सरकारी स्कूलों को ठीक करना राकेट साइंस नहीं, जब 5 सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बनाया जा सकता है शानदार तो 27 सालों से गुजरात में क्यों कुछ नहीं कर पाई भाजपा सरकार- मनीष सिसोदिया
भाजपा ने पिछले 27 सालों में गुजरात के सरकारी स्कूलों को बनाया बदहाल, स्कूलों की हालत जर्जर तो मात्र 1-1 महीने के संविदा पर लगे हुए है टीचर्स- मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया द्वारा गुजरात के स्कूलों के दौरे से बौखलाई भाजपा ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कमियां ढूंढने के लिए उतारे अपने सातों सांसद, दिन भर पसीने में तर-बतर होने के बाद भीं नहीं ढूंढ पाए कोई कमी
गुजरात के सरकारी स्कूलों का हाल देखकर रोता है दिल, हम देश की तरक्की का सपना देखते है क्या ऐसे स्कूलों से देश में कभी तरक्की आ पाएगी – मनीष सिसोदिया
अपने घर-परिवार के प्राइवेट स्कूल को बेहतर ढंग से चलाना जानते है जीतू भाई बघानी लेकिन गुजरात के सरकारी स्कूल चलाने में हुए फेल- मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली, गुजरात
“27 सालों में गुजरात के सरकारी स्कूलों को ठीक न कर पाने वाली भाजपा की या तो गुजरात के सरकारी स्कूलों को ठीक करने की मंशा नहीं है या फिर उनके नेताओं में ये योग्यता नहीं है कि वो गुजरात के सरकारी स्कूलों को ठीक कर पाए| पिछले 27 सालों में भाजपा की सरकार गुजरात के सरकारी स्कूलों में इतना नहीं कर पाई कि स्कूलों में मोटे-मोटे मकड़ी कर जाले न लगे हो, शौचालय हो, बुनियादी सुविधाएं हो, बच्चों व टीचर्स को ऐसा नहीं लगे कि उन्हें किसी कबाड़ख़ाने सी दिखने वाली जगह में पढ़ने-पढ़ाने जाना है|” आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर पिछले 27 सालों में गुजरात की भाजपा सरकार की नाकामियों का पर्दाफाश करते हुए ये बातें कहीं|
श्री सिसोदिया ने कहा कि गुजरात में पिछले 27 सालों से भाजपा सत्ता में है| इन 27 सालों में भाजपा ने गुजरात को कैसे सरकारी स्कूल दिए इसकी पड़ताल करने के लिए मैं गुजरात के सरकारी स्कूलों के दौरे पर आया यहां भाजपा ने केवल स्कूलों को बर्बाद करने का काम किया है| उन्होंने बताया कि पिछले दिनों जब गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू भाई बघानी ने कहा था कि उन्होंने गुजरात के सरकारी स्कूलों को शानदार बना दिया है और जिसे गुजरात के स्कूल अच्छे नहीं लगते वो दिल्ली चला जाएँ|
श्री सिसोदिया ने कहा कि जीतू भाई बघानी का ये बयान अहंकार से भरा हुआ था जिसकी पड़ताल करने मैं उनके गृहनगर भावनगर के 2 सरकारी स्कूलों का दौरा करने आया तो वहां पाया कि सरकारी स्कूलों के हर कोने में किसी पुराने कबाडखाने की तरह मोटे-मोटे मकड़ी के जाल लगे हुए है और बच्चे वहां पढ़ने को मजबूर है| स्कूलों में शौचालय नहीं है, शिक्षक 1-1 महीने के संविदा पर है और उन्हें पता नहीं है कि अगले महीने उनकी नौकरी रहेगी या नहीं| उन्होंने बताया कि कुछ पेरेंट्स से बात करने पर पता चला कि जीतू भाई बघानी के परिवार के लोग प्राइवेट स्कूल चलाते है और वे स्कूल शानदार है, अच्छे से चलते है वहीँ दूसरी ओर शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूलों को चलाने में नाकाम है| इससे पता चलता है कि या तो भाजपा की मंशा नहीं है कि वो सरकारी स्कूलों को सही से चलायें या फिर उनके पास योग्य व्यक्ति नहीं है|
श्री सिसोदिया ने बताया कि आज गुजरात के स्कूल बदहाल है और इसकी पुष्टि स्वयं जीतूभाई बघानी ने गुजरात विधानसभा में पुष्टि की जहाँ उन्होंने बताया था कि गुजरात के 13,000 सरकारी स्कूल ऐसे है जहाँ एक भी कंप्यूटर नहीं है और 700 स्कूल ऐसे हैं जहाँ केवल 1 शिक्षक है| उन्होंने कहा पिछले 27 सालों में भाजपा गुजरात के स्कूलों में एक मिनिमम बेंचमार्क तैयार नहीं कर पाई कि वहां साफ़-सफाई की व्यवस्था हो, शौचालय हो और बच्चे व टीचर्स जब स्कूल आयें तो उन्हें ऐसा नहीं लगे की वो किसी कबाड़ख़ाने में पढ़ने-पढाने जा रहे है|
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकारी स्कूलों को ठीक करना कोई राकेट साइंस नहीं है| दिल्ली के सरकारी स्कूलों की भी आज से 7 साल पहले तक गुजरात के सरकारी स्कूलों जैसी हालत ही थी लेकिन 2015 में सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्त्व में दिल्ली के सरकारी स्कूलों को वर्ल्ड-क्लास बनाया गया| जब केवल 4-5 साल में दिल्ली के सरकारी स्कूल शानदार हो सकते है तो पिछले 27 सालों में भाजपा गुजरात में क्यों नहीं? क्या भाजपा के पास इसके लिए विज़न नहीं है| उन्होंने कहा कि आज गुजरात के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के मन में चलता होगा कि वो देश का भविष्य थोड़े न है देश का भविष्य तो जीतू भाई के प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे है| उन्होंने कहा कि गुजरात के सरकारी स्कूलों को देखकर दिल रोता है कि हम देश की तरक्की का सपना देखते है क्या ऐसे स्कूलों से देश में कभी तरक्की आ पाएगी|
श्री सिसोदिया ने बताया कि उनके गुजरात के सरकारी स्कूलों के दौरे की खबर से भाजपा में इतनी बौखलाहट बढ़ गई है कि भाजपा ने आज दिल्ली के अपने सारे सांसदों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कमियां ढूंढने के लिए लगा दिया| सारे सांसद दिनभर पसीने में तर-बतर हो गए लेकिन उन्हें कोई भी कमी नहीं मिल पाई| उन्होंने कहा कि आज गर्व की बात है कि शिक्षा देश की राजनीति में मुद्दा बन रही है और हमें गर्व है कि हमने दिल्ली के स्कूलों में मात्र 4-5 सालों में जो कर दिखाया भाजपा की सरकार 27 सालों में गुजरात में वो नहीं कर सकी| उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री को दिल्ली सरकार के स्कूलों को आकर देखने का आमंत्रण दिया और कहा कि वे आकर हमारे स्कूलों देखे व शिक्षा पर बात करें|