महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने दौरा कर निर्मल छाया में रह रहे महिलाओं और बच्चों के साथ मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

दैनिक समाचार

-कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत ने निर्मल छाया परिसर में महिलाओं और बच्चों के लिए बना खाना खुद भी खाया और उनके बनाए विभिन्न हस्तकलाओं की प्रशंसा की

-दिल्ली में स्थित 99 चाइल केयर संस्थानों में से 26 का रखरखाव दिल्ली सरकार करती है, बाकी 73 का प्रबंधन विभिन्न गैर सरकारी संगठन कर रहे

  • महिला एवं बाल विकास विभाग ने पिछले वर्ष 80 फीसद से अधिक बच्चों का किया पुनर्वास
  • हम एक सरकार के रूप में यह सुनिश्चित करते हैं कि दिल्ली का प्रत्येक नागरिक सुरक्षित महसूस करे और विश्वास करे कि सरकार किसी भी कठिनाई के समय उनका सहयोग करेगी- कैलाश गहलोत
  • किसी भी बच्चे के जीवन और विकास में परिवार एक अहम भूमिका निभाता है और हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चे को जल्द से जल्द एक परिवार मिले- कैलाश गहलोत
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नई दिल्ली, 08 जून 2022

दिल्ली के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली के हरि नगर में निर्मल छाया परिसर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां रह रहे महिलाओं और बच्चों के साथ परिसर के अंदर पौधारोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। साथ ही, डब्ल्यूसीडी मंत्री ने महिलाओं और बच्चों के लिए बना खाना भी खाया और उनके द्वारा बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों और हस्तशिल्प के लिए प्रशंसा की। इस दौरान महिला एवं बाल विकास सचिव गरिमा गुप्ता, निदेशक कृष्ण कुमार समेत विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। डब्ल्यूसीडी मंत्री कैलाश गहलोत ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि परिसर में रहने वाली महिलाओं और बच्चों के संपूर्ण पुनर्वास और उनको सक्षम बनाने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए।

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निर्मल छाया एक एकीकृत परिसर है, जहां संकटग्रस्त महिलाओं और अपराधों व विकट परिस्थितियों के शिकार बच्चों की सुरक्षित हिरासत और पुनर्वास के लिए आवासीय सुविधाएं दी जाती है। विभिन्न संस्थानों में अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम, 1956 के तहत महिलाओं के लिए संरक्षण गृह और पीड़ित की शारीरिक, मानसिक प्रकृति के आधार पर विभिन्न आयु समूहों के आधार पर अलग-अलग लड़कियों के लिए बाल गृह, निगरानी गृह, सुरक्षित स्थान और देखभाल गृह शामिल हैं।

परिसर में स्थित प्रतिष्ठानों और घरों की विशेषताएं

यह घर छह साल तक के बच्चों के लिए हैं। जिन्हें फोस्टर केयर एंड एडॉप्शन सर्विसेज के रूप में अधिसूचित किया गया है, जो यौन अपराधों के नाबालिग पीड़ितों से पैदा हुए बच्चों को छोड़े गए, आत्मसमर्पण करने वाले बच्चों को प्राप्त करते हैं। यहां रहने वाले महिलाओं और बच्चों का पुनर्वास इन संस्थानों का उद्देश्य है। जिसमें इन संस्थानों में रहने के दौरान इनकी शारीरिक और मानसिक देखभाल शामिल है। प्रत्येक निवासी एक प्रशिक्षित परामर्शदाता और पेशेवर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा भाग लिया जाता है, जो परिवेश आधारित हस्तक्षेप करता है। जिसमें मनो-सामाजिक मूल्यांकन, चिकित्सीय हस्तक्षेप, शिक्षा, कौशल विकास, करियर अभिविन्यास के लिए परामर्श और मार्गदर्शन और वयस्क लड़कियों को रोजगार के लिए समर्थन शामिल है।

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बिना किसी दिखावे के परित्यक्त, खोई हुई, अपराध या परिस्थितियों की शिकार, बेघर, सड़क पर रहने वाली, अस्थायी आश्रय की तलाश करने वाली विधवा, कहीं भी संकटग्रस्त महिलाओं को सुरक्षा और पुनर्स्थापना देखभाल के लिए यहां लाया जा सकता है। किसी भी उम्र के बच्चे यदि देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता में पाए जाते हैं, जैसे कि सड़क की स्थिति में, कमजोर, अपराध या परिस्थितियों के शिकार, बाल भिक्षावृत्ति, बाल श्रम, अनाथ, परित्यक्त, किसी को भी बाल कल्याण समिति के समक्ष लाया जा सकता है।

किशोर न्याय अधिनियम के तहत दिल्ली में 99 ऐसे चाइल्ड केयर संस्थान (सीसीआई) स्थापित हैं, जिनमें से 26 संस्थानों की स्थापना और रखरखाव दिल्ली सरकार करती है। साथ शेष 73 सीसीआई का प्रबंधन विभिन्न गैर सरकारी संगठनें करती है। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा अप्रैल 2021 और मार्च 2022 के बीच 17329 बच्चों को देखा गया है। इन संस्थानों की वर्तमान संयुक्त अधिभोग 3223 है जबकि एक संस्थान में 5000 बच्चे तक रह सकते हैं। विभाग द्वारा पिछले वर्ष में 80ः से अधिक बच्चों का पुनर्वास किया गया है।

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इन संस्थानों में लंबे समय तक देखभाल के लिए रखे गए बच्चों को भी पास के सरकारी स्कूलों में नामांकित किया जाता है और जो अल्पावधि के लिए रहते हैं, उन्हें उपचारात्मक और ब्रिज शिक्षा दी जाती है और जब वह संस्थान छोड़ देते हैं, उनकी बहाली के बाद भी अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन चाइल्ड केयर संस्थानों में रखे गए बच्चों का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाती है। वह निवासी जिनकी आयु 18 वर्ष है और जो किसी भी परिस्थिति में अपने परिवार के साथ बहाल नहीं हो पा रहे हैं, उन्हें शिक्षा, तकनीकी/पेशेवर प्रशिक्षण जारी रखने के लिए आफ्टरकेयर में रखा जाता है और रोजगार के लिए सहायता प्रदान की जाती है जो उनके पुनर्वास की ओर ले जाता है।

इस दौरान महिला और बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि हम एक सरकार के रूप में यह सुनिश्चित करते है कि दिल्ली का प्रत्येक नागरिक सुरक्षित और संरक्षित महसूस करे। साथ ही विश्वास करे कि सरकार किसी भी कठिनाई के समय उनका सहयोग करेगी। हम यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत सख्त कदम उठा रहे हैं कि अप्रिय घटनाएं, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को प्रभावित न करें और ऐसी किसी भी घटना के मामले में पूर्ण कानूनी और प्रशासनिक सुरक्षा सुनिश्चित करें। परिवार किसी भी बच्चे के जीवन और विकास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमारा ध्यान हमेशा यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बच्चे को जल्द से जल्द एक परिवार मिल जाए। जब तक आवश्यक होगा हम पूर्ण शारीरिक और मानसिक पुनर्वास के लिए उनकी आर्थिक सहायता भी करेंगे। चूंकि हमने आज विश्व पर्यावरण दिवस भी मनाया है, इसलिए मैं सभी निवासियों से पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिक बनने और एक स्थायी भविष्य की दिशा में हमारे साथ काम करने का आग्रह करता हुं।

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