उर्सला अस्पताल की दुर्दशा

दैनिक समाचार

द्वारा : आभा शुक्ला

ये हमारे कानपुर के उर्सला हॉस्पिटल का आज का नजारा है…. ये लावारिश लोगों का वार्ड है जिसमे 6 बुजुर्ग भर्ती हैं…. भर्ती क्या हैं बल्कि मौत का इंतजार कर रहे हैं हर घड़ी… बिस्तर पर पेशाब है… फर्श पर भी पेशाब है… कोई साफ करने वाला नही है… यहां के सफाई कर्मी खुद में सीएमओ से कम नहीं हैं…

इनके पास कोई दवाई नही है… न ही पानी है…बस ड्रेसिंग करके बेड अलॉट कर दिया जाता है… मुझे नही पता ये चल सकने में असमर्थ बुजुर्ग कैसे पानी पीते हैं…

डॉक्टर तो शायद ही यहां झांकने आता हो… जब तक मैं रही मुझे तो कोई नर्स तक झांकती नही दिखी….

12 बजे के आस पास खाना आया था… इनकी थाली में सब्जी डाली गई थी… जो खुद से खाने में असमर्थ हैं उनको कोई खिलाने वाला ड्यूटी पर उपलब्ध नहीं है… एक बाबा तो थाली पर मुंह औंधा के जानवरों के जैसे जैसे तैसे सब्जी चाट पा रहे थे…. पानी नही मिला होगा इनको…. क्योंकि इनमें से कोई भी खुद से चलकर पानी ले सकने की स्थिति में नहीं थे…

बड़ा भयानक है ये सब…. इनके कोई मानवाधिकार नही हैं…. कुछ नही है… बस मौत की राह तक रहे हैं…

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और हां जो वीडियो में देखिए… जो बाबा लगातार बडबडा रहे हैं न, उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है… एक फोटो में झांक रही महिला जो किसी और मरीज की तीमारदार है ये,ने बताया कि इन आभा को दूसरे तीमारदार के परिजन बहुत मारते हैं… ताकि वो शांत हो जाएं… पर वो शांत नही होते….

आगे मै कुछ लिख नही पाऊंगी… आंखें ओवरफ्लो हैं….।

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