अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य के कारण नई गेंहू की फसल के अच्छे दाम मिलने कि उम्मीद थी। फिर दो खबर आयी। पहली कि जहाँ जहाँ एक गुज्जु के गोदाम है वहाँ आसपास मंडियां गेंहू नहीं खरीद सकती। दूसरी गेंहू देश के बाहर नहीं बेच सकते, export बंद। जाहिर है किसानों को अच्छे दाम मिलने का रास्ता बंद।
फिर जब गुज्जु भाई सस्ता खरीद कर गोदाम भर लेंगे तो नई खबर आ जाएगी कि भारत ने इतने लाख टन गेंहू अंतर्राष्ट्रीय मार्किट मे बेचा। अब बेच कौन सकता है, जिसके पास गेंहू है। मगर उस समय कि खबर मे गुज्जु व्यापारी के नाम कि जगह भारत लिख देंगे।
अब आज कि ताज़ा खबर:
इंटरनेशनल संस्था फॉर्ब्स ने बताया कि कोरोना काल मे पूरी दुनिया मे खरबपतियों कि संख्या घटी मगर भारत मे चमत्कार हुआ। खरबपतियो की संख्या करीब 20% बढ़ी।
खेल समझ आया !!
अमीर कैसे बनते है !!
सत्ता पैसे वालो के घर की बांदी है।
आप हो लो खुश कृषि क़ानून कैन्सल करवा कर!!
अमीरों की दुनिया ही अलग है व सरकार उनकी है, चुने कोई भी।
Mark Twain ने कहा था कि “अगर वोटिंग से फर्क़ पड़ता तो वे [नेता/अमीर] वोटिंग भी क्यूँ करने देते।
अमीरी ग़रीबी दो अलग दुनिया है।