इतिहास के झरोखे से : मुगलों की ससुराल!

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मुगल और क्षत्रिय राज्य के राजाओं में बेटी और रोटी का संबन्ध मुगल बादशाह बाबर के पोते अकबर के समय से तब शुरू हुआ, जब शहंशाह अकबर के डर से एक नहीं, बल्कि छ: क्षत्रिय- राजपूत राजाओं ने अपनी-अपनी बेटी खुद मुगल शहंशाह अकबर से इसलिए ब्याह दी कि इससे उनका राज्य शहंशाह अकबर के आक्रमण से बच जाएगा।
फिर इसके बाद अकबर के शासनकाल में कुल 34 शादियां क्षत्रिय और मुगलों के बीच हुईं और जहांगीर के वक्त कुल 07, शाहजहां के वक्त 04 और औरंगजेब के वक्त कुल 08 शादियां हुईं।
इसमें सबसे हैरान कर देने वाली शादी 1587 में जहांगीर और राजपूत राजा मोटा की पुत्री जगत गौसांई की थी। जगत गौसांईं से ही 05 जनवरी, 1592 को लाहौर में शाहजहां का जन्म हुआ।
इतिहासकार रोमिला थापर के अनुसार क्षत्रियों ने खुद सौंप दी थी, मुगलों को अपनी बहन बेटियां। मुगलों ने कभी किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की।
कहने का अर्थ यह था कि एक ठकुराइन ने शहज़ादा सलीम को जन्म दिया और शहजादा सलीम की ठकुराइन पत्नी ने शाहजहाँ को इस तरह औरंगज़ेब की दादी एक ठकुराइन हुईं।
खुद देखिए : जनवरी 1562, अकबर ने कछवाहा-अंबेर के राजा भारमल की बेटी से शादी की।
15 नवंबर 1570 को राठौर- बीकानेर के राजा राय कल्याण सिंह ने अपनी भतीजी का विवाह अकबर से किया।
1570-राठौर-जोधपुर के राजा मालदेव ने अपनी पुत्री रुक्मावती का अकबर से विवाह किया।
1573 में नगरकोट के राजा जयचंद की पुत्री से अकबर का विवाह।
मार्च 1577- डूंगरपुर के राजा रावल की बेटी से अकबर का विवाह और फिर 1581 में राठौर मोरता के राजा केशवदास ने अपनी पुत्री का विवाह अकबर से किया।
इसके बाद अकबर के बाद की जनरेशन चालू हुई।
16 फरवरी, 1584, राजकुमार सलीम (जहांगीर) का कछवाहा- आंबेर के राजा भगवंत दास की बेटी से विवाह हुआ।
1587- राजकुमार सलीम (जहांगीर) का एक और विवाह जोधपुर के मोटा राजा की बेटी से विवाह हुआ।
02 अक्टूबर 1595- राठौर- जोधपुर के राजा रायमल की बेटी से दानियाल का विवाह हुआ।
28 मई 1608- जहांगीर ने कछवाहा-आंबेर के राजा जगत सिंह की बेटी से विवाह किया।
01 फरवरी,1609- जहांगीर ने राम चंद्र बुंदेला की बेटी से विवाह किया।
माना जो सलीम अनारकली के प्यार में पागल था, उसने 04 ठकुराइनों से शादी की।
अप्रैल 1624-: राजकुमार परवेज का विवाह राठौर-जोधपुर के राजा गज सिंह की बहन से हुआ।
1654-: राजकुमार सुलेमान शिकोह से राठौर-नागौर के राजा अमर सिंह की बेटी का विवाह हुआ।
17 नवंबर 1661 : मोहम्मद मुअज्जम का विवाह किशनगढ़ के राजा रूप सिंह राठौर की बेटी से हुआ।
और देखिए :
जिस औरंगजेब को इस्लामिक कट्टर कहा जाता है, उन्होंने अपने दो बेटों का विवाह क्षत्रिय राजाओं की बेटियों से किया।
05 जुलाई 1678 : औरंगजेब के पुत्र मोहम्मद आजाम का विवाह कछवाहा-आंबेर के राजा कीरत सिंह की बेटी से हुआ। कीरत सिंह मशहूर राजा जय सिंह के पुत्र थे। वही जयसिंह जिनके नाम से आज जयपुर है।
30 जुलाई 1681 : औरंगजेब के पुत्र काम बख्श की शादी शेखावत-मनोहरपुर अमरचंद की बेटी से हुई।
कहने का अर्थ यह था कि 53 मुगलों की ससुराल राजस्थान के ठाकुर-क्षत्रिय-राजपूत राजघरानें में थी और ठकुराइनियों ने एक से एक मुगल बादशाह पैदा किए।

(साभार : हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं है। लेखकों के अपने विचार होते हैं। हमें इससे सहमत होना आवश्यक नहीं है।)

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