अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) के बीमा क्षेत्र में कार्यरत पेशेवर कर्मियों के क्षमता-निर्माण के उद्देश्य से, भारतीय बीमा संस्थान (III) के साथ एक समझौता (एमओयू) किया है।
भारतीय बीमा संस्थान (III) बदलते बीमा परिदृश्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत और विदेशों में बीमा उद्योग से जुड़े पेशेवरों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करता है, इनका लगातार उन्नयन करता है तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। संस्थान के प्रमाणन को बीमा उद्योग, नियामकों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित अन्य बीमा शिक्षा प्रदाताओं द्वारा मान्यता दी गयी है। संस्थान वैश्विक बीमा शिक्षा संस्थान (आईजीआईई) का भी सदस्य है।
एमओयू के प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार हैं:
(i) संस्थान (III) प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम और व्यावसायिक परीक्षाओं को शुरू करने की दृष्टि से आईएफएससीए में बीमा उद्योग के प्रतिभागियों की वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रम में बदलाव करने के लिए अध्ययन करेगा।
(ii) संस्थान (III) बीमा पेशेवरों की मध्यम और दीर्घकालिक क्षमता निर्माण आवश्यकताओं को पूरा करने पर काम करेगा, जिसके परिणामस्वरूप आईएफएससीए में बीमा व्यवसाय गतिविधियों को और मजबूती मिलेगी।
(iii) संस्थान (III), आईएफएससीए के साथ संयुक्त रूप से शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अपने पास उपलब्ध बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का उपयोग करते हुए सेमिनार/कार्यशालाएं/सम्मेलन आयोजित करेगा, ताकि बीमा उद्योग के लिए पेशेवर कार्यबल के ज्ञान का उपयोग किया जा सके।
(iv) संस्थान (III) मुंबई विश्वविद्यालय के साथ अपने समझौते के तहत डॉक्टरेट अध्ययन के लिए नामांकन लेने वाले छात्रों को आईएफएससीए के कामकाज से संबंधित अनुसंधान विषयों / विषयों का चयन करने को बढ़ावा देगा।
(v) आईएफएससीए के अनुरोध पर, संस्थान III प्रमुख वित्तीय केंद्रों के वैश्विक बीमा पुनर्बीमा कानूनों और विनियमों पर प्रशिक्षण तथा अनुसंधान के लिए अपने संकायों को नामित करेगा।
बीमा के लिए आईएफएससीए के नियामक ढांचे के लिए समय-समय पर पेशेवर परीक्षाओं और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। संस्थान III आईएफएससी में पेशेवरों के लिए ऐसी परीक्षाओं एवं प्रशिक्षण का डिजाइन और संचालन करेगा, जो आईएफएससी इको-सिस्टम में कुशल प्रतिभा को आगे बढ़ाने में सहायता प्रदान करेगा।