ओबीसी को शासक_वर्ग में तब्दील करनेवाला काका कालेलकर कमीशन क्या था ?

दैनिक समाचार

क्या कहता है काका कालेलकर कमीशन ?

1) 1961 मे ओबीसी कि °जातिआधारित जनगणना कि जाये। क्योंकि रिपोर्ट के बाद 1961 में जाति आधारित जनगणना होनी थी जो 1941 और 1951 को नहीं हुई थी।
आखिरी जाति आधारित जनगणना 1931 में हुई थी, वही आंकडा सरकार के पास था।

2) सभी शूद्र जातियों को ओबीसी माना जाये।

3) OBC के लोगों को उनकी संख्या के अनुपात में 70% शिक्षा में आरक्षण दिया जाये ।

4) Class 1 में 25% OBC Reservation होना चाहिए

5) Class 2 में 33.5% OBC reservation होना चाहिए

6) Class 3&4 में 40% OBC reservation होना चाहिए

7) District से Center तक ओबीसी मंत्रालय होना चाहिए

8) 200 करोड़ पंचवर्षीय योजना में बजट होना चाहिए(उस समय )

काका कालेलकर कमीशन किस आधार पर बना ?

आर्टिकल 340)1- The president may by order appoint a commission consisting of such persons as he thinks fit to investigate the conditions of socially and educationally backwards classes within the territory of India

जब आर्टिकल 340 के अनुसार आयोग के गठन के लिए डा०भीमराव अंबेडकर दवारा जो उस समय कानून मंत्री थे, प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को बार बार आग्रह करने पर भी उनकी बात को नहीं माना गया ,ओबीसी के लिए कमीशन गठित नहीं किया तब डा०भीमराव अंबेडकर ने कांग्रेस की सरकार में कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया।

और पूरे भारत में ओबीसी का जागरण करने का अभियान छेडा।
इससे मजबूर होकर जवाहरलाल नेहरू को पूना के ब्राह्मण काका कालेलकर कि अध्यक्षता में 29 जनवरी 1953 को आयोग का गठन करना पडा जिसे काका कालेलकर आयोग कहते हैं।

इस आयोग की रिपोर्ट 30 March 1955 को सबमिट कि गई।

फिर क्यों काका कालेलकर कमीशन लागू नहीं हुआ ?
किसने रोका ओबीसी कि शासन प्रशासन में भागीदारी को।
उस समय विपक्ष था
जनसंघ था।
RSS था।
तो कोई सबूत है इनका कि इन्होंने ओबीसी के लिए आंदोलन किया हो ?

सबसे बडी बात ओबीसी को अधिकार देने से पहले ही छिनने का कार्यक्रम 1990 में ही कांग्रेस दवारा निजीकरण के माध्यम से शुरू कर दिया।

किस तरह कांग्रेस और आरएसएस,बीजेपी ने मिलकर ओबीसी कि शासन प्रशासन में भागीदारी को खत्म किया।

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