महाराष्ट्र सरकार ने पूरे प्रदेश में विधवा प्रथा को खत्म करने के आदेश दिए हैं…

दैनिक समाचार

द्वारा : आभा शुक्ला

अब पति की मृत्यु के उपरांत किसी ने महिला को अपनी चूड़ियां नहीं तोड़नी होंगी, मंगलसूत्र नही फेंकना होगा….। अब से किसी महिला को सफेद वस्त्र पहनने को मजबूर नहीं किया जा सकेगा… । उन्हें सिंदूर नहीं पोछना होगा…। सरकार ने यह आदेश कोल्हापुर जिले के हेरवार्ड नामक गांव की पंचायत के फैसले को नजीर मानते हुए लागू किया है…।

उद्धव ठाकरे का हृदय से धन्यवाद…! पर ये कुप्रथाएं कानून बनाने से नहीं रुकेंगी… । जो औरत पति की मौत के बाद सिंदूर, मंगलसूत्र आदि नहीं हटाएगी, उसको समाज बड़े आराम से कुलटा, रखैल, रण्डी की संज्ञा दे देगा…। आप उसको नहीं रोक सकेंगे……। इन चीजों को सिर्फ समाज रोक सकता है, कानून नहीं……।

इसलिए बेहतर यह है कि इसको सामाजिक जागरूकता से रोकिए… और साथ ही साथ कुछ सख्त फैसले करिए…। घाटों पर अंतिम संस्कार, कब्रिस्तान में दफनाना, तेरहवीं, पंडे पुरोहित आदि पर सख्त प्रतिबंध लगा दीजिए… ‌ विद्युत गृह में शव दाह को अनिवार्य कर लीजिए… । घाट वाले पंडों और जलाने वाले डोम आदि को उठाना शुरू करिए…। कब्रिस्तान की जमीन जब्त कर मदरसे खुलवा दीजिए… । नदियों में अस्थि विसर्जन को दंडनीय अपराध बना दीजिए…। अगर सच में कुछ करना है तो अंधविश्वासों और कर्मकांडों की जड़ पर प्रहार करिए…। ज्योतिषी, पुरोहिती आदि को सख्त कानून के दायरे में लाइए……।

फिर देखिए… बदलाव होता है कि नहीं….।

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