बुलडोजरवाद-पुलिसराज, जर्जरतम कानून व्यवस्था, महिलाओं अल्पसंख्यकों दलितों पिछड़ों और अन्य गरीबों को कुचलने की कोशिशों, आसमान छूती महंगाई, बेरोजगारी तथा सांप्रदायिक विभाजन की निरंतर की जा रही कोशिशों के खिलाफ भाकपा ने समूचे उत्तर प्रदेश में जोरदार धरने-प्रदर्शन किये।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल के आह्वान पर आज पार्टी की जिला इकाइयों ने बुलडोजरवाद- पुलिसराज के तहत हो रही ज्यादतियों, जर्जर हो चुकी कानून व्यवस्था, महिलाओं अल्पसंख्यकों दलितों पिछड़ों और अन्य गरीबों के साथ होरहे अत्याचारों, असहनीय महंगाई, निरन्तर पैर पसार रही बेरोजगारी, सांप्रदायिक विभाजन की निरन्तर की जारही साज़िशों तथा इन साज़िशों पर केन्द्र तथा उत्तर प्रदेश सरकार की चुप्पी के खिलाफ प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर धरने- प्रदर्शनों का आयोजन किया।
चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों का मुक़ाबला करते हुये अनेकों जगह भाकपा कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुये जिला मुख्यालयों/ तहसील मुख्यालयों पर पहुंचे और महामहिम राष्ट्रपति एवं राज्यपाल महोदय को संबोधित ज्ञापन जिले के अधिकारियों को सौंपे। उपर्युक्त सवालों के अतिरिक्त इन ज्ञापनों में स्थानीय मांगों को भी शामिल किया गया। राज्य सचिव मंडल ने उन सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है जो आमजन के हित में धूप- ताप की परवाह किये बिना सड़कों पर उतरे।
आंदोलन की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुये भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने आरोप लगाया कि लगातार आवाज उठाए जाने के बावजूद संघ नियंत्रित और कार्पोरेट्स संचालित केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों ने अपने ही देश/ प्रदेश की जनता के खिलाफ युध्द जैसा छेड़ रखा है। पूरे देश और उत्तर प्रदेश में बुलडोजरवाद के तहत पुलिसराज कायम है। दबंगों, भाजपाइयों और पुलिस की तिकड़ी ने किसानो- कामगारों- मेहनतकशों खासकर महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ों पर तीखे हमले बोल दिये हैं।
पूरे पूरे परिवारों की न्रशंस हत्याएं की जा रही हैं, अनगिनत कत्ल और आत्महत्याएं लगातार हो रहे हैं, भयभीत और प्रताड़ित करने के उद्देश्य से पुलिस घरों में घुस कर हत्यायेँ कर रही है, पुलिसजनों द्वारा बलात्कार आम बात होगयी है, सुरक्षा और न्याय की गुहार करने वालों की सुनी नहीं जा रही, भाजपा और पुलिस प्रशासन आकंठ भ्रष्टाचार और दलाली में डूबे हैं। शुरू में विभाजन और वोटों को हथियाने की गरज से बुलडोजर का इस्तेमाल चंद मुस्लिम माफियाओं के खिलाफ किया गया पर अब उसका रुख जनता की ओर मोड दिया गया है।
साथ ही डीजल पेट्रोल रसोई गैस ही नहीं, खाने पीने की चीजें, फल- सब्जी, दवाएं/ इलाज, पढ़ाई और जीवनयापन की चीजें बेहद महंगे होगये हैं। खुदरा महंगाई की दर सारी सीमाएं लांघ 15 प्रतिशत से ऊपर जा चुकी है। आम लोगों की जिंदगी दूभर होकर रह गई है। ऊपर से सार्वजनिक क्षेत्र को बेच कर नौकरियाँ समाप्त की जा रही हैं, भर्तियाँ रद्द की जा रही हैं। आक्रोश को शिथिल करने को चंद खैरातें बांटी जारही हैं और नए और पुश्तैनी हथकंडे अपना कर सांप्रदायिकता तथा विभाजन को हवा दी जा रही है। ये सब जनता का ध्यान उसकी मूलभूत समस्याओं से हटाये रखने की साजिशें हैं।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा है कि हमें गर्व है कि इस नाजुक दौर में उत्तर प्रदेश में इन सभी मामलों में हमारी पार्टी पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ी हुयी है और उसने कारगर और सार्थक हस्तक्षेप किया है। आगे इस हस्तक्षेप को और धार देने की कोशिश की जायेगी। शीघ्र ही वामपंथी दलों की संयुक्त कार्यवाहियाँ सामने आयेंगी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश।