कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं, अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं बढ़ रही है- अरविंद केजरीवाल

दैनिक समाचार
  • कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार पूरी तरह से तैयार- सत्येंद्र जैन
  • अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या सामान्य, स्थिति पर पैनी नजर रख रही सरकार- सत्येंद्र जैन
  • दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने की सलाह- सत्येंद्र जैन
  • कोरोना के प्रसार को बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार टेस्ट, ट्रेस एवं ट्रीट के सिद्धान्त पर काम कर रही है- सत्येंद्र जैन
  • ऑक्सीजन टैंकों में दिल्ली सरकार ने लगाए अत्याधुनिक टेलीमेट्री डिवाइस, सरकार कर सकेगी रियल टाइम मॉनिटरिंग

नई दिल्ली, 15 अप्रैल, 2022

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के मध्यनज़र केजरीवाल सरकार ने इससे निपटने के लिए अपनी कमर कस ली है। दिल्ली में पिछले दो दिनों में कोरोना के मामले बढ़े हैं। ऐसे में केजरीवाल सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना पर हम नजर रखे हुए हैं। अस्पतालों में एडमिशन नहीं बढ़ रहा है। इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। अभी किसी भी तरह की चिंता करने की बात नहीं है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार पूरी तैयार है। दिल्ली सरकार स्थिति पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है और सरकार कोई भी जोखिम मोल लेना नहीं चाहती। इसलिए पहले से ही हमने अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया है। साथ ही दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा गया है। कोरोना के प्रसार को बढने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार टेस्ट, ट्रेस एवं ट्रीट के सिद्धान्त पर काम कर रही है। कोरोना मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रही है। वहीं, जरूरत पड़ने पर आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

उन्होंने लोगों से जल्द से जल्द वैक्सीनेशन लगवाने की अपील करते हुए कहा कि इलाज से बेहतर रोकथाम है। जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है या सिर्फ पहली डोज ही ली है, उन सभी को जल्द से जल्द अपने नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में जाकर वैक्सीन लगवाना चाहिए। घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनकर निकलें, इससे ज़्यादातर मामलों को रोका जा सकता है। दिल्ली में भले ही कोरोना के मामले बढ़े हैं लेकिन अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या अभी सामान्य है। इसके अलावा एक्सई वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। जल्द ही दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) कोरोना मामलों में बढ़ोतरी को लेकर चर्चा और महामारी के प्रसार को रोकने के उपायों पर विचार-विमर्श करने के लिए 20 अप्रैल को बैठक करेगी। इसमें आगामी रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।

65 हजार बेड तैयार कर रही केजरीवाल सरकार

कोरोना महामारी से लड़ने को तैयार दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को कोरोना वायरस के नए स्वरूप को लेकर निगरानी रखने व सतर्कता और बढ़ाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के आदेश पर राज्य में करीब 37 हजार कोविड बेड और 10,594 कोविड आईसीयू बेड तैयार किए जा चुके हैं। अगर कोरोना संक्रमण फैलता है तो सरकार की तरफ से दो हफ्ते के अंदर दिल्ली के हर वार्ड में 100 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की योजना बनाई गई है। ऐसे में दिल्ली सरकार की योजना 65 हजार बेड तैयार करने की है, ताकि इमरजेंसी में किसी भी व्यक्ति को बेड की कमी से न जूझना पड़े।

मामले बढ़े तो होम आइसोलेशन सिस्टम किया जाएगा लागू, सरकार की तैयारियां पूरी

कोरोना महामारी की पिछली लहरों के दौरान होम आइसोलेशन सिस्टम मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ था। इसी के मद्देनजर अगर फिर से मामले बढ़े तो होम आइसोलेशन सिस्टम को लागू किया जाएगा। वहीं, हल्के कोरोना लक्षणों वाले मरीजों को घर पर ही बेहतर उपचार मिलेगा। एएनएम, आशा, पैरामेडिकल वर्कर्स के साथ सीडीवी की टीमें कोरोना संक्रमित मरीजों के घर जाकर उन्हें होम आइसोलेशन में रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने के बारे में सूचित करेगी। इस दौरान टीमें मरीज के स्वास्थ्य का आंकलन करेगी और ऑक्सीमीटर के साथ होम आइसोलेशन किट मुहैया कराएगी। टेली-कॉलर टीमें सुबह और शाम फोन कर मरीज की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेगी। मरीज की हालत गंभीर होने पर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन क्षमता में किया इजाफा

केजरीवाल सरकार की ओर से दिल्ली की ऑक्सीजन क्षमता में काफी इजाफा किया गया है। वर्तमान में दिल्ली सरकार के पास लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज (LMO), लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन बफर, पीएसए प्लांट समेत 1363.73 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता है। वहीं, मेडिकल इंस्टीट्यूशन के पास 217 मीट्रिक टन तक ऑक्सीजन सिलेंडर की क्षमता है। इसके अलावा इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए 6,000 डी टाइप के सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं। पहले दिल्ली में एक दिन में ऑक्सीजन रिफिलिंग क्षमता 1,500 सिलेंडर तक ही सीमित थी, लेकिन अब 12.5 मीट्रिक टन की कैपेसिटी वाले 2 क्रायोजेनिक प्लांट्स हर दिन अतिरिक्त 1,400 जंबो सिलेंडरों को भरने में सक्षम होंगे।

ऑक्सीजन टैंकों में लगे अत्याधुनिक टेलीमेट्री डिवाइस

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आदेश पर सभी बड़े और छोटे ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री डिवाइस लगाए गए हैं। इससे ऑक्सीजन की रियट-टाइम मॉनिटरिंग होगी और इमरजेंसी के वक्त जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी। वॉर रूम से इसकी लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि वक्त रहते ऑक्सीजन का इंतजाम किया जा सके।

दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया था कि किस अस्पताल को पहले ऑक्सीजन पहुंचाई जाए और कौन से अस्पताल को इसकी सबसे ज़्यादा जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति की समीक्षा की। इसके बाद से दिल्ली के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में मौजूद लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंको में टेलीमेट्री डिवाइस लगाए हैं।

दवाओं की कमी नहीं होने देगी दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार की तरफ से कोविड बेड की सुविधा के अलावा पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी स्थिति में दवाओं की कमी न हो। सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर मरीजों के इलाज में विभिन्न उपयोगी दवाओं का बफर स्टॉक सुनिश्चित किया गया है। इसी सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी स्टॉक का जायजा लिया और सभी अधिकारियों को आवश्यक दवाओं की उपलब्धता पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिये।

जल्द लोगों को मिलेगी फ्री प्रीकॉशन डोज

दिल्ली सरकार की तरफ से सरकारी अस्पतालों में लोगों को जल्द ही प्रीकॉशन डोज मुफ्त में लगाई जाएगी। लोगों को जिस वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगी थी, उसी वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज लगाई जाएगी। जिन लोगों को दूसरी डोज लिए नौ महीने पूरे हो गए हैं, वे प्रीकॉशन डोज ले सकते हैं।

जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ डॉक्टर भी कोविड मरीजों का करेंगे इलाज

दिल्ली सरकार कोविड प्रबंधन के लिए मैनपावर बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि अगर संक्रमण की दर में तेजी आए तो डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी न हो। इसके लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के साथ-साथ मेडिकल छात्रों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड मैनेजमेंट की विशेष ट्रनिंग दी गई है। उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, कोविड मैनेजमेंट, पीडियाट्रिक वार्ड कोविड मैनेजमेंट आदि की ट्रेनिंग दी गई है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों को आवश्यकता के अनुसार डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स की स्वीकृत संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिए है। वहीं, किसी भी समस्या के दौरान कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए एक कोविड हेल्पलाइन नंबर – 1031 जारी की है। यह हेल्पलाइन लोगों की सहायता के लिए 24 घंटे उपलब्ध है।

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