अब यूपी में मंदिरों पर सरकार की गिद्ध दृष्टि! आगरा में चामुण्डा देवी मंदिर निशाने पर

दैनिक समाचार

द्वारा : जगदीश्वर चतुर्वेदी

आगरा के राजामंडी स्टेशन के प्लेटफॉर्म से लगे देवी मंदिर को रेलवे प्रशासन हटाएगा। इसके लिए मंदिर के पुजारी को दिया गया समय शुक्रवार को खत्म हो जाएगा।

बताते हैं कि मंदिर सैकड़ों साल पुराना है और इसे हटाने की कोशिश अंग्रेज हुकूमत में भी हुई थी लेकिन सफलता नहीं मिली। इसलिए पटरी घुमावदार बिछाई गई।

स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर-1 के किनारे पर करीब 250 वर्ष पुराने चामुंडा देवी मंदिर को रेलवे 22 अप्रैल के बाद वहां से हटा सकता है।

रेलवे ने मंदिर के पुजारी को नोटिस देकर मंदिर को शिफ्ट करने के लिए 10 दिन का समय दिया था। यह समय सीमा कल यानी शुक्रवार को समाप्त हो जाएगी। इसके बाद रेलवे मंदिर हटाने के लिए कार्रवाई करेगा।

बता दें कि अंग्रेजों ने जब यहां पहली बार लाइन बिछाई थी तो उसे सीधा ले जाने के लिए मंदिर को हटाने की कोशिश की थी। तमाम प्रयास के बाद भी अंग्रेज अधिकारी मंदिर को तोड़ नहीं सके थे। आखिर में उन्हें यहां रेल की पटरी को घुमावदार आकार में बिछाना पड़ा था।

रेलवे आगरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान चला रहा है। इसके लिए सर्वे कार्य प्रगति पर है। रेल भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए सभी को नोटिस दिए गए हैं।

इसी क्रम में आगरा में राजामंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर-1 पर स्थापित मां चामुंडा देवी मंदिर के सेवायत को भी नोटिस दिया गया है। नोटिस की कॉपी मंदिर पर भी चस्पा कर दी है।

रेलवे ने कहा कि मंदिर से यात्रियों को परेशानी

रेलवे ने नोटिस में कहा है कि चामुंडा देवी मंदिर राजमंडी स्टेशन के प्लेट फार्म नम्बर-1 की भूमि में आ रहा है। इससे यहां यात्रियों को आवागमन के दौरान परेशानी हो रही है। रेल आवागमन के लिए भी यह असुरक्षित है। इस मंदिर को प्लेट फार्म एवं रेल भूमि से हटाकर कहीं अन्य स्थानांतरित किया जाए। यह कार्य दस दिन के अंदर किया जाना आवश्यक है। अन्यथा की स्थिति में रेल विभाग कार्रवाई करेगा।

आस्था: देवी की मूर्ति स्वत: प्रकट हुई थी

मंदिर के महंत स्वामी विश्वेश्वरानंद का कहना है कि इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। यहां पहले खुले में मूर्ति थी। करीब 250 वर्ष पहले से ही यहां मंदिर पर पूजा होती आ रही है।

जानकार बताते हैं कि अंग्रेजों के शासन काल में रेल पटरी बिछाई गई तब इसे तोड़ने का खूब प्रयास हुआ लेकिन अंग्रेज थक गए और मंदिर तोड़ नहीं पाए। अंग्रेज मंदिर हटाकर सीधी लाइन नहीं बिछा पाए थे।

मंदिर में नौ देवियां हैं। अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्ति हैं। बताया जाता है कि यहां देवी मूर्ति स्वंय प्रकट हुई थी। मंदिर के बाद प्लेट फार्म पर दो फुट जगह बचती है लेकिन आज तक यहां किसी प्रकार का हादसा नहीं हुआ।(भास्कर)

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