- दिल्ली सरकार से पैसा मिलने के बावजूद एमसीडी गायों का संरक्षण करने में फेल साबित हुई – सौरभ भारद्वाज
- नॉर्थ एमसीडी में चारे का करीब 32 करोड़ बकाया है, साउथ एमसीडी ने फरवरी 2021 से पैसा नहीं दिया है और ईस्ट एमसीडी ने पिछले 3 सालों से पैसा नहीं दिया है- सौरभ भारद्वाज
- दूध देने वाली गायों को नीलाम करके एमसीडी राज्य से बाहर भेजती है और कुछ दिनों बाद उन्हें वापस दिल्ली ले आती है- सौरभ भारद्वाज
- एमसीडी गायों का इलाज नहीं करती है और मृत्यु होने पर उन्हें गैर-कानूनी गौशालाओं में चुपचाप दफन कर दिया जाता है- सौरभ भारद्वाज
नई दिल्ली, 26 दिसंबर, 2021
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में गायों की भूख से दर्दनाक मृत्यु हो रही है क्योंकि एमसीडी ने चारे के लिए तीन-तीन साल से करोड़ो रुपए का हिस्सा नहीं दिया है। गौशालाओं में चारे के लिए 40 रुपए प्रति गाय जमा किया जाता है, जिसमें 20 रुपए दिल्ली सरकार और 20 रुपए एमसीडी देती है। दिल्ली सरकार से पैसा मिलने के बावजूद एमसीडी गायों का संरक्षण करने में फेल साबित हुई है। नॉर्थ एमसीडी में चारे का करीब 32 करोड़ बकाया है, साउथ एमसीडी ने फरवरी 2021 से पैसा नहीं दिया है और ईस्ट एमसीडी ने पिछले 3 सालों से पैसा नहीं दिया है। दूध देने वाली गायों को नीलाम करके एमसीडी राज्य से बाहर भेजती है और फिर कुछ दिनों बाद उन्हें वापस दिल्ली ले आते हैं। सौरभ भारद्वाज ने दो वीडियो साझा करते हुए कहा कि एमसीडी गायों का इलाज नहीं करती है और मृत्यु होने पर उन्हें गैर-कानूनी गौशालाओं में चुपचाप दफन कर दिया जाता है। यह बेहद शर्म और दुख की बात है।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने रविवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले हफ्ते हमने एक प्रेसवार्ता के माध्यम से आप लोगों को बताया था कि एमसीडी के डीएमसी एक्ट के मुताबिक दिल्ली में गाय या पशुओं को रखना गैरकानूनी है। और सड़कों पर भी गायें दिखना गैरकानूनी है। यह जिम्मेदारी एमसीडी की है कि, यदि गलियों में, पार्कों में गाय-भैंस दिखें तो उन्हें उठाकर गौशाला में रख दिया जाए। हमने बताया था कि कैसे एक संगठित माफिया, एक गिरोह काम कर रहा है, जो इन गायों का दूध तो निकालता है लेकिन उन्हें चारा खिलाने के नाम पर उन्हें गलियों में कूड़ा खाने के लिए छोड़ देता है। अब सावल यह उठता है कि इन गौशालाओं के अंदर गायों का रखरखाव क्यों नहीं किया जा रहा है। इसके दो कारण हैं। एक कारण यह है कि इन गौशालाओं में उन्हीं गायों का रखा जाता है जो दूध नहीं देती हैं। जो गायें दूध देती हैं, यदि एमसीडी उन्हें उठाती है तो उनकी नीलामी की जाती है। और नीलामी के बाद उन्हें दिल्ली के बाहर किसी गौशाला को दिया जाता है। हैरानी की बात यह है कि उन गायों को उठाकर वापस दिल्ली में लाया जा रहा है जिसके बाद वह सड़कों पर नज़र आती हैं।
चारे के लिए तीनों एमसीडी के हिस्से का बकाया बताते हुए उन्होंने कहा कि हमने विधानसभा में 3-4 तारीख को प्रश्न लगाया है, जिसका उत्तर जनवरी में आएगा। हमने प्रश्न लगाया कि कितनी गायें पिछले 5 सालों में इन गौशालाओं में भेजी गईं और आज की तारीख में कितनी हैं? इनके आंकड़ें चौकाने वाले हैं। अब गौशालाओं की बात करें तो गौशालाओं के अंदर चारे के लिए 40 रुपए प्रति गाय जमा किया जाता है। जिसमें 20 रुपए दिल्ली सरकार देती है और 20 रुपए एमसीडी देती है। हमारे साउथ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान जी और नॉर्थ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल जी यहां बैठे हुए हैं। उन्होंने जानकारी निकाली जिसके अनुसार, नॉर्थ एमसीडी ने कई सालों से अपने हिस्से का पैसा नहीं दिया है। और करीब 32 करोड़ का बकाया लंबित है। साउथ एमसीडी ने फरवरी 2021 से यह हिस्सा नहीं भरा है। वहीं ईस्ट एमसीडी ने पिछले 3 सालों से यानि कि 2018 से अपने हिस्से का पैसा नहीं दिया है। जिसके अनुसार चारे की कमी के कारण भी इन गौशालाओं के अंदर गायों की मृत्यु हो रही है।
आप सोचिए यह हमारे लिए और समाज के लिए कितनी शर्म की बात है कि वह भारतीय जनता पार्टी जो गायों के नाम पर दलितों की हत्या करने के लिए जानी जाती है, हत्या और खून खराबा करने के लिए जानी जाती हैं, उसके द्वारा चलाई जा रही दिल्ली नगर निगम गाय के चारे के लिए तीन-तीन सालों से पैसा रोककर बैठी हुई है। और गायें भूखी मर रही हैं।
कुछ वीडियो साझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैंने पिछली बार वादा किया था कि मैं कुछ वीडियो आपके साथ साझा करूंगा कि किस दर्दनाक तरीके से गायों की मृत्यु, दिल्ली की सड़कों और गलियों पर हो रही हैं। क्योंकि गायें पूरा दिन कूड़े के ढ़लाव पर कूड़ा खाती हुई नज़र आती हैं। लोग अक्सर पॉलीथीन में कूड़ा फेंकते हैं। उसके अंदर कुछ खाने की चीजें भी होती हैं, हरी सब्जियों के छिलके होते हैं। यह कूड़ा कूड़े के ढ़लाव तक पहुंचता है और गायें इतनी भूखी होती हैं कि वह इस पूरी पॉलीथीन को यह सोचकर निगल जाती हैं कि इसमें कुछ तो खाना है, कुछ तो पेट में जाएगा। उसके बाद वह पॉलिथीन उनकी आंतों में फंस जाती है और दर्दनाक मौत का कारण बनती है। इन दोनों वीडियों में आप साफ देख सकते हैं कि कैसे गायों की दर्दनाक मौत हो रही है। एमसीडी ने इनका इलाज नहीं किया जिसके कारण इनकी ऐसी हालत हो गई। बाद में, जो गैर-कानूनी गौशाला चला रहे हैं, वहां लाकर उन्हें दफन कर दिया। यह देखकर बहुत ही दुख होता है लेकिन इसपर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।