईपी.एस्टेट रिंग रोड पर तैयार किया जाएगा स्टॉर्म वाटर ड्रेन व 1.5 लाख लीटर क्षमता का संप
केजरीवाल सरकार माइक्रो लेवल प्लानिंग के साथ जलजमाव की समस्या को दूर करने पर कर रही है फोकस, मानसून से पहले पूरी हो जाएगी सभी तैयारी, अधिकारी कस ले कमर नहीं बरती जाएगी ढिलाई: पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया
17 मार्च, नई दिल्ली
केजरीवाल सरकार ने मानसून के दौरान दिल्ली में होने वाले जलजमाव को रोकने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां कर रही है| इस बाबत पीडब्ल्यूडी ने राजधानी के विभिन्न मुख्य जलजमाव वाले स्थानों को चिन्हित कर पिछले कुछ महीनों में ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का काम कर रही है जो भारी बारिश के दौरान भी जलजमाव की स्थिति पैदा नही होने देंगे| गुरुवार को उपमुख्यमंत्री व पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने इन तैयारियों का जायजा लेने के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की| उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मई कर अंत तक सभी चिन्हित स्थानों पर जलजमाव को रोकने से संबंधित किए जा रहे सभी कार्य पूरे हो जाने चाहिए ताकि मानसून के दौरान आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े| साथ ही उन्होंने वर्तमान में चल रहे विभिन्न प्रोजेक्ट्स के प्रगति की भी समीक्षा की|
ज्ञात हो कि पिछले साल मानसून के दौरान दिल्ली में अप्रत्याशित बारिश हुई थी| दिल्ली में पिछले रिकॉर्ड देखे तो मानसून के दौरान प्रतिदिन अधिकतम 25-30 मिमी बारिश होती है लेकिन पिछले साल 110 मिमी तक बारिश हुई जिसके कारण दिल्ली में कई स्थानों पर जलजमाव का सामना करना पड़ा थी इसको लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभागों को जलजमाव को रोकने के लिए शार्ट-टर्म व लॉन्ग-टर्म नीतियाँ तैयार करने व उनके क्रियान्वयन के आदेश दिए थे| इसे देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने 147 स्थानों को चिन्हित कर वहां जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है|
केजरीवाल सरकार ने गंभीर जलजमाव वाले स्थानों के लिए तैयार किया एक्शन प्लान
पुल प्रह्लादपुर अंडरपास – पिछले साल मानसून के दौरान यहां कई बार जलजमाव हुआ| इस साल दोबारा ऐसी समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए पीडब्ल्यूडी यहां 7.5 लाख लीटर क्षमता का एक भूमिगत संप का निर्माण करवा रही है और 600 हॉर्सपावर का एक स्थायी पम्प हाउस भी स्थापित किया जा रहा है| भूमिगत संप व पंप हाउस का निर्माण कार्य मई के अंत तक हो जाएगा| साथ ही यहां 7 अस्थाई पम्प भी लगाए जाएंगे जिनकी कुल क्षमता 500 हार्सपावर होगी|
अंडर ज़कीरा फ्लाईओवर – यहां मानसून के दौरान रेलवे द्वारा बनाए गए अस्थायी कच्चे नाले से बरसात के मौसम में रेलवे लाइन पर कचरा अंडर पास में गिर जाता है| इसके कारण वाटरपंप जाम हो जाते है जिससे जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है| यहां रेलवे लाइन के कचरे को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी स्क्रीन लगाएगी व जखीरा अंडरपास के आसपास के क्षेत्र में ड्रेन के मॉडिफिकेशन का कार्य भी तेजी से चल रहा| साथ ही नेहरू नगर/आनंद पर्वत से आने वाले स्टॉर्म ड्रेन को री-रूट किया जाएगा|
आईपी.एस्टेट रिंग रोड, WHO बिल्डिंग के सामने- रिंग रोड पर जलजमाव की समस्या को खत्म करने के लिए यहां 9 पम्प लगाए जाएंगे साथ ही यहां पीडब्ल्यूडी 1.5 लाख लीटर का संप और पुराने आईपी पॉवर प्लांट से यमुना तक स्टॉर्म वाटर ड्रेन का निर्माण करेगी| ये निर्माण कार्य मानसून से पहले पूरा हो जाएगा|
जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन रोड- यहां जलजमाव को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी के एक्शन प्लान में सर्विस रोड के साथ एक नाले का निर्माण, मुकरबा चौक बाउंड से मुख्य सड़क के बीच पुराने एसडब्ल्यू ड्रेन का पुनर्निर्माण,रामगढ़ और महेंद्र पार्क आदि की ओर मुख्य सड़क के साथ एसडब्ल्यू ड्रेन की रीमॉडलिंग व स्थायी पम्प हाउस का निर्माण शामिल है|
मिन्टो-ब्रिज- 1 साल पहले तक मिन्टो-ब्रिज के नीचे कम बारिश होने पर भी जलजमाव की स्थिति पैदा हो जाती थी| इसे दूर करने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा पिछले साल कई स्थायी कदम उठाये गए और अप्रत्याशित बारिश होने के बावजूद यहां लोगों को जलजमाव का सामना नहीं करना पड़ा| इस साल अपनी तैयारियों को और बेहतर करने के लिए दिल्ली सरकार यहां अल्टरनेट ड्रेनज सिस्टम व आटोमेटिक वाटर पम्प स्थापित करेगी|
इसके अतिरिक्त दिल्ली में बरसाती नालों के डि-सिल्टिंग का कार्य भी तेजी से चल रहा है| उपमुख्यमंत्री ने इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्री-मानसून संबंधित तैयारियों को ध्यान में रखते हुए सभी नालों के डि-सिल्टिंग का कार्य 31 मई से पहले पूरा हो जाना चाहिए और कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए|