- दिल्ली को गाजीपुर समेत तीन कूड़े के पहाड़ एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन की देन हैं- आतिशी
- ईडीएमसी के हिसाब से इस गाजीपुर के पहाड़ को खत्म करने में 200 साल लगेंगे- आतिशी
पीएम मोदी जवाब दें कि इस समस्या का समाधान कैसे करेंगे, क्योंकि एमसीडी अब सीधे उनके नियंत्रण में है – आतिशी
- एमसीडी के कूड़ा प्रबंधन का इतना बुरा हाल है कि रोज 2 हजार टन कूड़ा इन पहाड़ों पर आता है- आतिशी
- टेरी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों कूड़े के पहाड़ों से दिल्ली के पर्यावरण को 450 करोड़ का नुकसान हुआ है- आतिशी
- भाजपा शासित ईस्ट एमसीडी यह जानती है कि इस कूड़े के पहाड़ में कभी भी आग लग सकती है और यहां कूड़ा डालने आने वाले लोगों की जिंदगी को खतरा है- आतिशी
- भाजपा को 15 साल के कुप्रबंधन की वजह से पता है कि दिल्ली के लोग उनको एमसीडी से निकाल कर बाहर करना चाहते हैं, इसी वजह से भाजपा ने हार के डर से चुनाव को टाल दिया है- आतिशी
- यहां आग लगातार एक-दो महीने में लगती रहती है, ऐसे में जो लोग वहां पर रहते हैं वह किस तरह से अपना गुजारा करते होंगे- कुलदीप
- गाजीपुर कूड़े के पहाड़ में 2017 में ब्लास्ट की वजह से 2 लोगों की मौत हो गई थी, उसके बाद भाजपा ने चेहरे बदले लेकिन लैंडफिल साइट के हालात वही रहे- कुलदीप
नई दिल्ली, 28 मार्च, 2022
भाजपा शासित एमसीडी की गाजीपुर लैंडफिल साइट पर फिर आग लग गई है। इसके बाद केजरीवाल सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली को गाजीपुर समेत तीन कूड़े के पहाड़ एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन की देन हैं। ईडीएमसी के हिसाब से इस गाजीपुर के पहाड़ को खत्म करने में 200 साल लगेंगे। अब एमसीडी सीधे पीएम मोदी के कंट्रोल में है, वह बताएं कि इस समस्या का क्या समाधान है। भाजपा शासित एमसीडी के कूड़ा प्रबंधन का इतना बुरा हाल है कि रोज 2 हजार टन कूड़ा इन पहाड़ों पर आता है। टेरी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों कूड़े के पहाड़ों से दिल्ली के पर्यावरण को 450 करोड़ का नुकसान हुआ है। भाजपा शासित ईस्ट एमसीडी यह जानती है कि इस कूड़े के पहाड़ में कभी भी आग लग सकती है और यहां कूड़ा डालने आने वाले लोगों की जिंदगी को खतरा है। भाजपा को 15 साल के कुप्रबंधन की वजह से पता है कि दिल्ली के लोग उनको एमसीडी से निकाल कर बाहर करना चाहते हैं। इसी वजह से भाजपा ने हार के डर से चुनाव को टाल दिया है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जवाब दें कि इस समस्या का समाधान कैसे करेंगे, क्योंकि एक महीने बाद एमसीडी भंग हो जाएगी और चुनाव टालने का बिल वह संसद में बिल लेकर आए हैं। कोंडली विधायक कुलदीप ने कहा कि यहां आग लगातार एक-दो महीने में लगती रहती है। ऐसे में जो लोग वहां पर रहते हैं वह किस तरह से अपना गुजारा करते होंगे। गाजीपुर कूड़े के पहाड़ में 2017 में ब्लास्ट की वजह से 2 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद भाजपा ने चेहरे बदले लेकिन लैंडफिल साइट के हालात वही रहे।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने दिल्ली विधानसभा में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। विधायक आतिशी ने कहा कि गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ में भीषण आग लगी है। पिछले 2 घंटे से 10 से 15 फायर इंजन आग को बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, इसके बावजूद आग नहीं बुझी है। गाज़ीपुर लैंडफिल साइट के आसपास का पूरा इलाका धुंए से भर चुका है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। आग से फैला धुआं कम से कम 2 से 3 हफ्ते तक उस क्षेत्र में बना रहेगा और लोगों के लिए सांस लेने में दिक्कत पैदा करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि गाजीपुर कूड़े के पहाड़ समेत अन्य दो कूड़े के पहाड़ हैं। यह एमसीडी में 15 साल के भाजपा शासन की देन हैं। एमसीडी का मूलभूत काम साफ सफाई करवाना होता है। दिल्लीवासी जानते हैं कि दिल्ली में साफ-सफाई की समस्या है। एक तरफ कॉलोनी, गलियों और मोहल्लों में साफ सफाई नहीं होती है। दूसरा जो कूड़ा उठाया जाता है, उसका कोई भी प्रबंधन नहीं है। तीन बड़े-बड़े कूड़े के पहाड़ दिल्ली के सीमाओं पर खड़े हो गए हैं। दिल्ली के बाहर से कोई आता है तो सबसे पहले यह पहाड़ दिल्ली की आन बान शान बनकर स्वागत करते हैं। यह हम सभी के लिए शर्म की बात है। दिल्ली की कूड़ा प्रबंधन का इतना बुरा हाल है कि रोज 2 हजार टन कूड़ा इन पहाड़ों पर आता है। भाजपा और सांसद गौतम गंभीर बार-बार कहते हैं कि हम इनकी ऊंचाई कम कर रहे हैं। ट्रोमल मशीन खरीद रहे हैं।
विधायक आतिशी ने कहा कि मैंने विधानसभा में पर्यावरण समिति की चेयरपर्सन होने के नाते ईडीएमसी के कमिश्नर को बुलाया। उनसे पहाड़ को खत्म करने के बारे में पूछा गया। उस हिसाब से इस गाजीपुर के पहाड़ को खत्म करने में 200 साल लगेंगे। यह एमसीडी का हाल है। टेरी संस्था ने एनजीटी, आईआईटी दिल्ली और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ मिलकर रिपोर्ट बनायी है। उसमें यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि तीनों कूड़े के पहाड़ों से दिल्ली के पर्यावरण को 450 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस पूरे क्षेत्र में जहां पर गाजीपुर का पहाड है, वहां पर जल प्रदूषण होता है। जिस तरह आग आग लगी है, वैसे ही लगती रहती है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा की पर्यावरण समिति में जब ईडीएमसी के अधिकारियों को बुलाया तो वह कहते हैं कि हमें पता है कि आग लगती है। वहां पर इतना सारा कूड़ा है कि उसमें खुद आग सकती है। इसका मतलब है कि भाजपा शासित ईस्ट एमसीडी यह जानती है कि इस कूड़े के पहाड़ में कभी भी आग लग सकती है और जो लोग वहां कूड़ा डालने आते हैं उनकी जिंदगी को खतरा है। दो साल पहले भलस्वा के पहाड़ का एक हिस्सा गिर गया था, उसके नीचे कुछ लोग भी आ गए थे। ऐसे में एमसीडी जानती है कि इन कूड़े के पहाड़ों से आसपास के लोगों को खतरा है। इनमें आग लग सकती है और आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। यह सब जानते हुए भी उन्होंने इतने सालों में इस कूड़े के पहाड़ की समस्या का कोई समाधान नहीं किया।
विधायक ने कहा कि आज फिर से एक बार कोंडली घडोली, गाजीपुर सहित सब इलाके के लोगों को इस धुंए का सामना करना पड़ रहा है। 15 साल के कुप्रबंधन की वजह से भाजपा को पता है कि दिल्ली के लोग उनसे इतने परेशान हैं कि उनको एमसीडी से निकाल कर बाहर करना चाहते हैं। इसी वजह से भाजपा ने हार के डर से चुनाव को टाल दिया है। आखरी मिनट पर संसद में एक बिल लेकर आए हैं जो एमसीडी के चुनावों को रोकने का बिल है। दिल्ली वाले अब जैसे घर से कूड़ा बाहर निकाल कर फेंकते हैं वैसे ही एमसीडी से भाजपा को निकाल कर बाहर फेंकना चाहते हैं। यही कारण है कि भाजपा ने डर से चुनाव टाल दिया है।
उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहती हूं कि एक महीने में तो एमसीडी भी भंग हो जाएगी तो फिर इन घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार होगा। क्योंकि हमें नहीं पता है कि चुनाव कब होने वाले हैं। चुनाव होने में 6 माह से डेढ़ साल का वक्त लग सकता है। दिल्ली वालों के हालात के लिए कौन जिम्मेदार होगा। धुंए से प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कौन जिम्मेदार होगा। गाजीपुर की वजह से जो जल प्रदूषित हो रहा है, उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। अब इसका जवाब सिर्फ एमसीडी को नहीं बल्कि अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी को भी देना है। क्योंकि वह संसद में बिल लेकर आए हैं। जिसकी वजह से एमसीडी का चुनाव स्थगित हुआ है।
कोंडली विधायक कुलदीप ने कहा कि भाजपा ने 15 साल में दिल्ली को लूट-लूट कर तीन कूड़े के पहाड़ बनाए हैं। दुर्भाग्य से उनमें से एक कूड़े का पहाड़ मेरी विधानसभा कोंडली के अंतर्गत गाजीपुर में पड़ता है। आज जो आग लगी है यह पहली बार नहीं लगी है, यहां आग लगातार एक-दो महीने में लगती रहती है। ऐसे में जो लोग वहां पर रहते हैं वह किस तरह से अपना गुजारा करते होंगे। उनका धुंए की वजह से दम घुटता होगा। उनके घरों से धुंआ एक हफ्ते बाद निकलेगा, तब तक वह घरों में कैसे रहेंगे। इस बात की चिंता ना भाजपा को है और ना उनके नेताओं को है। इसकी चिंता भाजपा के सांसद गौतम गंभीर को भी नहीं है, जिन्होंने आज से 1 साल पहले दावा किया था कि मैंने 2 महीने के अंदर लैंडफिल साइट को 40 फीट कम दिया है। उसके बाद हमने वहां पर जाकर झूठ का पर्दाफाश किया था। आज उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने कहा कि 2017 में इसमें ब्लास्ट हुआ था और 2 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद भी समय बदला,चेहरे बदले, नई सरकार आई लेकिन लैंडफिल साइट वही की वही रहीं। उसका कुछ नहीं बदला।
इस लापरवाही के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे- गोपाल राय
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद एमसीडी सुधरने को तैयार नहीं है। जिस तरह से वहां पर आग लगी है, उसी तरह आग पहले भी लगती रही है। वहां आग लगने पर डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम वहां पर पहुंच चुकी है। आग पर नियंत्रण किया जा रहा है। यह घटनाएं बार-बार ना हों इसको देखते हुए डीपीसीसी को जांच के आदेश दिए गए हैं। 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। उस रिपोर्ट के आधार पर जो भी इस लापरवाही का दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे। भलस्वा लैंडफिल साइट से जुड़ी कमेटी की रिपोर्ट के संबंध में कहा कि उसमें लापरवाही का मामला सामने आया था। एमसीडी सुधरने को तैयार नहीं है। ऐसे में उसके ऊपर सख्त कार्रवाई करेंगे।