पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय तेल एवं प्राकृतिक गैस की खोज और उत्पादन, शोधन, वितरण और विपणन, आयात, निर्यात और पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण से जुड़ा है। हमारी अर्थव्यवस्था के लिए तेल और गैस के महत्वपूर्ण आयात होने के कारण, मंत्रालय ने ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा जैसी प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए सभी घरेलू पेट्रोलियम संसाधनों के उत्पादन और दोहन को बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। चालू वर्ष में मंत्रालय ने निम्नलिखित पहल की हैं:
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: गरीब महिलाओं को बिना किसी जमा राशि के 8 करोड़ मुफ्त कनेक्शन प्रदान करने के लिए मई, 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) की शुरुआत की गई थी। प्रधानमंत्री ने इस योजना के दूसरे चरण उज्ज्वला 2.0 को उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में 10 अगस्त, 2021 को अखिल भारतीय आधार पर एक करोड़ अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए शुरू किया जिसमें कनेक्शन के साथ-साथ गैस की पहली रिफिल और स्टोव मुफ्त प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत 01.12.2021 तक कुल 80.5 लाख कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। यह मंत्रालय दैनिक आधार पर इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी कर रहा है।
रीफिल पोर्टेबिलिटी: ग्राहक सेवा के हित में वितरकों के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए, रीफिल पोर्टेबिलिटी को लागू किया गया है जिससे ग्राहक गैस रिफिल बुक करते समय अपने वितरक को चुनने में सक्षम हो गए हैं। ऐसे स्थिति में, कोई ऐसा ग्राहक जो अपने मूल वितरक की सेवाओं से संतुष्ट नहीं है, वह उसी कंपनी के वितरकों की सूची में से किसी भी एक वितरक को चुन सकता है जो उसके इलाके/क्षेत्र में सेवा प्रदान कर रहा है। इससे ग्राहकों को बेहतर संतुष्टि मिल सकेगी और वितरकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। रीफिल पोर्टेबिलिटी ग्राहकों को गैस वितरक चुनने के अधिकार का प्रयोग करने की प्रेरणा तो देती ही है, वितरकों को भी ग्राहकों को सर्वोत्तम श्रेणी की सेवाएं प्रदान करने और अपनी प्रदर्शन रेटिंग में सुधार करने के लिए प्रेरित करता है। हर बार गैस रिफिल के लिए वितरक चुनने की आज़ादी एलपीजी ग्राहकों को दी जा रही डिजिटल सेवाओं का एक और विस्तार है।
निर्बाध गैर-सब्सिडी वाला एलपीजी कनेक्शन (सभी काउंटर पर): नए कनेक्शन जारी करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, एलपीजी गैर-सब्सिडी वाले घरेलू कनेक्शन को ग्राहकों की पहचान (आईडी) के जरूरी प्रमाण और पते की स्व-घोषणा के साथ किसी भी काउंटर से जारी किया जा सकता है। यदि ग्राहक गैर-सब्सिडी वाले कनेक्शन लेने के बाद सब्सिडी प्राप्त करने के लिए दस्तावेज जमा करना चाहता है, तो ओएमसी और एनआईसी डिडुप क्लीयरेंस के अधीन वह पते की स्व-घोषणा की जगह पते का अन्य प्रमाण जमा करके सब्सिडी वाले कनेक्शन में बदलने में सक्षम है।
गैर-मुद्रीकृत खोजों का विकास: नवंबर, 2021 तक कुल 09 खोजों ( नामांकन से 03 (ओएनजीसी से 03) और पीएससी से 06) का मुद्रीकरण किया गया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दिनांक 8.11.2019 के संकल्प के अनुसार, परिवहन ईंधन के विपणन के लिए अधिकृत करने के दिशानिर्देशों को संशोधित किया, जिससे व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा मिलेगा और खुदरा क्षेत्र में निवेश करने के लिए निजी खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा। उक्त संकल्प “थोक” और “खुदरा” व्यवसाय के लिए केवल मोटर स्पिरिट और हाई स्पीड डीजल के विपणन के लिए लागू होता है। इसके अलावा, नए दिशानिर्देशों के तहत, 16 दिसंबर, 2021 तक 10 कंपनियों को विपणन के लिए अधिकृत किया गया है।
गैस ग्रिड: गैस ग्रिड के हिस्से के रूप में सितंबर, 2021 तक कुल 21,735 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई गई हैं।
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम: इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2020-21 के दौरान, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने 30.11.2021 तक मिश्रण उद्देश्य के लिए 302.30 करोड़ लीटर इथेनॉल की खरीद की है। मौजूदा इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2021-22 के लिए फीडस्टॉक के अनुसार बढ़ी हुई इथेनॉल की कीमतों की घोषणा सी हैवी मोलासेस रूट से 46.66/- प्रति लीटर, बी हैवी मोलासेस रूट से 59.08/- रुपये प्रति लीटर, गन्ने का रस/चीनी/चीनी सिरप रूट से 63.45/- रुपये प्रति लीटर, मक्का और खराब खाद्यान्न रूट से 52.92/- रुपये प्रति लीटर और एफसीआई में उपलब्ध अधिशेष चावल रूट से 56.87/- रुपये प्रति लीटर की दर से की गई है।
बायोडीजल सम्मिश्रण कार्यक्रम: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने 4 मई, 2021 को इंडियन ऑयल के टिकरीकलां टर्मिनल, दिल्ली से ईओआई योजना के तहत यूको (यूज्ड कुकिंग ऑयल- भोजन बनाने में इस्तेमाल किए गए तेल) आधारित बायोडीजल मिश्रित डीजल की पहली आपूर्ति को हरी झंडी दिखाई। बायोडीजल पर जीएसटी दर, जिसे डीजल के साथ सम्मिश्रण के लिए तेल विपणन कंपनियों को बेचा जाता है, को वित्त मंत्रालय ने 12% से घटाकर 5% कर दिया है जो 1 अक्टूबर, 2021 से प्रभावी है।
किफायती परिवहन के लिए स्थायी विकल्प (एसएटीएटी- सतत: “सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवार्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन (सतत)” पहल की शुरुआत 1 अक्टूबर 2018 को की गई थी, जिसमें तेल और गैस विपणन कंपनियां कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) की खरीद के लिए संभावित उद्यमी से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) मंगा रही हैं। इस पहल के तहत, 15 दिसंबर 2021 तक 2700 आशय पत्र (एलओआई) जारी किए गए हैं। 26 आरओ के माध्यम से 16 संयंत्रों से सीबीजी की आपूर्ति शुरू की गई और गुजरात में एक स्थान पर सीजीडी नेटवर्क में सीबीजी भरी गई।
नियामक अनुपालन भार में कमी: अनुपालन भार को कम करना, प्रक्रियाओं का सरलीकरण और ‘व्यापार करने में आसानी’ में सुधार पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में एक सतत प्रक्रिया है। वर्ष 2021 में सरकार द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान में कुल 276 अनुपालन कम किए गए और प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैसमंत्रालय का प्रदर्शन संकेतक: 01.12.2021 को उत्पादन 42.65 एमटीओई (तेल – 19.88 एमएमटी; गैस – 22.77 बीसीएम) है। अब तक 1,56,580 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले कुल 105 अन्वेषण ब्लॉक आवंटित किए गए हैं। 30.11.2021 तक 50 तेल खोजों का मुद्रीकरण किया गया। 30.11.2021 तक हाइड्रोकार्बन बुनियादी ढांचे पर 2,75,781 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उज्ज्वला 2.0 के तहत 01.12.2021 तक 1.29 करोड़ स्वीकृत आवेदनों में से 80.5 लाख एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए। इंडियन गैस एक्सचेंज जून 2020 में लॉन्च हुआ। सितंबर, 2021 तक 21,735 किमी गैस पाइपलाइन बिछाई गई। 31.10.2021 तक कुल 83.7 लाख पीएनजी (डी) कनेक्शन और 3532 सीएनजी स्टेशन जारी। अब तक विदेशी संपत्ति में कैपेक्स 22,681 करोड़ रुपए है। वित्त वर्ष 2019 के बाद से विदेशी तेल एवं गैस परिसंपत्तियों से ~56 एमएमटीओई का उत्पादन (लक्ष्य का 50% हासिल किया गया) हुआ।
डीएसएफ-III: डीएसएफ-III को 10 जून 2021 को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री द्वारा लॉन्च किया गया था। उसके बाद 30.07.2021 को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी की उपस्थिति में डीएसएफ-III पर एक प्रोमोशनल रोड शो का आयोजन किया गया।
पीएसए संयंत्रों की स्थापना: कोविड-19 की दूसरी लहर और देश भर के विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण पैदा हुई विकट स्थिति को देखते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, 13 तेल सार्वजनिक उपक्रमों को उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, गुजरात, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र राज्यों में सीएसआर गतिविधि के तहत पर्याप्त क्षमता के प्रेशर स्विंग एडसॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के लिए 110 अस्पतालों को सौंपा गया था ताकि इन अस्पतालों / जिलों में ऑक्सीजन की कमी की समस्या का उचित रूप से निपटारा किया जा सके। सीपीएसई 98840 एलपीएम की संयुक्त क्षमता के पीएसए संयंत्र स्थापित कर रहे हैं। कुल 101 संयंत्र चालू हो गए हैं और अन्य बाद में चालू होने की स्थिति में हैं।
जंबो सुविधाओं की स्थापना: कुछ रिफाइनरियों में, एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) का उत्पादन नहीं होता है, लेकिन कम दबाव पर ऑक्सीजन उपलब्ध होती है। इसे तरलीकृत नहीं किया जा सकता है और इसे सिलेंडर के माध्यम से ढोया या परिवहन भी नहीं किया जा सकता है। चूंकि इस ऑक्सीजन का उपयोग चिकित्सा उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, इसलिए राज्य सरकारों के समन्वय से रिफाइनरी परिसर के निकट जंबो कोविड देखभाल सुविधाएं स्थापित की गई हैं। ऐसी सुविधाओं का विवरण नीचे दिया गया है:
संयंत्र का नाम | स्थान | ऑक्सीजन युक्त बिस्तर क्षमता | स्थिति |
पानीपत नाफ्था क्रैकर, आईओसीएल | पानीपत, हरियाणा | 500 बिस्तर | कार्यरत |
सीपीसीएल (आईओसीएल) | चेन्नई, टी.एन. | 60 बिस्तर | कार्यरत |
बीना रिफाइनरी | बीना, मध्य प्रदेश | 200 बिस्तर | कार्यरत |
कोच्चि रिफाइनरी | कोच्चि, केरल | 350 बिस्तर | कार्यरत |
एचएमईएल | कनकवाल, बठिंडा | 100 बिस्तर | कार्यरत |
सीपीसीएल के तहत गैसोलीन डिसल्फराइजेशन (जीडीएस) ईकाई– प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 17.02.2021 को ईंधन गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के तहत गैसोलीन डिसल्फराइजेशन (जीडीएस) यूनिट को राष्ट्र को समर्पित किया है। आईओसीएल की बोंगईगांव रिफाइनरी में इंडमैक्स परियोजना 22.02.2021 को राष्ट्र को समर्पित की गई। बीपीसीएल की कोच्चि रिफाइनरी में प्रोपलीन डेरिवेटिव्स पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट (पीडीपीपी) को प्रधानमंत्री ने 14.02.2021 को राष्ट्र को समर्पित किया था।
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