रचनाकार: बैर्तोल्त ब्रेष्त
द्वारा : उज्जवल भट्टाचार्य
चान्सलर एक मामूली सी देहाती झोपड़ी में रहता है
बेहतर होता, कि वह एक महल में रहता सम्राट नीरो की तरह
और मेहनतकश लोगों के पास रहने को कमरा होता.
चान्सलर गोश्त नहीं खाता है
बेहतर होता, कि वह दिन में सात बार खाता
और मेहनतकश लोगों को दूध नसीब होता.
चान्सलर पीता नहीं है
बेहतर होता, कि वह हर रात मतवाला होकर बाहर आ जाता
और नशे में सच बोल देता.
चान्सलर सुबह से देर रात तक काम करता है
बेहतर होता, कि वह आराम करता
और उसके ज़ालिम कानून कभी लागू ही न होते.