भाजपा के लिए संजीवनी है हिंदुत्व का मुद्दा

दैनिक समाचार

द्वारा : राजेश चौरसिया

एक बात खुले तौर पर कहना चाहता हूँ। ये बताइये कि भाजपा के अस्तित्व के लिए क्या मुद्दे ज़रूरी हैं ? ऐसे क्या मुद्दें हैं जो उसको सत्ता बनाए रख सकते हैं ?

सबसे बड़ा मुद्दा है हिंदुत्व का , हिंदू-मुस्लिम का ताकि बड़ी चतुराई से 80 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के आनुपातिक खेल को खेला जा सके! 20 प्रतिशत के मुक़ाबले 80 प्रतिशत को अपने ख़ेमे में कर लिया जाए!

इससे भाजपा को दो बड़े लाभ होंगे! एक तो यह कि सत्ता में बने रहेंगे और दूसरा यह कि आने वाले समय में एक दलीय शासन प्रणाली की व्यवस्था भी क़ायम होती चली जाएगी। चीन की तानाशाही की तरह। पुतिन के शासन की तरह।

अब हिंदुत्व के मुद्दे को बनाए रखने के लिए क्या ज़रूरी है ? ज़रूरी है कि कुछ न कुछ करके हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा क़ायम रहे। ये लड़ाई बंद न हो। ताकि नागरिक रोटी , कपड़ा, मकान , हेल्थ, GDP, इन्फ़्लेशन के बारे में सोच ही न पाए। ये इस हद्द तक जाएगा कि नागरिक को इन तमाम मुद्दों पर सोचना अपराध जैसा लगने लगे और हिंदुत्व की रक्षा ही पहली और अंतिम ज़रूरी बात लगे। भाजपा का विरोध मतलब देश से ग़द्दारी ! भाजपा के तहत सत्ता पर स्थापित नेताओं को चमत्कारिक और ईश्वर का दूत वाली छवि निर्मित की जाती रहेगी! काफ़ी हद्द तक यह विचार स्थापित करने में भाजपा सफल भी हो गई है।

मतलब आप कांग्रेस, आप , तृणमूल , बीएसपी, सपा आदि को समर्थन करते हो भाजपा को छोड़कर तो आपको ग़द्दार कहा जाएगा। भाजपा को वोट देने वाला, समर्थन करने वाला ही असल देशभक्त है।

मतलब 2014 से पहले देश में देशभक्त राजनीतिक दल नहीं था, देशभक्त प्रधानमंत्री नहीं थे, देशभक्त नागरिक नहीं थे …… देशभक्त और राष्ट्रवादियों का जन्म 2014 के बाद ही हुआ है। उससे पहले सब ग़द्दार थे! कुछ इस तरह का मूल्य भाजपा का स्थापित करना उद्देश्य है ताकि एक पार्टी का सत्ता में बना रहना सम्भावित रहे। और जब एक दल का प्रभुत्व क़ायम हो जाएगा तो वो फिर राष्ट्रीय संस्थाओं पर हमला करे, न्यायपालिका को क़ब्ज़े में ले या मनमाफ़िक़ संसद से बिल पास करे उसे रोकने वाला ही नहीं होगा। तानाशाही का प्रचलित लोकतांत्रिक स्वरूप । ऊपर से लोकतांत्रिक मगर असल में तानाशाही।

अब आता हूँ हिंदुत्व के मुद्दे पर। ये जो तमाम सांप्रदायिक हत्याएँ या घटनाएँ हैं उनके तार भाजपा दफ़्तर से क्यों निकल कर आ रहे हैं ? चाहे उदयपुर में पकड़ा गया आतंकी हो या कश्मीर में ? पुलवामा में 200 किलो आरडीएक्स कैसे पहुँचा , तथाकथित डीएसपी कहाँ है ? आज जो भी मुस्लिम आतंकी पकड़ा जा रहा है उसका तार भाजपा कार्यालय से क्यों निकल रहा है ? पत्थरबाज़ों में सिर्फ़ मुस्लिम के घर क्यों तोड़े जा रहे ? हिंदुओं के के घर क्यों नहीं तोड़े गए जिन्होंने सार्वजनिक सम्पत्ति को जलाया ? तोड़ो तो फिर बिना धर्म देखे ? फ़ेक न्यूज़ और डाक्टर्ड विडीओ का पता होते हुए भी भाजपा नेताओं द्वारा क्यों चलाया जाता है ? बहुत सारे सवाल हैं ! 8 साल में उपलब्धियों के नाम पर मोदी सरकार के पास क्या है ? धारा 370 हटाना , डिजिटल युग की शुरुआत। मगर सत्ता में कोई चोर भी बिठा दो आठ साल के लिए वो भी पाँच अच्छे काम चाहते या न चाहते हुए कर ही देगा!

इसका जवाब किसके पास है ? भाजपा को ही देने चाहिये! भाजपा इनके जवाब नहीं देगी। क्योंकि उत्तर सत्ता की कुर्सी के पेर हिला देगी। मैं वही व्यक्ति हूँ जो 2014 में मोदी का अच्छा ख़ास समर्थक था लेकिन 2016-17 से दिखने लगा कि ये बंदा देश के हित में नहीं बल्कि भाजपा के हित में 18-18 घंटे काम कर रहा है, जिन पूँजीपतियों से चंदा लिया उनके लिए काम कर रहा है तब से ख़िलाफ़त करने लगा। क्योंकि मुझे पता है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का हित, राष्ट्रीय हित नहीं हो सकता।

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