साथी सफदर हाशमी के जन्म दिन के मौके पर *
सलाम सफ़दर को
समाज की खातर मरने आले आज तलक तो मरे नहीं ।।
कुर्बान देश पर होने वाले कदे कभी किसी से डरे नहीं ।।
1
सफ़दर की हांसी हवा मैं आज भी न्योंये गूँज रही
चारों धाम था मच्या तहलका हो दुनिया मैं बूझ रही
बैरी को नहीं सूझ रही पिछले गढ़े इब्बऐ भरे नहीं ।।
कुर्बान देश पर होने वाले कदे कभी किसी से डरे नहीं ।।
2
मीडिया मैं जगहां बनाई विडीयो बढ़िया त्यार करी थी
खिलती कलियाँ के महां बात सही हर बार करी थी
जवानी उसकी हुनकर भरी थी गलत काम कदे करे नहीं।।
कुर्बान देश पर होने वाले कदे कभी किसी से डरे नहीं ।।
3
जितने जीया सफ़दर साथी जीया जमा जी भर कै नै
था लेखक बढ़िया अदाकार नुकड़ रच्या कोशिश कर कै नै
निभाया वायदा मर कै नै जुल्मों से सफ़दर डरे नहीं।।
कुर्बान देश पर होने वाले कदे कभी किसी से डरे नहीं ।।
4
एक सफ़दर नै राह दिखाई हजारों सफ़दर आगे आवैंगे
माला हाश्मी बनी सै चिंगारी घर घर मैं अलख जगावैंगे
हम फिरकापरस्ती तैं टकरावैंगे रणबीर के कलम जरे नहीं।।
कुर्बान देश पर होने वाले कदे कभी किसी से डरे नहीं ।।