जाति आधारित संगठन का सच

दैनिक समाचार

अखिल भारतीय धोबी महासभा , जाटव समाज, कुर्मी महासभा, वाल्मीकि समाज, यादव संगठन आदि जितने भी संगठन जाति के नाम पर बने हुए हैं। वो समाज के महापुरुषों की विचारधारा को कभी नहीं मानेंगे। जाति के आधार पर बने हुए यह संगठन अपने समाज के महापुरुषों के बताये हुए रास्ते पर कभी नहीं चलेंगे। इन संगठनों से जुड़े हुए पदाधिकारी अंधविश्वास और पाखंड में पैर से लेकर सर तक डूबे हुए हैं। यही कारण है कि होली, दीवाली, शिवरात्रि, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, नवरात्रि , सावन आदि के त्यौहार पर इनकी पोल खुल जाती हैं क्योंकि यह संगठन समाज के लोगों के अंधविश्वास और पाखंड को मजबूत करने के लिए बनाये जाते हैं। इन संगठनों के पदाधिकारी अपनी जातियों के लोगों को जाति पर गर्व करना सीखते हैं क्योंकि जाति के आधार पर बने इन संगठनों के मुखिया की डोर किसी और के हाथों में होती हैं। जाति के आधार पर बने संगठनों के अध्यक्ष की हैसियत सिर्फ कठपुतली जैसी होती हैं।
सिंबल ऑफ नॉलेज संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर ने कहा है कि जाति पर गर्व करना विनाश का कारण है। बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाओं को ऐसे संगठन बिल्कुल नहीं मानते हैं। अपनी जाति के महापुरुषों की विचारधारा को भी यह संगठन बिल्कुल नहीं मानते हैं। यह संगठन षडयंत्र रच कर सिर्फ अपने समाज के महापुरुषों की जयंती मानते हैं । बाबा साहब की जयंती महोत्सव धूमधाम से मानते हैं । ऐसे संगठन समाज विरोधी , संविधान विरोधी , अपनी जाति के महापुरुष और बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की विचाधारा के विरोधी हैं। इन जातिगत संगठनों के कारण संविधान की शक्ति को खत्म किया जा रहा हैं। इन जातिगत संगठनों के कारण देश में संवैधानिक संस्थाओं को बेचा जा रहा हैं। इन जातिगत संगठनों के कारण देश में अंधविश्वास और पाखंड मजबूत हो रहा हैं। इन जातिगत संगठनों के कारण ही 6743 जातियों में विभक्त बहुजन समाज का संगठित होना आसान नहीं दिखता है। इन्हीं जातिगत संगठनों के कारण ही मनुवादी पार्टियां सत्ता में हैं। इन जातियों की जन्मकुंडली में गण राक्षस लिखा जाता हैं। शुद्र वर्ण में आने वाले इन जातियों के पदाधिकारियों को सिर्फ जाति पर गर्व करना सिखाया जाता हैं तथा एक को नीच और खुद को उच्च। बेटी रोटी का संबंध यह जातिगत संगठन आपस में नहीं करते हैं । अंतरजातीय विवाह को जातिगत आधार पर बने संगठन बढ़ावा नहीं देते हैं।
एडवोकेट राजेश चौधरी
एमकॉम, एम ए ( मानव अधिकार ) , एलएलबी
बरेली यूपी
मो 09719993399
शिक्षा का अर्थ दुनिया को समझना नहीं बल्कि बदलना भी हैं। ✍️

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