“एक समय था, जब महापुरुष अपने परिवार को छोड़कर पूरे देश और संसार के परिवारों के लिए काम करते थे”✍️
“लेकिन उन महापुरुषों के नाम पर कुछ व्यक्तियों ने जनता को भ्रमित कर अपने स्वयं के वजूद को बढ़ाया है, पहले परिवार को छोड़ने का नाटक किया, बाद में उस परिवार के लिए ही लोकतंत्र की हत्या कर राजाशाही को बनाने का काम किया”✍️
“संविधान निर्माताओं ने कहां था की अब राजा रानी के पेट से नहीं बल्कि मत की पेटी से पैदा होगा”✍️
“लेकिन वर्तमान में तो मत की पेटी पूंजी के साथ जातिधर्म और पार्टी के आधीन हो गई है”✍️
“पहले जनता नेता का चुनाव करती थी, वर्तमान में नेताओं द्वारा जनता का चुनाव किया जा रहा है”✍️
“वर्तमान जो परम्परा का दौर चल रहा है, ये तर्कज्ञान को भ्रमितकर पाखण्डवाद को मजबूत कर रहा है”✍️
“जिस देश में आपातकाल में पूजीपतियों और नेताओं की सम्पत्ति बढ़ती हो और गरीब जनता भूख बीमारी से मरती हो, उस देश में शिक्षा की स्थिति क्या होगी ये किसी से बताने की बात नहीं है”✍️
Reeta Bhuiyar जिला बिजनौर उप्र भारत