- तीन अधिकारियों के निलंबन से साबित हो गया कि हादसे के लिए सीधे तौर पर MCD जिम्मेदार हैं- सौरभ भारद्वाज
- दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष पर कार्रवाई करने के बजाय निचले स्तर के तीन अधिकारियों को बली का बकरा बनाया गया- सौरभ भारद्वाज
- भ्रष्टाचार का पैसा सिर्फ भाजपा अध्यक्ष के पास जाता है या भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व तक में बंटता है, पुलिस को जांच करनी चाहिए- सौरभ भारद्वाज
- आम आदमी पार्टी के लगातार प्रयासों के बाद बीजेपी को मानना पड़ा कि मुण्डका हादसे के लिए एमसीडी के अधिकारी जिम्मेदार- सौरभ भारद्वाज
- भाजपा शासित एमसीडी ने सारा आरोप दिल्ली सरकार पर डालने की कोशिश की, लेकिन जांच में सब साफ हो गया है- सौरभ भारद्वाज
- मुण्डका हादसे में सिर्फ तीन अफसरों पर कार्रवाई काफी नहीं, दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रहे सतीश उपाध्याय और मनोज तिवारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए- आतिशी
- भाजपा की एमसीडी ने माना कि वो मुण्डका हादसे के लिए जिम्मेदार है, अवैध निर्माण, अवैध लाइसेंस और अवैध व्यवसायिक गतिविधियां भाजपा के आशीर्वाद से होता है- आतिशी
- पूरी दिल्ली में भाजपा अवैध निर्माण, अवैध लाइसेंस और अवैध व्यवसायिक गतिविधियां चला रही है, उसकी वजह से दिल्ली के लोगों को खतरा है- आतिशी
- मुण्डका हादसे में भाजपा की टॉप लीडरशिप शामिल है, बिल्डिंग में कैंपेन ऑफिस खुलने के दौरान सतीश उपाध्याय और सील होने के समय मनोज तिवारी दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष थे- दुर्गेश पाठक
- यह भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा मामला है, इसमें दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय और मनोज तिवारी की संलिप्तता की जांच होनी चाहिए- दुर्गेश पाठक
नई दिल्ली, 18 मई, 2022
मुण्डका हादसा मामले में एमसीडी के तीन अधिकारियों के निलंबन से साबित हो गया है कि 28 लोगों की मौत के जिम्मेदार दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय व मनोज तिवारी और वर्तमान अध्यक्ष आदेश गुप्ता हैं। इन पर भी गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। इनके संरक्षण में एमसीडी में भ्रष्टाचार होता रहा और ये लोग बराबर के जिम्मेदार हैं। ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज एक प्रेस वार्ता के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, तीनों मेयर, पार्षदों और स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्षों पर कार्रवाई करने के बजाय निचले स्तर के तीन अधिकारियों को बली का बकरा बनाया गया। ‘आप’ के लगातार प्रयासों के बाद बीजेपी को मानना पड़ा कि मुण्डका हादसे के लिए एमसीडी के अधिकारी जिम्मेदार हैं। ‘आप’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि एमसीडी के सिर्फ तीन अफसरों पर कार्रवाई काफी नहीं है। दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय और मनोज तिवारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, ‘आप’ के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक का कहना है कि यह भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा मामला है। इसमें दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय और मनोज तिवारी की संलिप्तता की जांच होनी चाहिए।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले दिल्ली के मुण्डका इलाके में एक गैर-कानूनी ढंग से चल रही इमारत में आग लग गई थी। जिसमें करीब 28 लोगों की जान चली गई। लोगों के शरीर इस तरह जल गए कि उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने पड़े। तीन दिनों से भाजपा के नेता शोर मचाकर किसी तरीके से सारा आरोप दिल्ली सरकार पर डालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली सरकार ने इसके लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। मुझे दुख है कि कुछ अखबार और टीवी चौनलों को भी भाजपा के लोग गुमराह करने में कामयाब रहे कि दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच एक दोषारोपण चल रहा है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं आदेश गुप्ता दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष होने के साथ पार्षद भी हैं। जिस इमारत में आग लगी है, वह करीब 500 गज की लालडोरा एक्सटेशन की ज़मीन है। इमारत मेन रोड पर है तो सवाल ही नहीं उठता है कि वो किसी से छुपाकर बनाई गई हो। जाहिर है कि इतनी बड़ी इमारत गैर-कानूनी तरीके से बनी है। इसका मतलब है कि दिल्ली नगर निगम में रिश्वत खाई गई। उन्होंने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से मुण्डका के प्रत्याशी आजाद सिंह थे। आजाद सिंह, दिल्ली भाजपा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा के छोटे भाई हैं और दिल्ली भाजपा के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के चाचा हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान आजाद सिंह का कार्यालय उसी इमारत में था, जिसमें इतनी भीषण आग लगने से 28 लोग मारे गए। हमने बाकायदा फोटो दिखाई जिसमें प्रवेश वर्मा के चाचा और भाजपा के उम्मीदवार एक गाड़ी में साथ घूम रहे हैं और यह तो बिल्कुल संभव नहीं है कि आपने विधानसभा चुनाव के दौरान किसी अंजान व्यक्ति के घर में अपना मुख्य दफ्तर बना लिया। इसके सभी सबूत हैं। सब जानते हैं कि भाजपा प्रत्याशी आजाद सिंह का चुनावी कार्यालय मुंडका की उसी इमारत में था।
कुछ दस्तावेज पेश करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2016 में एमसीडी ने उस इमारत को एनओसी दी। इस इमारत में वाइन शॉप थी, जिसका लाइसेंस एक्साइज विभाग देता है। एक्साइज विभाग जब लाइसेंस देता है, तो पहले यह जांच करता है कि इमारत अधिकृत है या नहीं, इमारत कॉमर्शियल है या नहीं है, यह सभी चीजें वह एमसीडी से पूछता है। एमसीडी को इससे संबंधित एक सर्टिफिकेट देना पड़ता है, जिसमें कहा जाता है कि सबकुछ ठीक है। इमारत का नक्शा पास है या नहीं, यह एक्साइज विभाग को नहीं, बल्कि बिल्डिंग विभाग को पता होता है और वहां से एनओसी दे दी गई थी। यह झूठा सर्टिफिकेट एमसीडी के असिस्टेंट कमिश्नर सलीम द्वारा बनाया गया था। सर्टिफिकेट में लिखा गया कि इमारत अधिकृत तरीके से बनी हुई है और कॉमर्शियल के उद्देश्य से इस्तेमाल हो सकती है।
उन्होंने कहा कि जिस इमारत का नक्शा नहीं है और कोई अधिकृत प्लान नहीं है, उसे व्यवसायिक गतिविधि के लिए अधिकृत कैसे कर दिया गया? जाहिर है कि पैसे खाकर किया होगा। पहले पैसे खाकर यह इमारत बनवाई फिर पैसे खाकर एनओसी दी और उसके बाद पैसे खाकर उसमें फैक्ट्री चलने दी। 2015 में एनओसी दी गई और फिर 2016 में उसे रद्द कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी ने 2019 में इस इमारत को सील कर दिया। जिस इमारत को खुद सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने सील कर दिया, उसको एमसीडी ने कैसे अनुमोदित कर दिया? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आदेश गुप्ता इस बात को क्यों घुमा रहे थे? क्या आदेश गुप्ता को भी पैसे मिलते हैं? जब आदेश गुप्ता तीनों मेयरों को पत्र लिखते हैं कि कल से बुलडोजर चलेगा, तो अगले दिन से बुलडोजर चलने लगता है। इससे पहले मनोज तिवारी जो भी कहते थे, वह होने लगता था और उससे पहले सतीश उपाध्याय के कहने पर सब होता था। तो यह इमारत जबसे बननी शुरू हुई और 2022 तक दिल्ली भाजपा के तीन अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, मोनज तिवारी और आदेश गुप्ता रहे हैं। दिल्ली में एमसीडी का बिल्डिंग विभाग रिश्वत लेकर इमारत बनाता है और जो पैसा देता है, उसकी इमारत बनने देते हैं, जो पैसा नहीं देता है उसकी इमारत तोड़ते हैं। जब-जब हमने इन सभी मुद्दों पर बात की, मनोज तिवारी इनके संरक्षण के लिए आगे आए। आदेश गुप्ता आजतक इनका बचाव कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि तीनों अध्यक्ष चोरों को बचाते रहे हैं। यह लोग इसमें बराबर के हिस्सेदार हैं। इन तीनों पर एफआइआर दर्ज होनी चाहिए और तीनों पर गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा चलना चाहिए, क्योंकि इनके संरक्षण में दिल्ली में खूब भ्रष्टाचार, लूट व चोरी होती रही हैं। पुलिस को इसकी भी जांच करनी चाहिए कि यह पैसा सिर्फ इन्हीं लोगों के बीच बांटता है या बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को भी कुछ पैसा जाता है।
भाजपा ने माना कि 28 मौतों के लिए एमसीडी के अधिकारी है जिम्मेदार- सौरभ भारद्वाज
‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब जब पूछताछ हो रही है और आम आदमी पार्टी लगातार पिछले तीन दिनों से प्रेसवार्ता कर रही है, तो बीजेपी को मानना पड़ा कि इसके लिए सिर्फ और सिर्फ दिल्ली नगर निगम के अधिकारी जिम्मेदार हैं। अब एमसीडी ने नॉर्थ एमसीडी के तीन अधिकारियों को निलंबित किया है। लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर, फैक्ट्री इंस्पेक्टर और हाउस टैक्स इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है। इन लोगों को क्यों निलंबित किया गया? क्योंकि लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर जिम्मेदारी होती है कि यदि कहीं भी कॉमर्शियल गतिविधि हो रही है तो वह देखेगा कि यह अधिकृत है या अनधिकृत। अगर उसके पास लाइसेंस नहीं है, तो इमारत को सील करने की कार्रवाई शुरू करनी पड़ेगी। फैक्ट्री इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी यह जांचने की है कि उसके क्षेत्र में कहीं अवैध फैक्ट्री तो नहीं चल रही है। यदि ऐसा है तो इसकी कार्रवाई भी करनी पड़ेगी, जो नहीं की गई। तीसरा, हाउस टैक्स इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी यह है कि यह इमारत अगर कई सालों से हाउस टैक्स भर रही है तो उसमें इतनी बड़ी कॉमर्शियल गतिविधि कैसे चल रही है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह तीनों अधिकारी सबसे निचले स्तर पर होते हैं। भाजपा ने इनको बली का बकरा बना दिया और जो भाजपा के मेयर, स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष और पार्षद हैं, उन्हें कुछ नहीं कहा गया। भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को कुछ नहीं किया गया, जो तीन दिनों से इन लोगों की वकालत कर रहे थे। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि दिल्ली के तीनों अध्यक्षों यानी आदेश गुप्ता, मनोज तिवारी और सतीश उपाध्याय पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए क्योंकि उपरोक्त तीन अधिकारियों के निलंबन से यह साबित हो गया कि इन 28 लोगों की मौत के जिम्मेदार दिल्ली भाजपा के तीनों अध्यक्ष हैं।
मुण्डका हादसे के तार भाजपा से जुड़े हैं, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय और मनोज तिवारी को गिरफ्तार किया जाए- आतिशी
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने कहा कि भाजपा की एमसीडी ने कम से कम यह मान लिया कि जो मुण्डका अग्निकांड हुआ है, वो उसके लिए जिम्मेदार है। भाजपा शासित एमसीडी मुण्डका हादसे के लिए कई तरह से जिम्मेदार है। वो अवैध निर्माण करवाते हैं, जो भाजपा के आशीर्वाद से होता है। वो अवैध तरीके से लाइसेंस देते हैं, जो भाजपा के आशीर्वाद से होता है। इन बिल्डिंग्स में अवैध व्यवसायिक गतिविधियां चलती है, जो भाजपा के आशीर्वाद से होता है। लेकिन सिर्फ तीन जुनियर असिस्टेंट को सस्पेंड करना या नौकरी से निकालना काफी नहीं है। क्योकि यह तो भाजपा में उपर से चल रहा है। आखिरकार ऐसे कैसे हो जाता है कि प्रवेश साहब सिंह वर्मा के चाचा 2015 में उस बिल्डिंग में अपना चुनावी ऑफिस चलाते हैं और 2016 में वहां पर अवैध तरीके से लाइसेंस मिल जाता है। यह कैसे हो जाता है कि जो सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी है, वो उस बिल्डिंग को सील कर देती है, लेकिन फिर भी वहां पर अवैध गतिविधियां जारी रहती है और एमसीडी उसे रोकने नहीं जाती है। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि मुण्डका हादसे के तार भाजपा से उपर तक जुड़े हुए हैं। इसमें सिर्फ तीन अफसरों पर ही कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, बल्कि 2016 से लेकर 2020 तक जो सतीश उपाध्याय जी और मनोज तिवारी जी दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। आम आदमी पार्टी यह मांग करती है कि भाजपा के पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय जी और मनोज तिवारी जी को गिरफ्तार किया जाए। क्योंकि मुण्डका कोई एक मामला नहीं है,। पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण, अवैध लाइसेंस और अवैध व्यवसायिक गतिविधियां भाजपा चला रही है, उसकी वजह से आज दिल्ली के लोगों को खतरा है।
भाजपा शासित एमसीडी ने मुण्डका हादसे में ठोस कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ तीन छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया- दुर्गेश पाठक
वहीं, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि मुण्डका में जो हादसा हुआ, उसमें बहुत सारे लोगों की जान चली गई और बहुत सारे लोगों का घर उजड़ गया। भाजपा शासित एमसीडी इस पर कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय कल इन्होंने छोटे-छोटे तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। जबकि सबको पता है कि बिल्डिंग का मालिक मनीष लाकड़ा भाजपा के लोगों से संबंध रखता है। इस बिल्डिंग में 2015 में सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के चाचा आजाद सिंह ने अपना चुनाव प्रचार कार्यालय खोला था। 2016 में एनओसी ने एनओसी दी, जबकि वहां पर इंडस्ट्रीयल गतिविधि नहीं हो सकती है और शिकायत करने के बाद 2017 में एनओसी वापस ले ली गई। फिर भी वहां पर इंडस्ट्रीयल गतिविधि लगातार चलती रही। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी ने बिल्डिंग को सील किया, उसके बाद भी वहां काम चलता रहा है। आज भी वो बिल्डिंग सील है, लेकिन फिर इंडस्ट्रीयल गतिविधि चलती रही। यह किसी जेई और एई के कहने से नहीं हुआ है, इसमें पूरी तरह से भाजपा की टॉप लीडरशिप शामिल है। 2015 में जब वहां पर कैंपेन ऑफिस खुला, उस समय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय थे। जब मॉनिटरिंग कमेटी की सील लगी, उस दौरान मनोज तिवारी दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष थे। इसलिए यह जिम्मेदारी उनके उपर आती है। सतीश उपाध्याय और मनोज तिवारी जी से पूछना चाहता हूं कि क्या आपको इसकी जानकारी थी या नहीं थी। ऐसा तो हो नहीं सकता है कि आपका कैंपेन ऑफिस खुला है और आपको उसके बारे में जानकारी न हो। यह भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा मामला है। मैं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। इसमें भाजपा के बड़े-बड़े नेता शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष स्तर के लोग शामिल हैं। सतीश उपाध्याय और मनोज तिवारी जी की संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिए। यह भी पता करना चाहिए कि खुद ये लोग सीधे इसमें संलिप्त हैं या केंद्र से किसी मंत्री या भाजपा के नेताओं के कहने पर इसमें लिप्त हैं।