“शहीद दिवस पर कोटि कोटि नमन”✍️

दैनिक समाचार

“आज ही के दिन भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। देश के लिए लड़ने मरने पर ही शहीद का दर्जा मिलता है”✍️

“लेकिन अभी तक पुलमावा व किसान आंदोलन को शहीद का दर्जा क्यों नहीं दिया गया है, इस पर भी चर्चा और समीक्षा होनी चाहिए, क्योंकि इसी दिन को हम शहीद दिवस के रूप में मनाते है”✍️

“लेकिन वर्तमान में शहीद व स्वत्रंता सेनानी व विरोध की गरिमा को खत्म करने का काम किया गया है, साथ ही “गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम” का दुरुपयोग भी वर्तमान व पूर्व में किया है। इस पर अपनी राय जनता को बनानी होगी”✍️

“विचार को बदलना था, व्यक्ति को नहीं, वर्तमान नेताओं की जातिगत धार्मिक मानशिकता कभी न्याय संगत नहीं हो सकती है, इसलिए नेताओं को धर्मनिरपेक्ष मानशिकता को अपने अंदर स्थापित करना होगा”✍️

Reeta Bhuiyar जिला बिजनौर उप्र भारत

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