? Manisha
जब शूद्र जोहड़ का पानी पीते थे तब कोई देवता नहीं आया।
जब देवदासी के नाम पर शूद्र लड़कियाँ वैश्या बनायी गयी तब कोई देवता नहीं आया।
जब सेवा के नाम पर शूद्रों से मैला उठवाया गया तब कोई देवता नहीं आया।
जब पुण्य के नाम पर शूद्रों को शिक्षा और धन रखने से रोका गया तब कोई देवता नहीं आया।
जब धर्म के नाम पर तुम्हारे स्वस्थ बच्चों की बलि ली गयी तब कोई देवता नहीं आया।
जब कर्तव्य के नाम पर तुमसे बेगारी कराई गई तब कोई देवता नहीं आया।
तो दलितों तुम सब कौन से देवता की पूजा करते हो??
सदियों से सोया हुआ तुम्हारा ये देवता कब जाग गया?
जिनकी परछाईं से भी मंदिर और देवता अपवित्र हो जाते थे। उन शूद्रों को पूजा करने का अधिकार किस देवता ने दे दिया?
आखिर वो देवता कौन है ?
हम भी तो जानें।