केजरीवाल सरकार द्वारा गढ़ी मांडू में विकसित किया गया दिल्ली का पहला ‘गौरेया ग्राम’

दैनिक समाचार

-दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज गौरेया ग्राम का किया दौरा

-गौरेया ग्राम में कीट घर को भी किया गया विकसित- गोपाल राय

-तितलियों के लिए भी विकसित किया गया नेचुरल हैबिटैट- गोपाल राय

-सामान्य जनता के लिए हर्बल गार्डन भी बनाया गया है ,जहां से लोग मुफ्त में औषधीय पौधों को अपने घर ले जा सकते हैं- गोपाल राय

-दिल्ली में वर्ल्ड क्लास लेवल पर तैयार किए जाएँगे 4 सिटी फॉरेस्ट- गोपाल राय

नई दिल्ली, 20 मई 2022

दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री ने आज बताया की दिल्ली में स्थित गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला गौरेया ग्राम विकसित किया गया हैं |दिल्ली के राज्य पक्षी ‘गौरेया’ को संरक्षित करने के उद्देश्य गढ़ी मांडू में ‘गौरेया ग्राम’ बनाया गया है। गौरेया ग्राम में कीट घर और तितलियों के लिए नेचुरल हैबिटैट को भी विकसित किया गया है| दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने आज वन एवं वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के साथ इस गौरेया ग्राम का आज दौरा किया | नुक्कड़ नाटक की मदद से उपस्थित लोगों को गौरेया पक्षी के बारें में भी अवगत कराया गया | इस गौरेया ग्राम में तितलियों के भी नेचुरल हैबिटैट का विकास किया गया हैं | साथ ही सामान्य जनता के लिए हर्बल गार्डन की सुविधा भी उपलब्ध कराइ गई हैं |
गौरेया ग्राम के दौरे के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि दिल्ली के अंदर पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए और प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हर उचित कदम उठा रही हैं | उसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए दिल्ली के राज्य पक्षी गौरेया की प्रजाति को बचाए रखने के लिए, सरकार ने गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला गौरेया ग्राम विकसित किया गया हैं | इस गौरेया ग्राम का मुख्य उद्देश्य गौरेया पक्षी को इकोलॉजिकल सपोर्ट देना हैं |

उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले गौरैयों की संख्या में तेजी से गिरावट हुई है। कई अध्ययनों ने इसे दिल्ली में बढ़ रहें शहरीकरण और कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग और विद्युत चुम्बकीय विकिरण को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। कृषि में बढ़ रहें कीटनाशकों के उपयोग से गौरेया पक्षियों के लिए भोजन की कमी हो गई हैं , जिसके कारण उनकी प्रजाति भी धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राज्य पक्षी गौरेया के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस गौरेया ग्राम का विकास किया जा रहा हैं |

-क्या हैं गौरेया ग्राम की विशेषताएँ ?

पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली के पहले गौरेया ग्राम के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में पहले फेज में तैयार किए जाने वाले वर्ल्ड क्लास लेवल 4 सिटी फॉरेस्ट के नामो में शुमार गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला गौरेया ग्राम तैयार किया गया हैं | इस गौरेया ग्राम में दिल्ली के राज्य पक्षी गौरैया के जीवन चक्र का चित्रण किया गया है। यहाँ गौरेया पक्षियों के खाने के लिए कीट घर बनाए गए हैं ताकि पक्षियों को भोजन के लिए भटकना ना पड़े | साथ ही शहरों में नेस्टिंग होल की कमी को देखते हुए यहाँ नेस्टिंग होल का निर्माण भी किया गया हैं |

उन्होंने बताया कि गौरैया के लिए यहां विभाग द्वारा करोंदा और कुंडली जैसे देशी जामुन, घास और झाडि़यां लगाई हैं। इसके साथ ही गौरैया ग्राम में फीडर बाक्स, कृत्रिम घोंसले और मिट्टी के बर्तन भी रखे गए हैं। इसके साथ साथ तितलियों के लिए भी नेचुरल हैबिटैट का विकास किया गया हैं | जिसके कारण उनकी संख्या में पहले से काफी वृद्धि देखि गई हैं |

-सामान्य जनता के लिए बनाया गया हर्बल गार्डन

पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि गौरेया ग्राम में गौरेया पक्षी के साथ साथ आम जनता के लिए भी सुविधा विकसित की गई हैं | गौरेया ग्राम में सामान्य जनता के लिए हर्बल गार्डन भी खोला गया है। इस हर्बल गार्डन से लोग औषधीय पौधों को मुफ्त में अपने घर उपयोग के लिए ले जा सकते हैं। इनमे पत्थर चट्टा अजवायन, तुलसी , एलोवेरा आदि पौधे शामिल हैं |

-दिल्ली में वर्ल्ड क्लास लेवल पर तैयार किए जाएँगे 4 सिटी फॉरेस्ट

दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए वन एवं वन्य जीव विभाग ने दिल्ली के चारों कोनो में मौजूद मुख्य 4 सिटी फारेस्ट को पहले प्रारंभिक फेज में विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया हैं | इनमे दक्षिण पश्चिम दिल्ली का मित्राओं सिटी फारेस्ट , उत्तरी दिल्ली का अलीपुर सिटी फारेस्ट , पूर्वी दिल्ली का गढ़ी मांडू सिटी फारेस्ट और दक्षिण दिल्ली का जौनापुर सिटी फारेस्ट शामिल है |यह चारों सिटी फारेस्ट दिल्ली के लगभग 286 एकड़ में फैले हुए हैं | इस परियोजना के तहत मित्राऊ सिटी फारेस्ट के पॉकेट ए और बी का 98 एकड़, अलीपुर सिटी फारेस्ट का 48 एकड़, गढ़ी मांडु सिटी फारेस्ट का 42 एकड़ और जौनापुर सिटी फारेस्ट का 98 एकड़ में विकास किया जाएगा |

पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने वन एवं वन्यजीव विभाग को गौरेया ग्राम के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस गौरेया ग्राम के ज़रिए हमारा उद्देश्य इस विलुप्त होती प्रजाति के बारे में जन साधारण को जागरूक करना और इस प्रजाति को विलुप्त होने से बचाना है । साथ ही हमारी सरकार दिल्ली के लोगों को ऐसी जगह देना चाहती हैं जहॉं लोग प्रकृति का आनंद ले सकें और साथ-ही आने वाली पीढ़ी को भी प्रकृति के बारे में जागरूक कर सके। केजरीवाल सरकार दिल्ली के सिटी फारेस्ट को और बेहतर बनाने तथा इकोलॉजिकल सुरक्षा के आधार पर इनका विकास करने के लिए तत्पर हैं |

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