लखनऊ-16 मई, 2022। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने गहरा अफसोस जताया कि उत्तर प्रदेश में पुलिस में पुलिस बेलगाम होगयी है और यहाँ कानून का राज नहीं पुलिस राज चल रहा है। महिलाओं के लिए तो प्रदेश की पुलिस आतंक का पर्याय बन गयी है। सुरक्षा और सुशासन देने के राज्य सरकार के सारे दाबे हवा हवाई साबित हुये हैं।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहाकि उत्तर प्रदेश में एक भी दिन खाली नहीं जा रहा जब किसी न किसी महिला की हत्या या उत्पीड़न न हो रहा हो। ताजा घटनाओं में प्रमुख है सिध्दार्थनगर की घटना जिसमें गोकशी के कथित दोषी को पकड़ने गयी महिला की गोली लगने से मौत हो गयी। जनपद के सदर थाना क्षेत्र के टोला इस्लामनगर में गोकशी के आरोप में अब्दुल रहमान को पकड़ने गयी पुलिस ने उसकी मां के साथ धक्का मुक्की की। पहले वह जमीन पर गिर गयी और चली गोली से उसकी मौत हो गयी। घटना से गाँव में बेहद तनाव है, मगर पुलिस- प्रशासन भय पैदा कर मामले की लीपा पोती में लगा है।
लगभग इसी तरह की घटना चंद दिन पहले फीरोजाबाद के पचोखरा थानान्तर्गत इमलिया गाँव में हुयी थी जब जमानत पर छूटे दलितों को दबंगों के साथ पकड़ने गयी पुलिस की कार्यवाही में महिला की मौत होगयी थी। ललितपुर में दरोगा द्वारा बलात्कार और चंदौली में दबिश के दौरान युवती की हत्या को लोग भूले नहीं हैं कि प्रयागराज में एक सैनिक के घर में घुस कर पुरुष दरोगा ने महिला की जबर्दस्त पिटायी की। श्रावस्ती में एक दबंग ने विधवा ब्राह्मण महिला से बलात्कार की कोशिश की और प्रतिरोध करने पर उसकी आँखें फोड़ दी। इस तरह की घटनायें हर जिले में लगभग हर दिन हो रही हैं। अधिकतर घटनायें दलितों पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ घट रही हैं।
इस सब को ठेंगे पर रख शासक दल गड़े मुर्दे उखाड़ने में लगा है। इस बुलडोजरवाद, पुलिसराज, महंगाई, बेरोजगारी और जनता को अनुपयोगी समस्याओं में उलझाने के खिलाफ भाकपा ने 18 मई को जिला मुख्यालयों पर धरने/प्रदर्शन/ज्ञापन का आह्वान किया है।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश