सरकारी प्रेस बंद होने से किताबों की कीमतों में बढ़ोतरी

दैनिक समाचार

द्वारा : रीता भुईयार एडवोकेट

सरकार ने सरकारी प्रेस बंद की जिससे किताबों की कीमत बड़ी है, सरकार ने सरकारी स्कूल संस्थाएं के अध्यापक की भर्ती नहीं की, जिससे निजी संस्थानों की फीस बड़ी है (ऑनलाइन कोचिंग)*

जबसे से निजी मैडिकल संस्थाओं की संख्या बड़ी है, तब से डॉक्टर की फीस के साथ कमीशन वाली दवाई की भरमार बड़ी है, जो दवाई की कीमत एक रुपए की है वो ही दवाई दस रुपए में मिलती है, सरकारी संस्थाओं की लैब बंद की गई है और और प्राइवेट की चालू, जिससे मरीज से स्वस्थ परीक्षण के नाम पर 500रुपए से लेकर 5000रुपए तक वसूले जाते है

रही इंसाफ की बात तो जनता को इंसाफ लेने का माध्यम ही नहीं पाता, इंसाफ के लिए वैसे तो आज भी सरकारी तौर पर न के बराबर खर्च होता है, लेकिन जिस पैसे या फीस की रसीद नहीं मिलती, उसकी कीमत दस हजार से लेकर लाखों रुपए होती है

लेकिन आज गरीब कैसे अपने बच्चे को पढ़ायेगा, कैसे इलाज कराएगा, कैसे इंसाफ के लिए लड़ेगा….

गरीब लम्बे समय तक पढ़ाई, इलाज और इंसाफ के लिए इंतजार नहीं कर सकता, गरीब की प्रत्येक दिन की मजदूरी ही उसकी प्रत्येक दिन की जीविका होती है, जिसके कारण लम्बे समय तक उसकी मजदूरी खत्म होने पर उसकी पढ़ाई, इलाज और इंसाफ मिलने पर भी, गरीब को शिक्षा,इलाज,इंसाफ का लाभ उसको उसके जीवन में नहीं मिल पता है

एक बार सोचे आपकी सोच ही तर्क को निर्माण करती है
[9:38 pm, 05/05/2022] Papa 8826337116: भाकपा प्रतिनिधिमंडल चंदौली पहुंचा, पुलिस प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाये: न्यायिक जांच की मांग दोहराई

लखनऊ- 5 मई 2022। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल के निर्देश पर पार्टी का एक राज्य स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज जनपद- चंदौली के थाना- सैयदराजा के अंतर्गत मनराजपुर गांव में पहुंचा जहां पुलिस दबिश के दौरान एक युवती की हत्या होगयी थी और उसकी दूसरी बहिन छात्रा प्रताड़ना के चलते गंभीर रूप से बीमार होगयी थी।
प्रतिनिधिमंडल में भाकपा राज्य काउंसिल के सदस्य का॰ आर॰ के॰ शर्मा, राबर्ट्सगंज लोक सभा क्षेत्र से भाकपा प्रत्याशी रहे का॰ अशोक कनौजिया, राबर्ट्सगंज विधान सभा क्षेत्र से भाकपा के प्रत्याशी रहे छात्र नेता का॰ विजय शंकर यादव एवं भाकपा चंदौली के जिला सचिव का॰ सुखदेव मिश्रा शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश को अपनी विस्त्रत रिपोर्ट प्रेषित की है।
पीड़ित परिवार और ग्रामीणजनों से भेंट और व्यापक चर्चा के उपरान्त अपनी रिपोर्ट में प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि परिवार और ग्रामवासी अभी भी दहशत में जी रहे हैं और उन्हें प्रशासन की कार्यवाहियों पर विश्वास नहीं है। पुलिस मामले की लीपापोती में जुटी है, जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि फोरेंसिक टीम घटना के पांचवें दिन आज मौके पर पहुंची है। ऐसी जगह जहां सैकड़ों स्त्री पुरुष आ जा रहे हैं पाँच दिन बाद कौनसे सबूत बचे रह सकते हैं। उन्हें मजिस्टीरियल जांच पर भी विश्वास नहीं। दोषी पुलिसजनों को जेल जाने से बचाने का षडयंत्र है यह जांच।
समूचे हालातों को ध्यान में रखते हुये भाकपा प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि मामले की जांच उच्च न्यायालय की देखरेख में करायी जाये, दोषी पुलिस जनों को अबिलंब जेल भेजा जाये, पीड़ित परिवार को रुपए 50 लाख हानि की भरपाई हेतु दिये जायें, परिवार के मुखिया पर हुयी पुलिस कार्यवाहियों की समीक्षा कर उन्हें निस्तारित किया जाये तथा ग्रामीणजनों को भयमुक्त किया जाये।
प्रतिनिधिमंडल ने घटना को सरकार की कार्यप्रणाली और इसके तहत प्रदेश के बुलडोजर राज- पुलिसराज में तब्दील होने का परिणाम बताया है तथा घटना की कड़े शब्दों में निन्दा की है।
प्रतिनिधिमंडल ने जारी प्रेस बयान में कहाकि सच तो यह कि राज्य सरकार पुलिस के जरिये भय और आतंक का माहौल बनाए रखना चाहती है ताकि उसकी असफलताओं के विरूध्द लोग उठ खड़े न हों। जो पुलिस जघन्य अपराधों को रोक नहीं पा रही है, सामूहिक बलात्कारों और हत्याकांडों तक के खुलासे कर नहीं पा रही है, तथा खुद ही बलात्कार में लिप्त पायी जा रही है वही पुलिस निर्दोषों लोगों यहां तक कि बेटियों तक की हत्या से बाज नहीं आरही है।
जारी द्वारा-
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव

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