- मनोज तिवारी और भाजपा की एनसीपीसीआर को मध्य प्रदेश, गुजरात और यूपी जैसे राज्यों के भी कुछ स्कूल देखकर आना चाहिए कि किस तरह कबाड़खाने में स्कूल चल रहे हैं- आतिशी
- मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा को दिल्ली का एक भी ऐसा स्कूल नहीं मिला, जहां बच्चों के पास बैठने के लिए बेंच या टीचर नहीं थे- आतिशी
- केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूलों का कायापलट किया है, जिसकी वजह से सरकारी स्कूलों के बच्चों का एडमिशन आईआईटी और जेईईई में हो रहा है- आतिशी
- केंद्र की यूपीएससी, सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल रिक्रूट करती है, हम कई बार कह चुके हैं कि हमारे प्रिंसिपल रिक्रूट करिए, लेकिन यूपीएससी वो फाइल रोककर बैठी हुई है- आतिशी
- मनोज तिवारी को अगर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की इतनी ही चिंता है, तो अपनी केंद्र सरकार से वो फाइल निकलवा कर प्रिंसिपल रिक्रूट कराएं- आतिशी
नई दिल्ली, 13 अप्रैल, 2022
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने कहा कि यह केजरीवाल मॉडल की सफलता है कि देश में ‘शिक्षा की राजनीति’ होने लगी है। मनोज तिवारी और भाजपा की एनसीपीसीआर को मध्य प्रदेश, गुजरात और यूपी जैसे राज्यों के भी कुछ स्कूल देखकर आना चाहिए कि किस तरह कबाड़खाने में स्कूल चल रहे हैं। भाजपा सांसद मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा को दिल्ली का एक भी ऐसा स्कूल नहीं मिला, जहां बच्चों के पास बैठने के लिए बेंच या टीचर नहीं थे। केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूलों का कायापलट किया है, जिसकी वजह से सरकारी स्कूलों के बच्चों का एडमिशन आईआईटी और जेईईई में हो रहा है। उन्होंने स्कूलों में प्रिंसिपल की कमी के मुद्दे पर कहा कि केंद्र की यूपीएससी, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल रिक्रूट करती है। हम कई बार कह चुके हैं कि हमारे प्रिंसिपल रिक्रूट करिए, लेकिन यूपीएससी वो फाइल रोककर बैठी हुई है। मनोज तिवारी से आग्रह है कि अगर उनको सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की इतनी ही चिंता है, तो अपनी केंद्र सरकार से वो फाइल निकलवा कर प्रिंसिपल रिक्रूट कराएं।
दिल्ली के स्कूलों की स्थिति को लेकर एनसीपीसीआर द्वारा उठाए गए सवाल पर आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने बुधवार को कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि भाजपा की केंद्र सरकार, उनके सांसद और नेता, जो हमेशा धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करते आए हैं, आज वे कम से कम शिक्षा की बात तो कर रहे हैं। यही आम आदमी पार्टी और केजरीवाल मॉडल की सफलता है कि देश की हर पार्टी को आज स्कूलों की बात करनी पड़ रही है।
विधायक आतिशी ने कहा कि मैं सांसद मनोज तिवारी और भाजपा की राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से आग्रह करूंगी कि वे मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के भी कुछ स्कूल देखकर आएं। उन्हें तब पता चलेगा कि किस तरह कबाड़खाने में स्कूल चल रहे हैं। बच्चों के पास बैठने के लिए बेंच नहीं हैं। पीने के लिए पानी नहीं है और टॉयलेट नहीं हैं। बीते 7 साल में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सरकारी स्कूलों का कायापलट किया है। उसी की वजह से आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों का एडमिशन आईआईटी और जेईईई में हो रहा है और प्राइवेट स्कूलों से बेहतर नतीजे आ रहे हैं। यही कारण है कि मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा को एक भी ऐसा स्कूल नहीं मिला, जहां बच्चों के पास बैठने के लिए बेंच नहीं था या टीचर नहीं थे। बड़ी मुश्किल से उन्होंने दो-चार ऐसे स्कूल खोज कर निकाले और कहा कि यहां दीवारों पर व्हाइट वॉश नहीं हुआ है।
भाजपा सांसदों से आग्रह, यूपीएसी में रूकी प्रिंसिपल की नियुक्ति की फाइल को कराएं क्लीयर- आतिशी
वहीं, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल्स की कमी पर विधायक आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार की यूपीएससी को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल रिक्रूट करने होते हैं। हम बार-बार कह चुके हैं कि हमारे प्रिंसिपल रिक्रूट करिए, उनका एग्जाम कराइए, लेकिन यूपीएससी वो फाइल रोककर बैठी हुई है। मैं मनोज तिवारी से आग्रह करूंगी कि अगर उनको दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की इतनी ही चिंता है, तो अपनी केंद्र सरकार से वो फाइल निकलवा कर प्रिंसिपल रिक्रूट कराएं, ताकि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल्स की कमी दूर हो जाए।