उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) की स्वरोजगार गतिविधियों से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया। रविवार को झांसी में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने झांसी जिले और बुंदेलखंड क्षेत्र में इसके आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीण कारीगरों के बीच बिजली से चलने वाले कुम्हार के पहिये, मधुमक्खी के बक्से और अगरबत्ती बनाने की मशीनें वितरित की। इस अवसर पर झांसी से सांसद श्री अनुराग शर्मा भी उपस्थित थे। इस अवसर पर केंद्र सरकार के प्रमुख प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) पर एक जागरूकता कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया गया।
इस कार्यक्रम में केवीआईसी द्वारा वितरित किए गए उपकरणों में 200 मधुमक्खी बक्से, 100 इलेक्ट्रिक कुम्हार के पहिए (पॉटर व्हील) और 50 अगरबत्ती बनाने वाली मशीनें शामिल हैं। इससे 600 से अधिक स्थानीय लोगों के लिए संचयी रोजगार सृजित होगा। केवीआईसी ने इन लाभार्थियों को अपने घर पर इन मशीनों को चलाने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया है।
श्री वर्मा ने बुंदेलखंड क्षेत्र में केवीआईसी की पहल की सराहना की और कहा कि इन ग्रामीण कारीगरों को दी गई मशीनें उन्हें अपने घर पर आजीविका कमाने का मौका प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र में रोजगार सृजन की बहुत बड़ी संभावनाएं है। मंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में पीएमईजीपी, हनी मिशन और कुम्हार सशक्तिकरण योजना जैसे प्रमुख कार्यक्रमों को लागू करके रोजगार सृजन में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी की इन योजनाओं का उद्देश्य गरीब से गरीब लोगों को सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र केवीआईसी का फोकस क्षेत्र है जहां किसानों, बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार पैदा करने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं।
केवीआईसी ने पिछले 3 वर्षों के दौरान बुंदेलखंड क्षेत्र में 300 से अधिक कुम्हार परिवारों को सशक्त बनाया है, जिससे समुदाय के लगभग 1200 लोगों के लिए आजीविका का सृजन हुआ है। इसने इस क्षेत्र में लगभग 11,000 नई विनिर्माण इकाइयां स्थापित करके और इस प्रकार 8800 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करके पीएमईजीपी योजना को एक बड़ा उछाल दिया है। इन परियोजनाओं को मदद देने के लिए, केवीआईसी ने 75 करोड़ रुपये की सब्सिडी राशि भी वितरित की। इसके अलावा, अभी बुंदेलखंड क्षेत्र में 16 खादी संस्थान काम कर रहे हैं जिनमें ज्यादातर महिला कारीगरों द्वारा कताई और बुनाई का काम होता है।
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