मुसलमानों की हिप्पोक्रेसी

दैनिक समाचार

Dr. Salman Arshad

मुसलमानों के बीच जब कोई मुसलमान प्रत्यशी होता है, तो मुसलमान इसकी जाति ही नहीं बल्कि अक़ीदा भी देखता है. गोया वो सांसद या विधान सभा के लिए प्रत्यशी नहीं बल्कि अपनी मस्जिद के लिए इमाम चुन रहा है!

लेकिन वहाबी से हज़ार कोस दूर रहने वाला बरेलवी हो, सुन्नियों को यजीद का चाचा समझने वाला शिया हो या शियाओं को अच्छा मुसलमान न मानने वाला या गैरमुस्लिम मानने वाला सुन्नी हो, जब किसी हिन्दू को वोट देता है तो जाति और मज़हब तो छोड़ो, उसके आपराधिक रिकॉर्ड पर भी गौर करना ज़रूरी नहीं समझता!

हिन्दुओं के जुलूस में या कावंड़ में वो हिन्दुओं के लिए खाने पीने का इतंजाम करता है, उनके साथ दांत चियार के फोटो भी खिंचवाता है- इस उम्मीद में कि हिन्दुओं की ओर से सुकून से जीने की आज़ादी मिलेगी!

देश के हर जनांदोलन में कम्युनिस्ट सहयोगी या अगुआ की भूमिका में होते हैं, लेकिन मुसलमान इनसे नफरत करेगा, क्योंकि ये नास्तिक होते हैं, गोया मुसलमानों को लिंच करने वाले, इंसाफ से महरूम करने वाले, इनके घर गिराने वाले, इनकी आबरू पर हमले करने वाले तमाम आस्तिकों से इनको कोई तकलीफ़ ही नहीं हुई है।!!

मुसलमानों और दूसरे नागरिकों को भी ये समझना होगा कि भारत में आरएसएस हो या अरब में इस्लामिक स्टेट या फिर अफगानिस्तान में तालिबान,
ये सभी राजनीतिक व आर्थिक प्रोजेक्ट हैं!

पूँजीवाद जिस मुकाम पर पहुँच चुका है, वहाँ टिके रहने के लिए उसे ऐसी हत्यारी फौज़ को बनाये रहना होगा, वरना भूखे और बेरोज़गारों की फौज़ इस सिस्टम को रौंद डालेगी!

इसलिए इस हत्यारी फौज़ पर मीडिया, कॉरपोरेट और राजनीतिक दल, सभी मिलकर काम करते हैं.

आज बस एक ही सियासत है जिसके साथ चलकर देश और दुनिया को बेहतर किया जा सकता है और वो है अमीरपरस्त इस निजाम का खात्मा!

इसके लिए ज़रूरी है कि धर्म को निजी हैसियत में रखिये, महज़ इस वजह से किसी को अच्छे या बुरे का सर्टिफिकेट न बांटिए कि उसका धर्म के प्रति नज़रिया क्या है.

दूसरे आलमी जंग के बाद अमीर देशों ने दो करोड़ से ज़्यादा लोगों का क़त्ल किया है.

जो मरे वो भी और जो मारे वो भी, दोनों ही आस्तिक थे!

आज भी जो तलवारें लहराते हुए हत्या और बलात्कार के लिए एकदम तैयार हैं, सब आस्तिक हैं.

इसलिए आस्तिक या नास्तिक होना अच्छे या बुरे होने का कोई पैरामीटर नहीं है.

अपने आसपास के बुरे लोगों की एक लिस्ट बनाइये, फिर देखिए कि वो आस्तिक हैं या नास्तिक !

आगे की बात लेख या वीडियो से जानिए, लिंक नीचे दे रहा हूँ !
मन करे तो पढियेगा, सुनियेगा.

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