उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज विभिन्न भारतीय भाषाओं में साहित्यिक ग्रंथों के अनुवादों की संख्या बढ़ाने के लिए सक्रिय तथा ठोस प्रयासों की अपील की। इस संबंध में उन्होंने क्षेत्रीय भारतीय साहित्य की समृद्ध धरोहर को लोगों की मातृभाषाओं में सुलभ कराने के लिए अनुवाद में प्रौद्योगिकीय उन्नति का लाभ उठाने का सुझाव दिया।
श्री नायडू ने विशेष रूप से श्री कृष्णदेवार्या के ‘’अमुक्तमाल्यदा’ जैसे ग्रंथ का अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने में पोट्टीश्रीरामुलू तेलुगू विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की सराहना की। उन्होंने भारत में विभिन्न भाषाओं के उपयोग को संरक्षित करने तथा बढ़ावा देने के लिए ऐसे विश्वविद्यालयों से इस प्रकार के और प्रयासों की अपील की।
The Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu at the Foundation Day celebrations of Potti Sreeramulu Telugu University in Hyderabad today. pic.twitter.com/rMOuDySNrW
— Vice President of India (@VPIndia) December 12, 2021
तेलुगू विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने विभिन्न शोध पहलों के माध्यम से तेलुगू भाषा साहित्य और इतिहास को संरक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एन टी रामाराव को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना करने की पहल की। उन्होंने विश्वविद्यालय को विकसित करने तथा तेलुगू भाषा और संस्कृति के ध्येय को और आगे बढ़ाने में तेलंगाना राज्य सरकार तथा मुख्यमंत्री श्री के चन्द्रशेखर राव के प्रयासों की भी सराहना की।
यह देखते हुए कि भूमंडलीकरण का व्यापक प्रभाव है, उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि युवा अपनी सांस्कृतिक विरासत से संपर्क बनाए रखे। पहचान बनाने तथा युवाओं में आत्मविश्वास को बढ़ावा देने में भाषा के महत्व को देखते हुए श्री नायडू ने कहा कि लोगों को अपनी मातृभाषा में बोलने में गर्व का अनुभव करना चाहिए।
श्री नायडू ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का लक्ष्य भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना तथा बचचों की मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि अनिवार्य रूप से उच्चतर शिक्षा तथा तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए भी शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होनी चाहिए।
इस संबंध में, श्री नायडू ने विश्वविद्यालयों से भारतीय भाषाओं में उन्नत अनुसंधान करने तथा भारतीय भाषाओं में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली में सुधार लाने का सुझाव लाने की अपील की, जिससे कि उनकी व्यापक पहुंच तथा शिक्षा क्षेत्र में उपयोग को सुगम बनाया जा सके।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कवि एवं आलोचक डॉ. कुरेल्ला विट्टलाचार्य तथा कुच्चिपुडी नृत्य के जानकार श्री कला कृष्णा को पुरस्कार प्रदान किया।
The Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu inaugurating a photo exhibition on 'Ek Bharat Shreshtha Bharat' in Hyderabad today.
— Vice President of India (@VPIndia) December 12, 2021
The exhibition by @MIB_India highlights various aspects of the art & culture of the paired states of #Haryana and #Telangana. pic.twitter.com/Nnz3XkqKre
बाद में, श्री नायडू ने भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय में आयोजित एक भारत श्रेष्ठ भारत की चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। आगन्तुक पुस्तिका में लिखने के दौरान उपराष्ट्रपति ने तेलंगाना और हरियाणा के जोड़ीदार राज्यों की संस्कृति को प्रदर्शित करने में आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। लोगों को प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने लिखा कि ऐसी पहलें जोड़ीदार राज्यों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रचारित करने तथा लोगों के बीच आपसी संपर्कों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
तेलंगाना राज्य के गृहमंत्री श्री मोहम्मद महमूद अली, तेलंगाना राज्य प्लानिंग बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री बी विनोद कुमार, तेलुगू विश्वविद्यालय के कुलपति श्री थंगेडा किशनराव, पंजीकार श्री भटटू रमेश, छात्रों, कर्मचारियों तथा अन्य लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
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