- मुझे विश्वास है कि हम अपना लक्ष्य ज़रूर पूरा करेंगे- अरविंद केजरीवाल
- सीएम अरविंद केजरीवाल ने उच्च स्तरीय बैठक कर ‘रोजगार बजट’ की प्रगति की समीक्षा की
- दिल्ली के ‘रोजगार बजट’ में हमने अगले 5 साल में 20 लाख रोज़गार तैयार करने का लक्ष्य रखा है, ऐसा काम देश में पहली बार हो रहा है- अरविंद केजरीवाल
- जिस तरह आज पूरा देश शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली-पानी को लेकर दिल्ली की तरफ़ देख रहा है, ठीक ऐसे ही हम रोज़गार का समाधान भी देंगे- अरविंद केजरीवाल
- आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार का ही है, लोगों के पास रोजगार नहीं है- अरविंद केजरीवाल
- सभी विभाग प्रमुखों को टाइमलाइन के अंदर अपने विभाग में तेजी से फाइल की प्रोसेसिंग और निर्णय लेना सुनिश्चित करने के निर्देश- मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली, 08 अप्रैल, 2022
केजरीवाल सरकार ने ‘रोजगार बजट’ को धरातल पर उतारने के लिए कमर कस ली है। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली सचिवालय में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के ‘रोजगार बजट’ में हमने अगले 5 साल में 20 लाख रोज़गार तैयार करने का लक्ष्य रखा है। ऐसा काम देश में पहली बार हो रहा है। आज बैठक कर सभी विभागों के लक्ष्य और टाइम लाइन निर्धारित किए गए। मुझे विश्वास है कि हम अपना लक्ष्य ज़रूर पूरा करेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार का ही है। लोगों के पास रोजगार नहीं है। जिस तरह आज पूरा देश शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली-पानी को लेकर दिल्ली की तरफ़ देख रहा है। ठीक ऐसे ही हम रोज़गार का समाधान भी देंगे। वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सभी विभाग प्रमुखों को टाइम लाइन के अंदर अपने विभाग में तेजी से फाइल की प्रोसेसिंग और निर्णय लेना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली सचिवालय में ‘रोजगार बजट’ को लेकर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक सभी संबंधित अधिकारी अपनी प्रगति रिपोर्ट के साथ शामिल हुए और जिन क्षेत्रों में रोजगार पैदा किए जा सकते हैं, उनके बारे में विस्तार से अवगत कराया। अभी 15 दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में ‘रोजगार बजट’ पेश कर युवाओं को अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार देने का खाका प्रस्तुत किया था और आज सीएम अरविंद केजरीवाल ने समीक्षा बैठक कर युवाओं को नई नौकरियां देने पर जोर दिया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने ‘रोजगार बजट’ में की गई घोषणाओं को हकीकत में तब्दील करने को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों को साथ मिलकर पूरी गंभीरता और समय सीमा के अंदर काम करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, मुख्य सचिव समेत संबंधित विभागों वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
हमने दिल्ली में बड़ी-बड़ी चीजें करके दिखाई है, हम सब मिलकर रोजगार का भी समाधान निकालेंगे- अरविंद केजरीवाल
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बार हमने ‘रोजगार बजट’ में अगले पांच साल में 20 लाख नई नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा है। इस संबंध में इतना विशिष्ट डिटेल प्रजेंट किया गया है कि यह अपने आप में बजट बनाने के अभ्यास में पूरी तरह से एक नया प्रयोग है। अभी तक किसी भी सरकार ने बजट बनाने में इस तरह का प्रयास नहीं किया है। हमारा यह ‘रोजगार बजट’ नया है और चुनौती पूर्ण भी है। अगर हम सभी लोग मिलकर इसको करेंगे, तो लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार का ही है। लोगों के पास रोजगार नहीं है। इसलिए हमें अपने लक्ष्य को टाइम लाइन के अंदर पूरा करना है। अगर किसी के सामने कोई समस्या आ रही है, तो उसके लिए अगली समीक्षा बैठक का इंतजार न करें, बल्कि उसके समाधान के लिए मुख्य सचिव, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत संबंधित मंत्री से संपर्क करें और उसका समाधान निकालें। मुझे पूरी उम्मीद है कि हम सब मिलकर इस लक्ष्य को समय से सफलता पूर्वक हासिल कर लेंगे। हमने दिल्ली में और भी बड़ी-बड़ी चीजें करके दिखाई है। आज सारा देश, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और पानी में हमारी तरफ देख रहा है। हम सब मिलकर रोजगार का भी समाधान निकालेंगे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने समीक्षा बैठक के उपरांत ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली के ‘रोजगार बजट’ में हमने अगले 5 साल में 20 लाख रोज़गार तैयार करने का लक्ष्य रखा है। ऐसा काम देश में पहली बार हो रहा है। आज सभी विभागों की मीटिंग ली। हर विभाग के लक्ष्य और टाइम लाइन निर्धारित किए गए। सभी खूब उत्साहित हैं। मुझे विश्वास है कि हम अपना लक्ष्य ज़रूर पूरा करेंगे।’’
वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ‘‘रोज़गार बजट की समीक्षा के दौरान आज माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी ने कहा कि “जिस तरह आज पूरा देश शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली-पानी को लेकर दिल्ली की तरफ़ देखता है, ठीक ऐसे ही हम रोज़गार का समाधान भी देंगे।”
सभी विभागों के लिए एक समय सीमा निर्धारित की गई है, उसका सभी विभाग अवश्य पालन करें- मनीष सिसोदिया
समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सभी विभागों से कहा कि सभी विभागों के लिए एक समय सीमा निर्धारित की गई है। उस टाइम लाइन का सभी विभाग पालन अवश्य करें। किसी भी विभाग को तय समय सीमा को क्रॉस नहीं करना है। सभी विभागों के प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके विभाग में फाइल प्रोसेसिंग और निर्णय सही और तेजी से लिए जाएं। अगली समीक्षा बैठक में कोई पुराना बहाना नहीं चलेगा। अगर कोई काम नहीं हो पा रहा है, तो उसके लिए विभागों प्रमुखों की जिम्मेदारी है कि उसे कराएं और आगे बढ़ाएं। सभी विभागों को अपनी भूमिका और टाइम लाइन स्पष्ट तौर पर समझाने के लिए आज यह बैठक की गई है। सरकार के पास रेवेन्यू और जॉब पैदा करने के लिए जमीन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए जमीन को लेकर सभी को थोड़ा खुले दिमाग से सोचना पड़ेगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी ने रोज़गार बजट में पहले से चल रहे और नए कार्यक्रमों की डिटेल्स और उसके कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए समीक्षा बैठक की। उनके नेतृत्व में, दिल्ली सरकार अगले 5 वर्षों में 20 लाख नौकरियां पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
रोजगार के अवसर पैदा करने वाले विभिन्न प्रोजेक्ट्स की प्रमुख विशेषताएं-
दिल्ली के प्रसिद्ध रिटेल मार्केट का पुनर्विकास
केजरीवाल सरकार ने अगले पांच साल में 20 लाख नए रोजगार पैदा करने के लिए कई सेक्टरों को चिंहित किया है और उस पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। दिल्ली सरकार प्रतिष्ठित रिटेल मार्केट लाजपत नगर, कमला नगर आदि का पुनर्विकास करेगी। दिल्ली सरकार बिक्री बढ़ाने और दिल्ली और देश भर से अधिक से अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इन प्रतिष्ठित बाजारों की ब्रांडिंग करेगी। यह कोविड के दौरान अपने घर जाने वाले प्रवासियों को दोबारा वापस बुलाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे बिक्री में वृद्धि होगी और नए रोजगार में वृद्धि होगी। इस मार्केटों के प्रचार, ब्रांडिंग और ढांचागत बदलाव से अगले 5 साल में 1.5 लाख नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल
केजरीवाल सरकार दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन करेगी। इसका आयोजन सितंबर और अक्टूबर या फरवरी और मार्च के महीने में किया जाएगा और यह फेस्टिवल 4-6 सप्ताह के लिए आयोजित होगा। जहां बिक्री, मनोरंजन और भोजन पर आकर्षक योजनाएं और खरीदारों को भारी छूट की पेशकश की जाएगी। दिल्ली सरकार द्वारा एसजीएसटी रिफंड के माध्यम से छूट को सक्षम किया जाएगा; साथ ही ग्राहकों को लॉटरी, पुरस्कार, स्क्रैच कार्ड। परियोजना का उद्देश्य त्योहार के दौरान अधिक पर्यटकों को आकर्षित करना और इन बाजारों में खरीदारों और विक्रेताओं को फिर से जोड़ना है। दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल में 5 वर्षों में 1.2 लाख नौकरियां पैदा करने की क्षमता है।
ग्रेड ए रिटेल और फूड स्पेस योजना
दिल्ली को अनुभवात्मक खरीदारी और फूड हब बनाने के लिए ग्रेड ए रिटेल और फूड स्पेस योजना लाएगी। परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली के अंदर मॉल्स और उच्च गुणवत्ता वाले भोजन की मांग को पूरा करने के लिए यह योजना शुरू की जाएगी। ग्रेड ए रिटेल और फूड स्पेस योजना के तहत बस डिपो की मौजूदा जमीन का इस्तेमाल विश्व स्तरीय फूड और रिटेल हब की स्थापना के लिए किया जाएगा, जिसमें 5 साल में 50 हजार नौकरियां पैदा करने की क्षमता होगी।
फूड ट्रक पॉलिसी
दिल्ली सरकार आगामी दिनों में फ़ूड ट्रक पॉलिसी लाएगी। पर्यटन विभाग द्वारा इसके जरिए दिल्ली में रेस्तरां और कैफे के लिए व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देने, बाजार का आकार बढ़ाने, स्वादिष्ट भोजन और युनिक फूड कंसेंप्ट को बढ़ावा देने पर काम करेगा। इस पॉलिसी के अंतर्गत दिल्ली में जिन रास्तों से ट्रक गुजरते हैं, उन स्थानों को चिंहित करके विकसित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी फूड ट्रक पॉलिसी से दिल्ली की अर्थ व्यवस्था भी बढ़ेगी और इससे आगामी 5 वर्षों में 1,500 नए रोजगार पैदा पैदा होने की संभावना है।
क्लाउड किचन पॉलिसी
दिल्ली सरकार क्लाउड किचन पॉलिसी लाएगी। डीएसआईआईडीसी और उद्योग विभाग इसका नेतृत्व करेगा। इस पॉलिसी में केवल डिलीवरी रसोई स्थापित की जाएगी। उपभोक्ताओं की बदलती पसंद के साथ यह कॉसेंप्ट रेस्तरां इंडस्ट्री में एक मजबूत सेंगमेंट के रूप में उभर रही है। दिल्ली में क्लाउड किचन की संख्या एक साल में 15,730 से बढ़कर 22,000 हो गई है। प्रति एक लाख राजस्व पर एक नौकरियों (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गिग जॉब्स) की संख्या उद्योग को महत्वपूर्ण बनाता है। क्लाउड किचन पॉलिसी की मदद से दिल्ली में क्लाउड किचन के वैध बनाने, नियमित करने और सरल संचालन करने के साथ ही 5 वर्षों में 30 हजार नौकरियां कर जा सकेगी।
दिल्ली फूड हब को दिया जाएगा बढ़ावा
केजरीवाल सरकार दिल्ली में फूड हब को बढ़ावा देगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से दिल्ली फूड हब योजना का पुनर्विकास किया जाएगा। इसका उद्देश्य व्यावसायिक अवसरों को बढ़ाना है। साथ ही ग्राहकों को सुरक्षित, स्वच्छ और आकर्षक फूड जोन जैसा माहौल देना है। दिल्ली फूड हब परियोजना के पुनर्विकास के तहत दिल्ली में प्रसिद्ध फूड हब का प्रमोशन, ब्रांडिंग और नवीनीकरण किया जाएगा। इससे आगामी 5 वर्षों में 6 हजार युवाओं के लिए रोजगार पैदा होंगे।
गांधीनगर को बनाया जाएगा ग्रैंड गारमेंट हब
गांधीनगर, गारमेंट का हब रहा है। अब इसे ग्रैंड गारमेंट हब बनाया जाएगा। सरकार की योजना है कि गांधीनगर में विनिर्माण इकाइयों और खुदरा बाजार दोनों का पुनर्विकास और प्रचार किया जाएगा। इसका उद्देश्य उद्योग विभाग और डीएसआईआईडीसी द्वारा खुदरा, थोक व्यापार और मैनुफैक्चरिंग से जुड़े 8.25 लाख से अधिक रोजगार के अवसर विकसित करना है। साथ ही 10 हजार मैनुफैक्चरिंग इकाइयों का विकास किया जाएगा। हब को ‘द गारमेंट डेस्टिनेशन ऑफ़ दिल्ली’ के रूप में रीब्रांड किया जाएगा। इसे खास बनाने के लिए ‘रेडीमेड इन दिल्ली’ के नाम से स्वदेशी टैग दिया जाएगा। ग्रैंड गारमेंट हब योजना के तहत गांधीनगर में मैनुफैक्चरिंग इकाइयों और खुदरा बाजार, दोनों का पुनर्विकास और प्रचार किया जाएगा। इससे 5 वर्षों में 43 हजार नए रोजगार पैदा किए जाएंगे।
नॉन-कंफर्मिंग अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास
दिल्ली सरकार नॉन-कंफर्मिंग अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास करने की योजना बनाई है। इस परियोजना के तहत उद्योग विभाग नॉन कंफर्मिंग अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास करेगा। इस परियोजना के तहत उद्योग विभाग द्वारा कोरोना के चलते प्रभावित 51,000 इकाइयों को 30 जून 2022 के बाद बंद होने के खतरे से सुरक्षित किया जाएगा। यहां पर बड़े पैमाने पर 15.55 लाख से अधिक नौकरी के अवसर बढ़ें। दिल्ली सरकार की ओर से स्वच्छ और सुरक्षित कार्य वातावरण, केंद्रित विकास रणनीति, कर अनुपालन, लाइसेंस शुल्क आदि विभिन्न पहलूओं पर नजर रखी जाएगी। गैर-अनुरूप अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास करके, सरकार 25 अधिसूचित गैर-अनुरूप औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास में मदद करेगी। इससे 5 साल में 6 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इलेक्ट्रॉनिक सिटी
दिल्ली सरकार के उद्योग विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सिटी परियोजना की देखरेख की जाएगी। इसके जरिए भविष्य में ‘ग्रीन क्लीन सस्टेनेबल’ उद्योगों में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। यह एमएसएमई घटना निर्माताओं को एंकर इकाइयों के आसपास क्लस्टर करने की सुविधा प्रदान करेगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा। इलेक्ट्रॉनिक सिटी की स्थापना करके, दिल्ली सरकार 5 वर्षों में 85 हजार रोजगार सृजित करेगी और साथ ही दिल्ली समेत पूरे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और विनिर्माण इकाइयों के समूह स्थापित करेगी।
दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी
दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी’ की देखरेख उद्योग विभाग और डीएसआईआईडीसी द्वारा की जाएगी। यह मान्यता प्राप्त उद्यमियों और स्टार्टअप्स, पैनल मेंटर्स, विषय विशेषज्ञों और निवेशकों को वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगा। साथ ही सह-कार्यस्थलों, इन्क्यूबेटरों और निर्माण प्रयोगशालाओं का एक डिजिटल नेटवर्क तैयार करेगा। दिल्ली स्टार्टअप नीति के तहत, सरकार का लक्ष्य दिल्ली के लिए एक विशिष्ट स्टार्टअप पॉलिसी विकसित करके दिल्ली को स्टार्टअप का केंद्र बनाना है, जिसमें 5 वर्षों में 9 लाख नौकरियां पैदा करने की क्षमता है।
दिल्ली होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल
केजरीवाल सरकार दिल्ली होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन करेगी। यह आयोजन दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग की तरफ से किया जाएगा। इसके जरिए दिल्ली को व्यापार केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे थोक व्यापार क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही, प्रोत्साहन और ब्रांडिंग के माध्यम से थोक व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल के तहत शहर में बड़े पैमाने पर शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित कर दिल्ली में होलसेल ट्रेड को बढ़ावा दिया जाएगा।
दिल्ली बाजार पोर्टल
दिल्ली सरकार एक ‘दिल्ली बाजार’ पोर्टल बना रही है। यह एक तरह से दिल्ली का अपना डिजिटल बाजार प्लेटफॉर्म होगा। इसका उद्देश्य दिल्ली के स्थानीय विक्रेताओं को दुनिया भर में पहुंचने में मदद करना है। वर्चुअल मार्केट का अनुभव प्राप्त करने के लिए वर्चुअल मार्केट टूर की पेशकश करना है। प्रत्येक विक्रेता के पास अपना स्वयं का वर्चुअल स्टोर 24 घंटे खुला होगा और लोग सुरक्षित व्यवसाय कर पाएंगे। दिल्ली बाजार प्रोजेक्ट से दिल्ली की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और दिल्ली बाजार प्लेटफॉर्म पर स्थानीय विक्रेता और खरीदार जुड़ सकेंगे।
रोजगार बाजार 2.0
केजरीवाल सरकार ने कोविड के दौरान रोजगार बाजार पोर्टल लांच किया था। उसकी सफलता के बाद सरकार अब ‘रोजगार बाजार 2.0’ लांच करेगी, जिसका संचालन रोजगार विभाग और दिल्ली सरकार के डीएसईयू द्वारा किया जाएगा। इसका उद्देश्य दिल्ली में नौकरी तलाशने वालों और नौकरी देने वालों को एक प्लेटफार्म पर मिलाना है। जिससे जॉब तलाशने वाले को आसानी से नौकरी मिल सके और नौकरी देने वाले को आसानी से कर्मचारी मिल सकें। इसमें अत्याधुनिक तकनीक से स्मार्ट मैचिंग, नौकरी देने वाले का सत्यापन, प्लेसमेंट ट्रैकिंग जैसी उन्नत कार्यक्षमताओं का उपयोग करेगा। यह दिल्ली की डिजिटल रूप से डिस्कनेक्ट की गई आबादी के लिए एक भौतिक मॉडल के माध्यम से करियर मार्गदर्शन, कौशल क्रेडेंशियल और स्वचालित विश्लेषण जैसी सेवाएं भी प्रदान करेगा।
इंडस्ट्रीयल एरिया का री-जेनरेशन
दिल्ली सरकार द्वारा मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में बेकार और बंजर पड़ी जमीन को औद्योगिक क्षेत्रों की विभिन्न आर्थिक गतिविधियों और वैकल्पिक चीजों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। उद्योग विभाग की ओर से इन क्षेत्रों का पुनर्जनन किया जाएगा। औद्योगिक गतिविधियों और मैन्यूफैक्चरिंग के चलते लोगों ेक लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके माध्यम से केजरीवाल सरकार दिल्ली को ‘द सिटी ऑफ बिजनेस’ के रूप में री-ब्रांड और रिप्लेस करेगी।
दिल्ली सोलर पॉलिसी
दिल्ली सरकार, दिल्ली सोलर पॉलिसी के माध्यम से हरित रोजगार भी पैदा करेगी। आगामी 5 वर्षों में 2500 मेगावाट (पीक) सौर ऊर्जा के प्लांट स्थापित कर 10 हजार रोजगार पैदा किए जाएंगे। स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल में 5 वर्षों में 25 हजार नौकरियां पैदा की जाएंगी। इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत दिल्ली भर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करके अगले 5 वर्षों में 25 हजार नौकरियां सृजित की जाएंगी।
दिल्ली फिल्म पॉलिसी
दिल्ली सरकार दिल्ली फिल्म पॉलिसी बना रही है और दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। दिल्ली में फिल्म शूटिंग के लिए विभिन्न विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लोगों को सहूलित देने के लिए सरकार एकल खिड़की बनाएगी और दिल्ली को फिल्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित करेगी। इसमें भी काफी रोजगार पैदा होने की संभावना है।
वहीं, दिल्ली सरकार सभी विभागों के कामकाज पर नजर रखने के लिए रोजगार ऑडिट कराएगी। इसके अंतर्गत सरकारी विभागों के अंदर मौजूदा कर्मचारियों और नए रोजगार सृजन का रिकॉर्ड रखा जाएगा। उन पर निगरानी रखी जाएगी और ट्रैक करने के लिए एक एप विकसित किया जाएगा।
दिल्ली में पांच साल में 12 फीसद रोजगार बढ़ाने का है लक्ष्य
केजरीवाल सरकार ने अपने ‘रोजगार बजट’ में अगले पांच साल के अंदर 20 लाख नए रोजगार तैयार करने का लक्ष्य रखा है। बीते 26 मार्च को उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में ‘रोजगार बजट’ प्रस्तुत करते हुए अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार तैयार करने का पूरा खाका देश के सामने रखा था। दिल्ली सरकार का मानना है कि आज लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत रोजगार ही है। कोरोना की वजह से बहुत सारे लोगों की नौकरियां चली गईं। लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं। ‘रोजगार बजट’ में बताया गया है कि दिल्ली की दो करोड़ से अधिक आबादी में से एक करोड़ 68 लाख लोग ऐसे हैं, जो नौकरी लेने के लिए सक्षम हैं। इन 1.68 करोड़ लोगों में से मौजूदा समय में केवल एक तिहाई लोग ही हैं, जिनके पास नौकरी है। बाकी लोगों के पास नौकरी नहीं है। नौकरी लेने के लिए कुल समक्ष लोगों में 33 फीसद लोगों के पास नौकरी है। दिल्ली सरकार अगले पांच साल में इस आंकड़े को बढ़ाकर 45 फीसद तक लेकर जाना चाहती है। अर्थात अगले पांच साल में इसमें करीब 12 फीसद तक की वृद्धि की जाएगी। इसका मतलब यह है कि मौजूदा समय में दिल्ली में 56 लाख लोगों के पास नौकरी है, इसे 76 लाख तक लेकर जाना है।
पांच साल में 20 लाख नौकरियां पैदा करने के लिए कई सेक्टरों की हुई पहचान
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में अगले पांच साल में 20 लाख नए रोजगार पैदा करने के लिए विस्तृत रूपरोखा तैयार की है। इसके लिए कई सेक्टर चिंहित किए गए हैं। इन में रिटेल सेक्टर, फूड एंड वेबरीज सेक्टर, लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन, ट्रैवेल एंड टूरिज्म, इंटरटेनमेंट, कंस्ट्रक्शन, रियल स्टेट, ग्रीन एनर्जी सेक्टर आदि शामिल हैं। सरकारी की तरफ से हर एक सेक्टर की बहुत ही विस्तार से प्लानिंग की गई है। मसलन, दिल्ली के प्रसिद्ध और पारंपरिक पांच मार्केट चिंहित किए गए हैं। इन मार्केट को पूरा पुनर्विकसित किया जाएगा, जिससे वहां बड़े स्तर पर कारोबार बढ़ेगा। इसके अलावा, दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल लगाया जाएगा। जिसमें पूरे देश और दुनिया भर से टूरिस्ट दिल्ली आएंगे। इससे दिल्ली की अर्थ व्यवस्था बढ़ेगी। हर साल दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल भी होगा। इससे भी अर्थ व्यवस्था बढ़ेगी और बड़े स्तर पर रोजगार पैदा होंगे। दिल्ली को पहले की तरह फिर से होल सेल मार्केट बनाया जाएगा और दिल्ली होल सेल फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाएगा।