द्वारा : अकरम आजाद
आपने अर्थशास्त्री को हटाकर सोचा था कि एक ऐसा व्यक्ति देश की अर्थव्यवस्था सुधार देगा जिसकी डिग्री तक फेंक है ।
वो तो खुद कह रहा था कि मैंने चाय बेची है, आप भावना में बह गए। चाय बेचने वाले से आपको सहानुभूति हो सकती है, आप उससे प्रेम भी कर सकते हैं, लेकिन अपनी बैलेन्सशीट नहीं बनवा सकते। आपने देश की बैलेन्सशीट उनके हाथ में सोंप दी, तो मूर्ख कौन है ??
उसने पहले ही बता दिया था कि उसने घर छोड़ा था, बीवी छोड़ी थी, मतलब वो ज़िम्मेदारी से भागता है, लेकिन आपने इसे भी देश भक्ति से जोड़कर देश की ज़िम्मेदारी उसे सोंप दी, तो मूर्ख कौन है ??
उसकी इतिहास की जानकारी गड़बड़ है, उसकी भूगोल की जानकारी गड़बड़ है, यह आपको पहले से पता था, लेकिन आपने देश का वर्तमान उसके हाथ में सौंप दिया तो मूर्ख कौन है ??
वो नाले की गैस से चाय बनवाता है, वो बादल में फ़ाइटर जेट छिपाकर रडार से बच जाता है, वो विंड टर्बाईन से ऑक्सिजन अलग करवाता है और आप ताली बजाते हैं तो मूर्ख कौन है ??
मूर्ख आप हो, मूर्ख वो नहीं है। उन्हें मूर्ख बोलकर अपनी बेइज्जती मत करवाए।