- दिल्ली की शिक्षा क्रांति के चार महत्वपूर्ण स्तंभ ईमानदारी, शिक्षा को लेकर क्लियर विज़न, शिक्षा बजट और शानदार स्कूल मैनेजमेंट कमेटी मॉडल हैं -मनीष सिसोदिया
- दिल्ली के सरकारी स्कूलों के जैसा सफल एसएमसी मॉडल पूरे देश में कहीं नहीं, दिल्ली की शिक्षा क्रांति में एसएमसी ने निभाया महत्वपूर्ण योगदान- मनीष सिसोदिया
- दिल्ली की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी दुनिया भर में एजुकेशन में कम्युनिटी इन्वोल्वेमेंट के सबसे सफल प्रोग्राम्स में से एक- अतिशी, एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी चेयरपर्सन, दिल्ली विधानसभा
- देश में हर राज्य में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का प्रावधान है, लेकिन वो केवल कागजों तक सीमित, दिल्ली में एसएमसी ने जमीनी स्तर पर काम कर दिल्ली शिक्षा क्रांति को बनाया कामयाब- अतिशी, एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी चेयरपर्सन, दिल्ली विधानसभा
नई दिल्ली, 15 अप्रैल 2022
केजरीवाल सरकार ने पिछले 7 सालों में दिल्ली में शिक्षा को एक नया आयाम देने का काम किया है और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) दिल्ली की इस शिक्षा क्रांति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। नए शैक्षणिक सत्र में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के कार्य प्रणाली को और बेहतर करने तथा एसएमसी सदस्यों को प्रोत्साहित करने के लिए उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को एसएमसी के डिस्ट्रिक्ट व विधानसभा स्तर के सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक में दिल्ली विधानसभा एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन अतिशी व शिक्षा निदेशक के प्रधान सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा भी मौजूद रहे
इस मौके पर श्री डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति के चार स्तंभ है। इसमें ईमानदारी, शिक्षा को लेकर क्लियर विज़न, शिक्षा बजट व शानदार स्कूल मैनेजमेंट कमेटी मॉडल शामिल है। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने प्रतिबद्धता के साथ काम करते हुए इस शिक्षा मॉडल को सफल बनाने का काम किया है। यही कारण है कि आज दिल्ली के शिक्षा मॉडल की पूरे देश-दुनिया में चर्चा है। उन्होंने कहा कि 2015 से ही दिल्ली की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने साथ मिलकर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के विज़न पर काम किया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली के स्कूल मैनेजमेंट कमेटी मॉडल जितना सफल है कोई और एसएमसी नहीं है। और अब हमें स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को और बेहतर बनाते हुए आगे लेकर जाना है। इसके लिए जरुरी है कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की कार्यप्रणाली को और मजबूत किया जाए व ज्यादा से ज्यादा पेरेंट्स को स्कूलों से जोड़ा जाए ताकि वे भी अपने बच्चे की लर्निंग में भागीदार बन सके।
इस मौके पर दिल्ली विधानसभा एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन अतिशी ने कहा कि आज देश में हर राज्य में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का प्रावधान है, लेकिन वो केवल कागजों तक सीमित है। लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है। दिल्ली की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने जमीनी स्तर पर काम कर यहां की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 2015 में एक जानी-मानी रिसर्च संस्था ने वैश्विक स्तर पर किए अपने रिसर्च में कहा था कि एजुकेशन में कम्युनिटी इन्वोल्वेमेंट प्रोग्राम चलाना मुश्किल है और ये सफल नहीं होते है लेकिन दिल्ली की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने इसे झुठला दिया है और दुनियाभर में एजुकेशन में कम्युनिटी इन्वोल्वेमेंट के सबसे सफल प्रोग्राम्स में से एक है| ये सब हमारे स्कूल मैनेजमेंट कमेटी मेंबर्स के निरंतर प्रयास व शिक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता का नतीजा है।
शिक्षा निदेशक के प्रधान सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि दिल्ली की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी अपने नाम नहीं, बल्कि अपने काम से जानी जाती है। उन्होंने कहा कि जैसे मिशन बुनियाद स्कूलों में बच्चों के लर्निंग गैप को खत्म करने का काम कर रहा है। ठीक उसी प्रकार स्कूल मैनेजमेंट कमेटी भी स्कूल व पेरेंट्स के बीच के गैप को खत्म करने का काम करेगा| अबतक जिस प्रकार से एसएमसी ने पेरेंट्स को अपने साथ लेकर चलने का काम किया है वो वाकई में काबिले तारीफ़ है| लेकिन अब समय है कि इसे और मजबूती के साथ आगे लेकर जाया जाए, पेरेंट्स को मोटिवेट किया जाए व उन्हें उनके बच्चों की बेहतरी के लिए एसएमसी के साथ जोड़ा जाए|
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एक बेहद संस्थागत रूप से मजबूत हुआ है और इसमें स्कूली प्रशासन में पेरेंट्स की भूमिका को बढ़ाने का काम किया है| आज दिल्ली के 1000 से अधिक सरकारी स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के 16,000 से अधिक सक्रिय सदस्य है व 18,000 से अधिक सक्रिय स्कूल मित्र है।