- 6000 वर्ग मीटर की स्कूल की ज़मीन से 3000 वर्ग मीटर की ज़मीन छीनकर उसको औने पौने दामों पर बेचने की तैयारी :आप
- आम आदमी पार्टी एमसीडी के फैसले का विरोध करती है, हम निगम सिविक सेंटर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के घर पर विरोध प्रदेशन करेंगे-आप
करोलबाग जैसी प्राइमरी लोकेशन पर 50 गज की ज़मीन भी करोड़ों की मिलती है, लेकिन एमसीडी 4115 वर्ग मीटर की ज़मीन को मात्र 175 करोड़ रुपए में बेच रही है-आप
- एमसीडी स्कूल की ज़मीन को 90 सालों की फ्री होल्ड लीज़ पर दे रही है, एक प्रकार से अब वह कॉन्ट्रैक्टर ही ज़मीन का मालिक हो गया- आप
- मेरे पास एमसीडी के टेंडर की कॉपी है, उसमें 4 स्थानों पर पार्किंग बनाने की तैयारी है- विशेष रवि
- एमसीडी ने पहला अजमल खां रोड के लिए 175 करोड़ का, दूसरा न्यू अशोक नगर के लिए 168 करोड़ का, तीसरा शास्त्री पार्क के लिए 195 करोड़ का और चौथा उषा लेन के लिए 148 करोड़ का टेंडर निकाला है- विशेष रवि
- टेंडर में साफ लिखा है कि कॉन्ट्रैक्टर डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए लेकिन कॉन्ट्रैक्टर के नाम पर कई केस दर्ज – विशेष रवि
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2022
‘आप’ विधायक विशेष रवि ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी स्कूलों की ज़मीन बेचकर करोड़ों का भ्रष्टाचार करने की तैयारी में है। मेरे पास एमसीडी के टेंडर की कॉपी है, उसमें 4 स्थानों पर पार्किंग बनाने की तैयारी है। एमसीडी ने पहला अजमल खां रोड के लिए 175 करोड़ का, दूसरा न्यू अशोक नगर के लिए 168 करोड़ का, तीसरा शास्त्री पार्क के लिए 195 करोड़ का और चौथा उषा लेन के लिए 148 करोड़ का टेंडर निकाला है। करोलबाग जैसी प्राइमरी लोकेशन पर 50 गज की ज़मीन भी करोड़ों की मिलती है, लेकिन एमसीडी 4115 वर्ग मीटर की ज़मीन को मात्र 175 करोड़ रुपए में बेच रही है। और अब लगभग 6000 वर्ग मीटर की स्कूल की ज़मीन से 3000 वर्ग मीटर की ज़मीन छीनकर उसपर भी मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की तैयारी हो रही है। एमसीडी स्कूल की ज़मीन को 90 सालों की फ्री होल्ड लीज़ पर दे रही है, एक प्रकार से अब वह कॉन्ट्रैक्टर ही ज़मीन का मालिक हो गया। टेंडर में साफ लिखा है कि कॉन्ट्रैक्टर डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए लेकिन यहां तो कॉन्ट्रैक्टर के नाम पर कई केस दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एमसीडी के फैसले का विरोध करती है, करोलबाग की जनता और वहां के ज्यादातर आरडब्ल्यूएस हमारे साथ हैं। करोलबाग की जनता का कहना है कि हमें और अधिक स्कूलों की जरूरत है, हम निगम सिविक सेंटर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के घर पर विरोध प्रदेशन करेंगे।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और करोल बाग से विधायक विशेष रवि ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। विशेष रवि ने कहा कि दो-तीन दिन पहले हमने एक प्रेस वार्ता की थी उसमें हमने बताया था कि एमसीडी करोलबाग की बैक स्ट्रीट के एक स्कूल की ज़मीन को बंद कर के एक मल्टीलेवल पार्किंग बना रही है। उस समय हमने आपको एक स्कूल के बारे में बताया था और आज में आपके सामने करोल बाग के दूसरे स्कूल की जानकारी भी रखूंगा। एमसीडी दूसरे स्कूल की ज़मीन को भी नीलाम कर रही है। उस ज़मीन को बेचकर वहां भी मल्टीलेवल पार्किंग का प्रॉजेक्ट ला रही है। उस दिन मैंने आपको अजमल खां रोड के बारे में बताया था। मेरे पास इनके टेंडर के दस्तावेज मौजदू हैं। एमसीडी ने जो टेंडर निकाला था उसमें पता चल रहा है कि 4 स्थानों पर पार्किंग बनाने की तैयारी है।
सबसे हमने अजमल खां रोड के बारे में बताया था। उसमें 175 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला है। दूसरा, न्यू अशोक नगर में एक जगह है जिसके लिए 168 करोड़ रुपए का टेंडर है। तीसरा, शास्त्री पार्क में 195 करोड़ का टेंडर है। चौथा, जिसका मुद्दा मैं आज लेकर आया हूं कि एमसीडी एक और स्कूल की ज़मीन बेच रही है। उस जगह का नाम उषा लेन है, जहां पर 148 करोड़ का टेंडर निकाला है। उषा लेन का जो टेंडर निकाला गया है, उस ज़मीन पर एमसीडी का स्कूल है जो आज की डेट में भी चल रहा है। यह लगभग 6000 वर्ग मीटर की जगह है। एमसीडी इसमें से 3000 वर्ग मीटर की ज़मीन को लेकर स्कूल से अलग दिखाकर उसपर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की तैयारी में है।
भाजपा के दो लोग कुछ दिन पहले कह रहे थे कि यह प्रॉजेक्ट हम इसलिए लेकर आएं हैं क्योंकि स्कूल बंद हो चुका है। यहां बच्चे हैं ही नहीं। इससे यह साबित हो जाता है कि इनको बच्चों के होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। जिस स्कूल की मैं बात कर रहा हूं, उस स्कूल में आज भी बच्चे पढ़ रहे हैं। चलते हुए स्कूल की आधी ज़मीन को बेचकर यह लोग पार्किंग बनाने जा रहे हैं। यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण और शर्म की बात है। हद तो यह हो गई कि जिस जगह पर स्कूल की नई इमारत बन सकती थी, जिस जगह पर बच्चों के लिए लैब बन सकता था, जिस जगह पर बच्चों के लिए लाइब्रेरी बन सकती थी, यह सब काम न करते हुए एमसीडी ने चलते हुए स्कूल की ज़मीन को कम कर के वहां पर पार्किंग का प्रॉजेक्ट लाया जा रहा है।
टेंडर की कॉपी पेश करते हुए विशेष रवि ने कहा कि दूसरा, इन्होंने यह जो टेंडर निकाला है। हमने आपको बताया कि 4 स्थानों के लिए टेंडर निकाला है। जहां पर स्कूल को बंद कर के उस ज़मीन को बेचकर पार्किंग बना रहे हैं। इन 4 स्थानों में से एक जगह के लिए इन्हें बिडर मिला है, जिसके लिए इन्होंने वित्तीय नीलामी खोल दी है। जिस आदमी को यह ज़मीन दे रहे हैं, उसकी कंपनी का नाम ओमेक्स प्राइवेट लिमिटेड है। मेरे पास इस कंपनी के दस्तावेज हैं। यह अखबारों की कंटिंग्स हैं और साथ में टेंडर की कॉपी भी है। इस कॉपी के अनुसार जो भी इस ज़मीन के लिए बिड करेगा, वह किसी भी तरह से डिफॉल्डर नहीं होना चाहिए। उसने कोई चोरी न की हो, उसपर कोई केस न हो। लेकिन जिस कंपनी को यह ठेका दिया जा रहा है उसपर न सिर्फ दिल्ली एनसीआर बल्कि पंजाब सरकार में भी केस बना हुआ है। उसकी करोड़ों रुपयों की देनदारी है, जिसकी वजह से अलग-अलग सरकारों ने उसपर केस बना रखा है। मैं सभी अखबारों की हेडलाइन आपको बताऊंगा। इसी में एक खबर यह भी है कि ओमेक्स कंपनी के दो पार्टनर हैं। एक पार्टनर ने दूसरे पार्टनर के ऊपर जालसाजी का केस कर रखा है।
मतलब एक कंपनी जिसके दो पार्टनर हैं और दोनों पार्टनर्स की बीच झगड़ा है। एक ने दूसरे पर केस कर रखा है। एमसीडी उस कंपनी को यह ठेका देने जा रही है। पूरी तरह से सांठगांठ में यह काम हो रहा है और एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार इसके माध्यम से किया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि इन्होंने किसी भी तरह से ठेकेदार को पकड़ लिया है। भाजपा के जो अधिकारी हैं, जो नेता हैं वह इस कॉन्ट्रैक्टर से घूस खाएंगे। किसी भी तरह से वह इस आदमी को काम देना चाहते हैं। यह जानते हुए कि वह डिफॉल्टर है, यह जानते हुए कि वह टेंडर के लिए उपयुक्त नहीं है, उसके बाद भी उसे यह कॉन्ट्रैक्ट दिया जा रहा है।
अजमल खां रोड की जो जगह है, जिसपर इस कॉन्ट्रैक्टर को टेंडर दिया जा रहा है, यह जगह 4115 वर्ग मीटर की है। जिसके लिए 175 करोड़ रुपए का ठेका दिया जा रहा है। आप जानते हैं कि करोलबाग कितनी मेंहगी जगह है। अगह 50 गज़ भी दुकान लेने जाएंगे तो आपको करोड़ों से कम नहीं मिलेगी। और इतनी प्राइम लोकेशन पर 4115 वर्ग मीटर की ज़मीन को सिर्फ 175 करोड़ में दिया जा रहा है। 90 साल की लीज़ पर दिया जा रहा है। यानी कि इस कॉन्ट्रैक्ट के बाद 90 सालों तक सरकार का उस ज़मीन पर कोई अधिकार नहीं होगा। उसके बाद वह कॉन्ट्रैक्टर ही उसका मालिक हो जाएगा।
ऐसे एक नहीं बल्कि हमारे पास कई उदाहरण हैं। जहां पर जब 90 सालों के लिए किसी को लीज़ पर जगह दी जाती है तो उसके बाद सरकार जब अपनी जगह को वापस लेने जाती है तो मामला कोर्ट में चला जाता है। वह कॉन्ट्रैक्टर उस जगह को कभी नहीं छोड़ता है। हमारे ही इलाके में पंचकुइयां रोड पर एक जगह है, जो सरकार ने एक व्यक्ति को लीज़ पर दी थी। प्राइम लोकेशन जो हमुमान जी की मूर्ती है, उसके साथ ही वह जगह है। उस ज़मीन को 90 साल की लीज़ पर दिया गया था और आज सरकार कोर्ट में धक्के खा रही है। लेकिन उस व्यक्ति ने उस ज़मीन को किसी और को लीज़ पर दे दिया है और वह जगह सरकार खाली नहीं करा पा रही है।
उन्होंने कहा कि इतनी प्राइम लोकेशन पर 4115 वर्ग मीटर की ज़मीन को मात्र 175 करोड़ में 90 सालों के लिए लीज़ पर दे दिया है। इस अनुसार एक प्रकार से उस कॉन्ट्रैक्टर को उस ज़मीन का मालिक बनाया जा रहा है। इस टेंडर में इन्होंने साफ लिखा है कि इस ज़मीन को एमसीडी फ्री होल्ड कर के दे रहे हैं। फ्री होल्ड का मतलब यह है कि उसके बाद आप उस कॉन्ट्रैक्टर से ज़मीन ले नहीं सकते हैं। यदि एक आम व्यक्ति अपने मकान को फ्री होल्ड करने जाएं तो उसकी जूतियां घिस जाती हैं लेकिन डीडीए उसके मकान को कभी फ्री हेल्ड नहीं करता है। हैरानी की बात यह है कि एमसीडी खुद डीडीए से उस जगह को फ्री होल्ड कराकर ज़मीन कॉन्ट्रैक्टर को दे रही है। यह पूरा मामला भ्रष्टाचार का है। इसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। एमसीडी के अधिकारी और भाजपा के जो नेता हैं वह सभी इसके अंदर मिले हुए हैं। स्कूल की इस ज़मीन को, जहां बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए, एमसीडी उसे बंद कराकर बेच रही है। और दूसरी जगह चलते हुए स्कूल की ज़मीन का आधा हिस्सा छीनकर पार्किंग बनाई जा रही है। यह एक गंभीर मुद्दा है। इसके लिए हमने बड़ी तैयारी की है। मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि इस मुद्दे को लेकर लोग हमारा सहयोग कर रहे हैं।
मेरे पास आरडब्ल्यूएस के कुछ 8-10 लेटर हैं। करोलबाग की ज्यादातर आरडब्ल्यूएस इस मामले में हमारे साथ हैं। उन सबका यह कहना है कि स्कूलों को बंद कर के पार्किंग बनाना सरासर गलत है। ज्यादा आबादी वाला क्षेत्र होने के कारण यहां और अधिक स्कूलों की आवश्यकता है। ऐसे में अगर हम पार्किंग जैसी चीज़ के लिए स्कूलों को बंद कर रहे हैं, इसका क्षेत्र की जनता और आरडब्ल्यूएस विरोध कर रही है। उन लोगों ने अपने-अपने पत्र दिया है। और उन्होंने यह भी कहा है कि वह खुद भी अधिकारियों को पत्र लिखेंगी की एमसीडी जो काम कर रही है वह सरासर गलत है, हम उसका विरोध करते हैं। उसको रोका जाए।
इसके आलावा हमने आपको बताया था कि स्कूल के आसपास जो दुकानें थीं, वह अपने सभी टैक्स समय पर भरती है। उनकी तरफ से कोई समस्या नहीं थी लेकिन रातों-रात उनकी दुकानों को एमसीडी ने सील कर दिया। वह दुकानदार भी जगह-जगह अपनी फरियाद लेकर घूम रहे हैं कि उनकी दुकानों को ऐसे न बंद किया जाए। अजानक उनके काम-धंधे को खत्म न किया जाए। यह एक प्रकार से आंदोलन का रूप ले रहा है। न सिर्फ करोलबाग बल्कि पूरी दिल्ली से हमें मैसेज आ रहे हैं। लोग इसका विरोध कर रहे हैं। अगले हफ्ते जैसे ही कोरोना की पाबंदियों में ढील मिलेगी, तो करोलबाग की जनता ने यह तय किया है कि इसके खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रदर्शन नगर निगम सिविक सेंटर के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के घर पर भी किया जाएगा। आपको यह भी पता लगा होगा कि खुद भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता अपने घर के सामने बने स्कूल की ज़मीन पर कब्जा कर उसपर अवैध निर्माण कर रहे हैं। इससे यह साफ होता है कि भाजपा के नेता एमसीडी के स्कूलों की ज़मीन पर कब्जा करने पर लगे हुए हैं। इसी तरह से एमसीडी के अधिकारी भी स्कूल की ज़मीनों को बेचकर कमीशन खाने में लगे हुए हैं।