कौरव सभा में चीखती द्रौपदी!

दैनिक समाचार

यदि कुछ लोग हमारे घर पर जबरन भगवा फहराने लगें, ‘जय श्रीराम’ और ‘जय बजरंग बली’ के नारे उछालने लगें तो मैं क्या करूं?

पुलिस मौजूद तो हो लेकिन करे कुछ नहीं, तो मैं क्या करूं?

मना करने पर वे मुझे मारें-पीटें, घर के सदस्यों को गालियां दें, मेरी बहन/बेटी से बदसलूकी करें और मौके पर पुलिस मुंह ताकती रहे तो मैं क्या करूं?

लूट-पाट, तोड़फोड़ करें, आग लगाएं, मनमानी करें और पुलिस कुछ न करे तो मैं क्या करूं?

शिकायत करने पर फिर पुलिस मुझे और मेरे बच्चे को ही पकड़ कर जेल में बंद कर दे तो मैं क्या करूं?

अरे! कोई तो बताओ मैं क्या करूं?

CM, PM, SP, DM, CP, मी-लॉर्ड, ज्ञानी-विज्ञानी, समाज शास्त्री, कानून शास्त्री, धर्म शास्त्री, धर्म गुरु, संत, महंत, मीडिया गुरु, राजगुरु, नेता-अभिनेता, चैनल वालो, अखबार वालो, मीडिया वालो…

हे भीष्म पितामह, हे आचार्य द्रोण, हे कुलगुरु कृपाचार्य, हे कौरव कुल भूषण महाराज धृतराष्ट्र आप सबने क्यों मौन धारण कर लिया है? बताइए न मैं क्या करूं?

मैं कहां और किसके पास जाकर अपना दुखड़ा रोऊं? क्या मैं ही ग़लत हूं?

बोलते क्यों नहीं? क्या हुआ आप सबको? कुछ तो बोलो, कुछ तो करो, अपने होने का सबूत तो दो!

लानत है…..!

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