- 2025 तक बनकर तैयार होगा मेडिकल कॉलेज, गरीब मेधावी छात्र भी पूरा कर सकेंगे डॉक्टर बनने का सपना और आम जनता को भी मिलेगा इसका लाभ
- इंदिरा गांधी अस्पताल परिसर में नवजात बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए बनेगा 600 बेड वाला मातृ एवं शिशु कल्याण अस्पताल, अत्याधुनिक सुविधाओं से होगा लैस
- मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स की पढ़ाई के साथ शोध पर भी दिया जाएगा विशेष ध्यान, ताकि शोध का पॉवर हाउस बनकर उभरे संस्थान- सतेंद्र जैन
- मेडिकल कॉलेज खुलने से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे- सतेंद्र जैन
नई दिल्ली, 06 मई, 2022
केजरीवाल सरकार दिल्ली के सभी लोगों तक गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। दिल्ली सरकार का मकसद विदेशों की तर्ज पर दिल्लीवालों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसी के मद्देनजर, केजरीवाल सरकार द्वारका के सेक्टर-9 स्थित इंदिरा गांधी हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज की सौगात देने जा रही है। मेडिकल कॉलेज द्वारका सेक्टर-17 में बनाया जाएगा। इस कॉलेज के बनने के बाद जहां हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को पंख लगेंगे। वहीं, चिकित्सा व चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली और सशक्त होगा। आम लोगों को इलाज की बेहतर सुविधा मिलने के साथ ही युवाओं को रोजगार मिलेगा। यह मेडिकल कॉलेज साल 2025 तक बनकर तैयार होगा। शुरूआती दौर में यहां छात्रों को एमबीबीएस पाठ्यक्रम ऑफर किए जाएंगे। इसके बाद एमडी, एमएस, डीएम आदि की मेडिकल डिग्री दी जाएगी।
स्टूडेंट्स की पढ़ाई के साथ शोध पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
द्वारका स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल, दिल्ली सरकार का अस्पताल है। इस सरकारी अस्पताल में प्राइवेट मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की तरह ही सुविधाएं उपलब्ध है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि पिछले सात वर्षों में दिल्ली के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आया है। केवल मेडिकल क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप नहीं हो रहा, बल्कि नए डॉक्टर भी तैयार हो रहे हैं और बेड्स की संख्या भी बढ़ी है। इंदिरा गांधी अस्पताल में मेडिकल कॉलेज बनने के बाद दिल्ली डॉक्टरों की नई फ़ौज तैयार करने में सक्षम होगा। डॉक्टर बनने का सपना देख रहे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही ऐसे छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिले का अवसर मिलेगा, जो मेधावी तो थे लेकिन गरीबी के कारण भारी भरकम फीस वाले ‘डोनेशन की वसूली’ में लिप्त प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने में असर्मथ थे। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इंदिरा गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्टूडेंट्स की पढ़ाई के साथ शोध पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि यह मेडिकल कॉलेज शोध और मौलिकता का पॉवर हाउस बनकर उभरे।
मेधावी छात्रों और समग्र रूप से समाज को मिलेगा लाभ
इंदिरा गांधी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. बीएल चौधरी ने बताया कि देश को अच्छे डाक्टरों की जरूरत है और उसी दिशा में द्वारका सेक्टर-17 में आधुनिक तकनीक व स्वास्थ्य सेवाओं पर आधारित मेडिकल स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया। इससे मेधावी छात्रों और समग्र रूप से समाज को लाभ मिलेगा। मेधावी छात्र जो निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस वहन नहीं कर सकते, वे चिकित्सा क्षेत्र में अपने सपनों को साकार पाएंगे। उन्होंने बताया कि युवाओं को मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेशों में नहीं जाना पड़ेगा। मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विज्ञान में विविध पाठ्यक्रमों की शुरूआत पर विचार किया जा रहा है। यह मेडिकल अस्पताल वर्ष 2025 तक शुरू हो सकेगा। प्रवेश राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा एनईईटी के माध्यम से किया जाएगा। यहां पहले सत्र में 125 सीट्स पर दाखिलें होंगे। इनमें दाखिले की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहेगी। कॉलेज में फैक्ल्टी भी उच्च स्तरीय होगी।
600 बेड वाला मातृ एवं शिशु कल्याण अस्पताल भी
दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए इंदिरा गांधी अस्पताल परिसर का एक हिस्सा खाली रखा गया है, जिस पर भविष्य में मातृ एवं शिशु कल्याण अस्पताल बनेगा। यहां प्रसव के बाद शिशु की बेहतर देखभाल की जाएगी। करीब 600 बेड का यह अस्पताल सभी सुविधाओं से लैस रहेगा। इसमें मां और नवजात से जुड़ी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इसके लिए विशेष स्तर पर कार्य को लेकर तैयारी शुरू की जा रही है। द्वारका की महिलाओं-बच्चाें काे घर के पास ही अत्याधुनिक इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए इस अत्याधुनिक एमसीएच अस्पताल निर्माण किया जा रहा है। निर्माण के बाद सृजित पद भी भरे जाएंगे, ताकि नई सेवाएं लाेगाें काे मिल सकें।
अस्पताल में मरीजों को मिल रही है इमरजेंसी सेवाएं
बता दें, वर्तमान में इंदिरा गांधी अस्पताल में मेडिसीन, बाल चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, ईएनटी, त्वचा विज्ञान, शल्य चिकित्सा व भौतिक चिकित्सा सहित महिला रोग विशेषज्ञ ओपीडी चालू है। हाल ही में अस्पताल ने यहां इमरजेंसी सेवा भी शुरू की है। यहां कई स्तर पर स्टाफ की नियुक्ति भी जारी है। ओपीडी में रजिस्ट्रेशन का समय सुबह 8 बजे से 11:30 बजे तक का है। कोरोना की पिछली लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने इस अस्पताल की सेवाएं कोरोना मरीजों के लिए चालू कर दी थी। तब से इस अस्पताल में कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा था और यह अब भी जारी है। दिल्ली सरकार द्वारा यहां पर वैक्सीनेशन की भी सुविधा दी जा रही है।
‘हम लगातार स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत संरचना का विस्तार कर रहे हैं’- सत्येंद्र जैन
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने और पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार लगातार काम कर रही है। सरकारी अस्पतालों में अगले कुछ वर्षों के दौरान बिस्तरों की संख्या काफी तेजी से बढ़ेगी। विभिन्न अस्पतालों के विस्तार पर काम चल रहा है। केजरीवाल सरकार अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं और जनता की सेवा के लिए समर्पित हैं। यही वजह है कि दिल्ली के निवासियों को किफायती और गुणावत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है। हम लगातार स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत संरचना का विस्तार कर रहे हैं।