? सीपीआई(एम) जम्मू कश्मीर में बड़ी पार्टी नहीं है। इसके बाद भी अब तक
सीपीएम के 25 और सीपीआई के एक नेता सीमापार आतंकियों और अलगावपरस्तों की गोलियों के शिकार हुए।
क्यों ?
? इसलिए कि वे कश्मीरियत को कलंकित करने वाली साजिशों के खिलाफ आवाज उठाते रहे।
? इसलिए कि वे कश्मीरी पंडितों को डराने-धमकाने और कश्मीरी अवाम को बांटने का जमकर विरोध करते रहे।
? वे पंजाब में खालिस्तानी उभार के वक़्त भी लड़े थे और 150 से ज्यादा प्रमुख वामपंथी नेताओं की हत्याएं भुगती थीं।
? वे असम और गोरखालैंड के पृथकतावादी आंदोलन से भी लडे, वे त्रिपुरा के पृथकतावादियों से भी लड़े।
? इसलिए कि वे आज भी लड़ रहे हैं ;
#आतंकवादियोंद्वारामारेगएकामरेडोंकीसूची:
- अशोक कुमार भट्ट (खरबारी, कुलगाम)
- अब्दुल रशीद भट्ट (हंगालबूच, बटपोरा, कुलगाम)
- (मोहम्मद युसूफ लोन (हंजन, कुलगाम)
- बशीर अहमद वाणी (हुम् कुलगाम)
- अहमदुल्लाह (हुम् कुलगाम)
- मोहम्मद अमीन भट्ट (ओकय, कुलगाम)
- ज़हूर अहमद गनी (ओकाय, कुलगाम)
- अब्दुल रहमान दार (ओकाय , कुलगाम)
- मोहम्मद अमीन शाह (बोगुन्द कुलगाम)
10.मोहम्मद अफ़ज़ल भट (कनीपोरा, कुलगाम) - अब्दुल हमीद भट्ट (कुलगाम)
- मोहम्मद अकबर भट (कामरेड मो. युसूफ तारिगामी के ससुर) (तारीगाम, कुलगाम)
- गुलजाल अहमद राथेर (कामरेड तारिगामी के भतीजे, (तारीगाम कुलगाम))
14.बशीर अहमद रेशी (काहेरवत, कुलगाम) - गुलाम मोहम्मद दार (काहेरवत, कुलगाम)
- मोहम्मद इब्राहिम दार (मोहमदपुरा, कुलगाम)
- गुलाम नबी भट्ट (चौलागम, कुलगाम)
- गुलाम हसन सोफी (हरिवेथ, कुलगाम)
- गुलाम मोहिदुद्दीन दार (रामगार्ड कुलगाम)
- परवीना अख्तर (बेहीबाग, कुलगाम)
- अर्शिद अहमद (मीशिपोरा, कुल्हाम)
- गुलाम गनी सीर (अशमुकाम, अनंतनाग)
- अली मोहम्मद दार (हाकुरा, बडसेगम, अनंतनाग)
- अली मोहम्मद दार (काकपोरा, पुलवामा)
- अब्दुल रशीद भट्ट (टंगवानी, शोपियां)
इनके_अलावा
4 दिसंबर 96 को चुनाव परिणामो के बाद हुयी एक रैली पर आतंकियों के फेंके बम से 7 लोग मारे गए दर्जनों घायल हुए थे। कुलगाम शहर में हुयी इस रैली में कामरेड तारिगामी बोले थे।
इनसे_पहले
सीपीआई के वरिष्ठ नेता, प्रमुख कवि और लेख अब्दुल सत्तार रंजूर को आतंकियों ने कीगाम श्योपिआँ के उनके घर में घुस कर मार दिया था।
*बादल सरोज