थाईलैडियो द्वारा इस देश को भी थाईलैंड बनाने में संभवत: कुछ ही साल लगेंगे।
उसके बाद देश की सबसे अधिक का स्रोत केवल महिलाएं ही हुआ करेंगी क्योंकि थाईलैंड की तरह ही यहां भी सस्ता मसाज कराने के लिए विदेशियो का जमावड़ा लगा करेगा!
हालांकि शुरुआत मे नाम मसाज का ही होगा लेकिन उसकी आड़ में जिस्मफरोशी का धंधा खूब फले फूलेगा!
जैसा कि थाईलैंड की समृद्धि और संपन्नता का सारा श्रेय पर्यटन और महिलाओं को ही जाता है।
धंधे में आय इतनी अधिक होती है कि कोई सामान्य पुरुष महीने भर में भी नहीं कमा पाता है।
यही कारण है कि थाईलैंड के बहुत से युवकों ने प्लास्टिक सर्जरी द्वारा अपना लिंग बदलवाकर खुद को महिला जैसा बना लिया है। होमोसेक्सुअल लोग ऐसे युवाओं के दीवाने हैं।
अपने देश में भी अपार संभावनाएं देखने को मिल रही है क्योंकि यहां भी मंहगाई और बेरोजगारी इस कदर बढ़ायी जा रही है कि नौकरी या सिक्योर जाब के अभाव में युवाओ की शादी की सामान्य आयुसीमा 35वर्ष हो चुकी है। शादी फिर भी नहीं हो रही है।
ऐसे में स्वाभाविक है कि युवक और युवतियो को यह धंधा काफी पसंद आएगा (भले ही मजबूरी में ही सही)।
क्योंकि सरकार ऐसा करने के सारे विकल्पों पर विचार करते हुए ही कार्य कर रही है इसलिए बिना किसी जोर जबरदस्ती के सेक्स वर्कर्स का धंधा तेजी से बढ़ने के आसार हैं।
कथित ब्रह्मचारी और साधूओ तथा स्वयं सेवको की भी बल्ले-बल्ले हो जाएगी, क्योंकि फिर किसी का बलात्कार करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी!
इसे ही नाम दिया है सबका साथ, सबका विकास।
अर्थात बिना विकास हुए कोई भी न बच सकेग!