दिल्ली के 11 पार्कों को मॉडल पार्क के रूप में किया जाएगा विकास – गोपाल राय
दिल्ली के हर जिले में एक मॉडल पार्क बनाया जाएगा
पार्कों के सौन्दर्यीकरण के संबंध में दिल्ली सचिवालय में आज डीपीजीएस, डीडीसीडी, एमसीडी और अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारियों के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की गई – गोपाल राय
-मुख्यमंत्री पार्क सौंदर्यीकरण योजना के तहत किया जाएगा पार्को का विकास – गोपाल राय
-12 हज़ार पार्को का किया गया सर्वेक्षण – गोपाल राय
नई दिल्ली, 5 मई 2022
दिल्ली सचिवालय में आज पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में दिल्ली के पार्कों के सौंदर्यीकरण को लेकर डीपीजीएस, डीडीसीडी, एमसीडी और अन्य सभी सम्बंधित विभागों के साथ उच्चस्तरीय संयुक्त समीक्षा बैठक की गई | इस बैठक में दिल्ली पार्क्स एवं गार्डन सोसाइटी (डीपीजीएस), एमसीडी , डीडीसीडी ,पीडब्लूडी इत्यादि सभी विभाग के अधिकारी शामिल रहें | इस बैठक के दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पहले फेस में दिल्ली के हर जिले में एक पार्क को मॉडल पार्क के रूप में विकसित करने का आदेश दिया |
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि मुख्यमंत्री पार्क सौंदर्यीकरण योजना के तहत पहले चरण में दिल्ली के 11 पार्को को मॉडल पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली को आधुनिक, न्यायसंगत और टिकाऊ शहर बनाने के लिए पार्कों को आधुनिक, विश्व स्तरीय बनाने लिए सामुदायिक पार्क पहल की शुरुआत की गई है। इसको लेकर डीडीसीडी, दिल्ली पार्क्स एंड गार्डन सोसाइटी (डीपीजीएस), आरडब्ल्यूए और सीएसआर/संगठन मिलकर काम करेंगे। सामुदायिक पार्क योजना, लोगों के विभिन्न समूहों के साथ परामर्श करके और उन्हें इस प्रक्रिया में शामिल करके पार्कों को सभी के लिए एक बेहतर स्थान बनाने पर ध्यान केंद्रीत करेगी। वर्तमान में पार्कों के प्रबंधन में स्थानीय समुदायों की न्यूनतम भागीदारी है। इन हरित स्थानों के डिजाइन और रखरखाव में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इन पार्कों से न केवल पारिस्थितिकी बल्कि दिल्ली के निवासियों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
-दिल्ली के 12 हज़ार पार्को का सर्वेक्षण किया गया पूरा
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि योजना के तहत दिल्ली में 16828 पार्क का सर्वे किया जाएगा। अभी तक करीबन 12000 पार्क का सर्वे किया जा चुका है। दिल्ली को एक पारिस्थितिकीय लचीला शहर बनाने के लिए दिल्ली के पार्क को विश्वस्तरीय मॉडल पर विकसित किया जाएगा। जिसमें पेड़ों की देशी प्रजातियों का रोपण, पक्षियों के अनुकूल आवास, फव्वारे, जल पुनर्भरण प्रणाली, खाद की सुविधा, जॉगिंग पथ, खुले जिम, वाईफाई, घास के आवरण में वृद्धि शामिल होगी। सभी पार्कों का सर्वे कराने के बाद इन्हें आरडब्ल्यूए/एनजीओ की मदद से ठीक किया जाएगा।