ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ की दिशा में एक बड़े सुधार और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, रक्षा मंत्रालय के तहत रक्षा उत्पादन विभाग ने गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) के पुनर्गठन के लिए अधिसूचना जारी की है। इसका उद्देश्य गुणवत्ता आश्वासन प्रक्रियाओं और परीक्षणों की गति बढ़ाना तथा निर्णय लेने में विभिन्न स्तरों पर होने वाली अनावश्यक देरी को कम करना है। यह पुनर्गठन ओएफबी के निगमीकरण के बाद गुणवत्ता आश्वासन पद्धति और गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय की संशोधित भूमिका में बदलाव लाने वाला कारक भी है।
आयुध कारखानों के नए डीपीएसयू में निगमीकरण से निजी रक्षा उद्योग की बढ़ती भागीदारी और स्वदेशीकरण की दिशा में सरकार के प्रोत्साहन से उभरते रक्षा विनिर्माण उद्योग को प्रभावी और कुशल सहायता प्रदान करने के लिए डीजीक्यूए के पुनर्गठन की आवश्यकता महसूस की गई। डीजीक्यूए पहले से ही रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम में सभी हितधारकों के साथ सक्रिय विचार-विमर्श के बाद विभिन्न संगठनात्मक और कार्यात्मक सुधारों का संचालन कर रहा है।
कार्यान्वयन के तहत नई संरचना संपूर्ण उपकरण/हथियार प्लेटफॉर्म के लिए सभी स्तरों पर एकल बिंदु तकनीकी सहायता को सक्षम बनाएगी और उत्पाद-आधारित आश्वासन में एकरूपता भी सुनिश्चित करेगी। नई संरचना प्रूफ रेंज और परीक्षण सुविधाओं के पारदर्शी आवंटन की सुविधा प्रदान करने के लिए रक्षा परीक्षण और मूल्यांकन संवर्धन के अलग निदेशालय का भी प्रावधान करती है।
स्वचालित और मानकीकृत आश्वासन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण के साथ इस व्यवस्था से डीजीक्यूए के साथ रक्षा उद्योग की भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है। पुनर्गठित संरचना और मौजूदा कार्यात्मक सुधारों से देश में निर्माताओं का मार्गदर्शन करने के लिए भारतीय मानकों/समकक्ष की उपलब्धता के साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशीकरण अभियान को बढ़ावा मिलेगा। इससे उच्च गुणवत्ता वाले योग्य रक्षा उत्पादों के निर्यात को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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